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Sunday, February 23, 2020

ताऊ को कहीं देखा ?


ताऊ कौन है ?
आजकल फेसबुक पर फिर से ताऊ अवतरित हुए हैं । ये ताऊ साल भर अंतर्ध्यान रहते हैं लेकिन जब जब होली आती है, ये ताऊ फेसबुक की ओर अग्रसर हो लेते हैं। वैसे तो हरियाणा का एक एक बंदा ताऊ ही होता है। लेकिन ये ताऊ स्पेशल है। क्योंकि ये हरियाणवी ताऊ से भी ज्यादा ताऊ हैं । इनकी एक खास बात ये है कि इन्हें ईश्वर अल्लाह की तरह किसी ने आज तक नहीं देखा। दूसरी खास बात ये है कि ये दुनिया मे सिर्फ दो लोगों से डरते हैं , एक ताई से और दूसरे हम से ( कमाल है कोई हम से भी डरता है )।

ताई से डरने का कारण तो खुद ही बता देते हैं, जो है ताई का लट्ठ। वैसे दुनिया मे ऐसा कोई खुदा का बंदा नहीं बना जो पत्नी से ना डरता हो। लेकिन इन्हें ताई के लट्ठ की आदत इस कद्र पड़ गई है कि जब तक दो चार ना खा लें तब तक ना इन्हें भूख लगती है ना प्यास और ना ही नींद आती है। और तो और यदि कब्ज़ हो जाये तो भी इलाज़ ताई का लट्ठ ही करता है। अब तो हमने भी इनके पास नेचुरोपैथी के लिए मरीज़ रेफेर करने शुरू कर दिए हैं।
अब बताते हैं हम से डरने का कारण। हुआ यूं कि एक बार हिमालय पर ट्रेकिंग करते हुए ताऊ से हमारी मुलाकात हो गई। हमने फौरन ताऊ के साथ एक सेल्फी ले ली। तब तो ताऊ ने खुशी खुशी पाउट बनाते हुए फोटो खिंचवा ली लेकिन फिर डर सताने लगा कि कहीं हम फेसबुक पर ना डाल दें । आखिर हमारी आदत से वे भी वाकिफ़ थे।
अब जब ताऊ फिर से रायता फैलाने की धमकी दे रहे हैं तो हमने ताऊ को फोन कर पूछा कि फोटो डाल दूं। तब से ताऊ परेशान घूम रहे हैं , कभी किसी की सिफारिश लगवा रहे हैं कभी किसी की। लगभग आधे पुराने ब्लॉगर्स के फोन आ चुके ताऊ के लिए। इतने फोन तो DMC के होने वाले चुनाव के लिए डॉक्टर्स के भी नही आये। हमने भी सोच लिया है कि इधर ताऊ ने हमारे ब्लॉग पर रायता फैलाया, उधर हमने ताऊ का झुर्रीदार ओरांगउटांग जैसा चेहरा दुनिया को दिखाया। आखिर ताऊ ने कौन सा अपनी शक्ल को पेटेंट करा रखा है।

तो दोस्तो इस बार होली तक शाहीन बाग का धरना खत्म हो ना हो लेकिन ताऊ के उजागर होने की संभावना दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। फिलहाल ट्रम्प के दर्शन करिए और ताऊ के लिए इंतज़ार।
नोट: यह होली विशेष पोस्ट ब्लॉगर्स के लिए है। लेकिन नॉन ब्लॉगर्स भी ताऊ से परिचित हो सकते हैं।

4 comments:

  1. लग रहा है कि ताऊ से मिलने की दिली तमन्ना पूरी होने वाली है :)

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  2. लगता है ताऊ को अब हिमालय से नीचे आना ही पडेगा:)
    रामराम

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  3. आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'बुधवार' २६ फ़रवरी २०२० को साप्ताहिक 'बुधवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/



    टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'बुधवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।



    आवश्यक सूचना : रचनाएं लिंक करने का उद्देश्य रचनाकार की मौलिकता का हनन करना कदापि नहीं हैं बल्कि उसके ब्लॉग तक साहित्य प्रेमियों को निर्बाध पहुँचाना है ताकि उक्त लेखक और उसकी रचनाधर्मिता से पाठक स्वयं परिचित हो सके, यही हमारा प्रयास है। यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है बल्कि साहित्य के प्रति हमारा समर्पण है। सादर 'एकलव्य'

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