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Thursday, April 7, 2016

मधु के सेवन से कभी , मधुमेह नहीं होता ---


विश्व स्वास्थ्य दिवस पर प्रस्तुत हैं कुछ काम की बातें :



सिगरेट पीते थे हमदम, हम दम भर कर ,
अब हरदम हर दम पर, दम निकलता है।

गुटखा खाते थे वो , मुंह में चबा चबा कर ,
अब खाने को भी , मुंह ही नहीं खुलता है।  

मत समझो दाने दाने में है केसर का दम ,
होता है दाने दाने में कैंसर का डर हरदम।

ग़र जी भर कर वर्षों तक, पीते रहे शराब ,
जिगर फिर इक दिन होकर रहेगा खराब।

मधु के सेवन से कभी , मधुमेह नहीं होता ,
ग़र हो जाये तो सही, मधु से नेह नहीं होता।

निष्क्रिय न रहो , चलो काम पर लगा जाये ,
वेट और पेट घटाने को , ज़रा तेज चला जाये।

वरना घेर लेंगे बी पी , शुगर, आर्थराइटिस ,
और सेहत की हो जायेगी टायं टायं फिस।


8 comments:

  1. निष्क्रिय न रहो , चलो काम पर लगा जाये ,
    वेट और पेट घटाने को , ज़रा तेज चला जाये।
    वरना घेर लेंगे बी पी , शुगर, आर्थराइटिस ,
    और सेहत की हो जायेगी टायं टायं फिस।

    एकदम सही डाक्टर साहब , अभिवादन

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  2. bahut sundar janakaripoorn Rachana ... Abhaar

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  3. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (08-04-2016) को "नैनीताल के ईर्द-गिर्द भी काफी कुछ है देखने के लिये..." (चर्चा अंक-2306) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  4. ज्ञानप्रद सुन्दर प्रस्तुति

    आभार

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  6. काम की रचना , हर दुसरे घर की यही कहानी है !

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  7. तो ताऊजी के आदेश से मधु खाना शुरू कर दूं....मधुमेह तो है..मधु से नेह कर लूं.....ताऊजी खाने वाली मधू की बात कर रहा हूं...

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