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Sunday, October 13, 2024

रावण: एक पैरोड़ी....

 रावण को जलाता हूं, रावण ही नहीं जलता,

रावण ही नही जलता। 

कोशिशे तो बहुत की हैं, परिणाम नहीं मिलता,

रावण ही नहीं जलता। 


कलियुग के ज़माने में, दिल में हैं कई पापी,

खुद से लड़े खुद ही, जीत पाए ना कदापि।

ये पापी मिटाने का, अवसर ही नहीं मिलता,

रावण ही नहीं जलता।


पल भर के लिए इसको, कोई तो समझाओ,

दम भर को ही सही, सही रस्ता दिखलाओ,

ये दिल का दुष्ट महमां, दिल से नहीं हिलता।

रावण ही नहीं जलता। 


हर साल जलाता हूं, रावण ही नहीं जलता,

रावण ही नहीं जलता। 

4 comments:

  1. न जलता है न मरता है जब तक राम है रावण का अस्तित्व कोई नहीं समाप्त कर सकत है ।
    सादर।
    ---

    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना मंगलवार १५ अक्टूबर २०२४ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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