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Wednesday, September 28, 2022

विदेश में रह कर अर्जित ज्ञान --

 विदेश का ज्ञान:


जेब में रुमाल, पर्स में पैसे और 

बैक पॉकेट में कंघी नज़र आए तो 

समझ जाओ कि बंदा हिंदुस्तानी है। 


ऊंची बिल्डिंग्स की चोटी को ऐसे देखे 

कि सिर से टोपी ही गिर जाए तो 

समझ जाओ कि बंदा हिंदुस्तानी है। 


आस पास हर शख्स को ताके झांके

और किसी हूर को घूरता नज़र आए तो 

समझ जाओ कि बंदा हिंदुस्तानी है। 


बस का सफ़र हो या ट्रेन का

आते ही चलो चलो बोलने लग जाए तो

समझ जाओ कि बंदा हिंदुस्तानी है। 


चौराहे पर खड़ा हो या जेब्रा क्रॉसिंग

गाड़ी को आते हुए देखते ही रुक जाए तो

समझ जाओ कि बंदा हिंदुस्तानी है। 


बंदा हिंदुस्तानी हो और आपके सामने से

यूँ अकड़ कर निकले जैसे टॉम क्रूज हो तो 

समझ जाओ कि बंदा पक्का हिंदुस्तानी है।

7 comments:

  1. जी ,समझ गए । कभी गए विदेश तो याद रखेंगे ।

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  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार(३०-०९ -२०२२ ) को 'साथ तुम मझधार में मत छोड़ देना' (चर्चा-अंक -४५६८) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  3. 65 साल की उम्र में पहली बार मैंने विदेश का (यूरोप का) 12 दिन का चक्कर लगाया था.
    मुझे भी वहां कई ऐसे ही हिन्दुस्तानी मिले थे और मज़े की बात तो यह थी कि उन हिन्दुस्तानियों को भी मैं उन से अलग नहीं लगा था.

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