जो ख़ुशी में इतराये ना ,
ग़म से कभी घबराये ना !
ऐसे शख्स का संग भी ,
सत्संग जैसा होता है !
जो ख़ुशी में बुलाये ना ,
ग़म में साथ निभाए ना !
ऐसे शख्स का याराना ,
नादानों जैसा होता है !
जो दिल की बात बताये ना,
दिल की लगी को भुलाये ना !
ऐसे शख्स से दिल लगाना ,
आत्मघात जैसा होता है !
बहुत सारगर्भित परिभाषा प्रस्तुत की है अपने।
ReplyDeleteसच्ची बात ...
ReplyDeleteसारगर्भित ......
ReplyDeleteबिलकुल सच जैसे......... जो दुख मे खड़ा न हो ,प्यार मे लड़ा न हो ,दिल से बड़ा न हो ... मित्र नहीं होता
ReplyDeleteतीनों स्थितियों को बाखूबी लिखा है ...
ReplyDeleteपर सच्चे दोस्त हर हाल में दोस्त ही रहते हैं ... सारगर्भित ...
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ReplyDeleteThe sector hopes for even more passionate writers such as you who are not afraid to mention how they believe.
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बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........
ReplyDeleteदिल से उफनते अनुभव के बोल
ReplyDeleteबेहतरीन और सत्य। ………… बधाई
सत्यवचन.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया, सारगर्भित !!
ReplyDeleteअहो भाग्य हमारे,आप हमारे पधारे।
ReplyDeleteअच्छे -सच्चे मित्रो का होना सौभाग्य वर्धक होता है।
मित्र रहित व्यक्ति को जीवन में सुख प्राप्त नहीं होता।
आप की यह छोटी सी मुलाकात,ओर आप का साथ
जीवन के अंतिम क्षणों तक असमर्निय रहेगा।
सारगर्भित - अति सुन्दर प्रस्तुति,
ने हमें भी अलिंकृत कर दिया।धन्यवाद
हमे भी बहुत अच्छा लगा शर्मा जी आपसे मिलकर ! एक पल को भी यह अहसास नहीं हुआ कि हम पहली बार मिल रहे हैं ! याद रहेगी ये छोटी सी मुलाकात !
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