सेवा निवृति एक ऐसा अवसर होता है जिसमे ख़ुशी भी शामिल होती है और थोड़ा रंज भी। ख़ुशी एक लम्बे व्यवसायिक जीवन के सफलतापूर्वक पूर्ण होने की। और रंज सफलता की ऊँचाई पर पहुंचकर कुर्सी छोड़ने का। अक्सर ऐसे में सेवा निवृत होने वाला व्यक्ति भावुक हो जाता है और कभी कभी लोग रोने भी लगते हैं। लेकिन हमारे अस्पताल में पिछले दस सालों में सेवा निवृत होने वाले सभी अधिकारीयों को हमने हँसते हँसते विदा किया। इसी क्रम को बनाए हुए ३० अप्रैल को जब हम स्वयं सेवा निवर्त हुए तो हमने उसी ख़ुशी के वातावरण को बनाए रखा। हमारे साथ हमारे एक और साथी डॉकटर को भी विदा किया गया जिन्होंने स्वैच्छिक सेवा निवृति ली थी।
मंच पर चिकित्सा अधीक्षक और अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक के साथ हम दोनों।
गंभीर रूप में बस यही एक पल था जब हम हँसते हुए नज़र नहीं आ रहे थे। लेकिन स्वागत सम्मान समारोह आरम्भ होने के बाद एक भी क्षण ऐसा नहीं था जिसमे लोगों के चेहरे पर मुस्कान न रही हो। फूल भेंट करने वालों में सभी उच्च अधिकारीगण शामिल हुए।
प्रिंसिपल स्कूल ऑफ़ नर्सिंग।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक।
पूर्व चिकित्सा अधीक्षक एवम विभाग अध्यक्ष ई एन टी।
पूर्व चिकित्सा अधीक्षक एवम विभाग अध्यक्ष शल्य चिकित्सा।
डायरेक्टर फैमिली वेलफेयर।
एडिशनल सेक्रेटरी स्वास्थ्य मंत्रालय।
विभाग अध्यक्ष मनो रोग।
हमारे एक पुराने साथी जो सेवा निवृत हो चुके हैं।
अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक।
नर्सिज यूनियन की सदस्या अधिकारीगण।
कर्मचारी यूनियन के सदस्य।
सीनियर प्रोफ़ेसर और हमारे कॉलेज के सबसे पहले बैच की हमारी सीनियर सहपाठी।
हॉल का एक दृश्य।
दूसरी ओर वरिष्ठ डॉक्टर्स।
कार्यक्रम का सञ्चालन करते हुए भारत भूषण जो सदा हमारे साथ मंच पर सहयोगी रहे और अपनी आवाज़ से सबको मंत्रमुग्ध करते थे।
हम दोनों के परिवार के सदस्य भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
अपने विदाई भाषण में हमने उपस्थित सभी कर्मचारियों और अधिकारीयों को विशेष रूप से दो बातों को याद रखने का आह्वान किया।
एक तो ये कि एक अच्छा स्वास्थयकर्मी होने के लिए तीन गुणों का होना आवश्यक है -- avilability , affability , ability . यानि आपकी उपस्थिति , मृदु व्यवहार और आपकी योगयता।
दूसरा अपने कर्मों को इस कद्र सुधारना चाहिए कि जाते समय बुरे कर्मों का बोझ साथ ना हो।
कवि नीरज की इन पंक्तियों के साथ हमने अपने अभिभाषण को समाप्त किया :
जितना कम सामान रहेगा ,
उतना सफ़र आसान रहेगा।
जितना भारी बक्सा होगा ,
उतना ही तू हैरान रहेगा।
एक नई पारी के लिए हार्दिक शुभकामनाएं स्वीकार करें |
ReplyDeleteसादर प्रणाम |
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " हिंदी भाषी होने पर अभिमान कीजिये " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
अविस्मरणीय पल ..
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनाएं!
कार्यकाल की मधुर स्मृतियाँ हमेशा साथ रहेंगी.
ReplyDeleteजीवन के नए अध्याय के आरम्भ हेतु शुभकामनाएँ.
हार्दिक शुभकामनाएं ... सदा स्वस्थ रहें, व्यस्त्ा रहें और इसी तरह मस्त रहें।
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