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Thursday, August 1, 2024

हास्य कवि...

 पत्नी पर कविता सुनाओ तो पत्नी नाराज़ हो जाती है,

बालों पर कविता सुनाओ तो दोस्तों की हालत नासाज हो जाती है।


धर्म पर कविता सुनाओ तो

लोग सांप्रदायिक फसाद में फंस जाते हैं,

नेताओं पर कविता सुनाओ तो दोस्त ही खेमों में बंट जाते हैं। 


यही सोचकर आजकल हास्य कवि मंचों पर,

कविता नहीं, केवल चुटकले सुनाते हैं। 😅

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