आज वर्ल्ड रेबीज डे है। क्या आप जानते हैं :
* रेबीज एक १०० % फेटल रोग है। यानि यदि रेबीज हो गई तो मृत्यु निश्चित है।
* लेकिन यह १०० % प्रिवेंटेबल भी है। यानि इससे पूर्णतया बचा जा सकता है।
* इसका बचाव भी बहुत आसान है। अब पेट में १४ दर्दनाक ठीके नहीं लगाये जाते।
* कुत्ते या बिल्ली आदि के काटने पर महज घाव को बहते पानी और साबुन से १० मिनट तक धोते रहिये। फिर कोई भी एंटीसेप्टिक लगा दीजिये। पट्टी बिलकुल मत बांधिए ।
* उसके बाद बस डॉक्टर की शरण में चले जाइये। आपका काम हो गया।
दो एक साल पहले एक आवारा कुत्ते ने मुझे काटा था, तो डॉक्साब ने तो मुझे 5 इंजेक्शन लगवाने की पर्ची दी थी जो मैंने लगवाए थे, परंतु अब क्या इलाज और भी सरल हो गया है?
ReplyDeleteजी हाँ , अब इंट्रा डर्मल रुट से इंजेक्शन दिए जाते हैं जिसमे ४ डोज ही देते हैं। और वेक्सीन की भी बचत हो जाती है। लेकिन ये सिर्फ सरकारी अस्पताल में ही है।
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ReplyDeleteकित्ते-बिल्ली के अलावा और किस किस प्राणी से रेबीज का खतरा होता है, इसकी भी जानकारी मिल जाती तो कितना अच्छा होता.... खैर वर्ल्ड रेबीज डे पर इस उपयोगी प्रस्तुति हेतु आभार!
कुत्ता , बिल्ली , बन्दर और सभी जंगली जानवरों से रेबीज हो सकती है। लेकिन घरेलु चूहे और चमगादड़ से नहीं होती।
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (29-09-2015) को "डिजिटल इंडिया की दीवानगी मुबारक" (चर्चा अंक-2113) (चर्चा अंक-2109) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
शुक्रिया शास्त्री जी।
Deleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, युवाओं की धार को मिले विचारों की सान - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteशुक्रिया ।
Deleteबढ़िया काम की जानकारी. शुक्रिया.
ReplyDeleteवाह डाक्टर साहब , बढ़िया जानकारी
ReplyDeleteडॉक्टेर साहेब बहुत शुक्रिया जानकारी के लिए
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