एक बात हमको हरदम सताती है,
कि आजकल 60 तो क्या,
70 की उम्र भी इतनी जल्दी आ जाती है।
कहते हैं 60 में लोग सठियाने लगते हैं,
पर हमें तो लगता है ,
70 में भी ज्यादा सयाने लगते हैं।
मगर सरकार उम्र भर की सेवाओं का ये कैसा सिला देती है,
जो भरी जवानी में कर परमानेंट तबादला देती हैं।
खाली घर में रहकर हाथ पैर भी टेढ़े हो जाते हैं,
सेवानिवृत होकर तो जवान भी बूढ़े हो जाते हैं।
इसीलिए कहते हैं भैया रिटायर्ड हुए तो क्या, टायर्ड मत हो,
मिलो मिलाओ, कविता लिखो, सुनो सुनाओ, फिर ना कोई ज़हमत हो।
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर सोमवार 1 सितंबर 2025 को लिंक की जाएगी है....
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
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धन्यवाद।
Deleteसुंदर
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteआजकल रिटायर्ड होते ही कोई संविदा तो कोई आउट सोर्स से फिर से पारी शुरू कर रहे हैं ..
ReplyDelete@कविता रावत जी, आजकल खाली घर में बैठने लोग पसंद नहीं करते। लेकिन उनकी कोई और हॉबी भी तो नहीं होती। 😊
Deleteआजकल रिटायर्ड होते ही कोई संविदा तो कोई आउट सोर्स से फिर से पारी शुरू कर रहे हैं ..
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteआप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया।
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