top hindi blogs

Friday, January 12, 2024

ग्लोबल वार्मिंग और बदलता मौसम...

 दिल्ली में दिसंबर गर्म है, और शिमला भी सूखा है,

बिना स्नोफॉल कनाडा का, क्रिसमस भी रूखा है। 


कोहरा है, धुंध है, आसमान का रंग भी गहरा है,

घर बैठे हैं, बाहर धीमी धीमी बारिश का पहरा है। 


बारिश की फुहारें भी अदृश्य है, दिखाई नहीं दे रहीं,

बूंदें नवजात शिशु के नर्म स्पर्श सा बस अहसास दे रहीं। 


झील का पानी शांत है, ना कोई बोट ना पानी की कलकल है,

सड़कें वीरान हैं, ना गाड़ियों का शोर है ना हवा में कोई हलचल है।


सुना है पहली बार दिसंबर बिना स्नोफॉल निकल रहा है,

एक चेतावनी है समझो तो, विश्व का मौसम बदल रहा है। 


पृथ्वी की सतह का तापमान हर साल बढ़ता जा रहा है,

लगता है जैसे इस प्लेनेट का अन्तकाल निकट आ रहा है। 


पता चला है पृथ्वी पर 1.3 मिलियन बिलियन मनुष्य रह सकते हैं,

यानि अभी हम और दो लाख गुणा लोगों का बोझ सह सकते हैं। 

किंतु वो जिंदगी भी क्या होगी जब चप्पे चप्पे पर जिंदगानी होगी,

प्राकृतिक संसाधन सब खत्म होंगे, आदिकाल सी कहानी होगी।  


आओ आपसी भेद भाव को भूलकर सब एक जुट हो जाएं,

सब मिलकर करें विचार और धरा को बेवक्त बर्बादी से बचाएं। 


4 comments:

  1. इस बार तो सर्दी अच्छी हो रही है।

    ReplyDelete
    Replies
    1. जनवरी में जाकर। दिसंबर तो गर्म ही रहा।

      Delete
  2. भविष्य दिखाती एक शानदार कविता।

    ReplyDelete