रिटायरमेंट ने काम से नाता अटूट बना दिया है ,
हमें कामवाली बाई का सब्स्टीस्यूट बना दिया है।
जब भी कामवाली बाई लम्बी छुट्टी भग जाती है ,
घर के काम करने की अपनी ड्यूटी लग जाती है।
गर्मी के मौसम में समझो मुसीबत आ जाती है,
शुक्र है लॉकडाउन की ट्रेनिंग काम आ जाती है।
एक दिन तो सामने वाली आंटी ने आवाज़ लगाई,
बोली बेटा आज छुट्टी पर है मेरी कामवाली बाई।
कोई सबस्टीच्यूट हो तो दो चार दिन को बुलाना,
हम समझ गए कि ये तो हमें पेलने का है बहाना।
अब तो मोहल्ले भर में हम वेल्ले मशहूर हो गए हैं ,
लगता है जैसे अब डॉक्टर नहीं मज़दूर हो गए हैं।
उस पर पत्नी कहती है काम करोगे तो व्यस्त रहोगे,
हाथ पैरों के जोड़ सलामत रहेंगे और स्वस्थ रहोगे।
जाने सरकार को क्या जल्दी थी हमें घर बिठाने की,
अभी तो हम बहुत सेवा कर सकते थे ज़माने की।
पर जवानी में घर बिठाकर लल्लू शौहर बना दिया है,
और सरकारी अफ़सर से हमें घरेलू नौकर बना दिया है।
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 28 जून 2022 को साझा की गयी है....
ReplyDeleteपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
धन्यवाद जी। 🙏
Deleteज़बरदस्त व्यंग्य रचना । खुद पर व्यंग्य सरल नहीं । जवानी में रिटायर कर दिया , भला ये भी कोई बात हुई ।।
ReplyDelete😅🙏🙏
Deleteसरकार से संविदा नियुक्ति ऑर्डर लेकर सरकारी हॉस्पिटल में बैठ जाएं तो घर के कामों से फुरसत। पर सर जी जरा सोच लें फिर घर में कोई न पूछे तो फिर मत कहना। घर के काम में क्या कम डॉक्टरी छिपी है, रिसर्च तो कीजिये इस पर जरा ?
ReplyDeleteहम तो वर्क एट होम एन्जॉय कर रहे हैं जी। 😊
Deleteवाह बहुत खूब
ReplyDeleteधन्यवाद शास्त्री जी। 🙏
ReplyDeleteवाह!बढ़िया कहा सर 👌
ReplyDeleteरोचक व्यंग्य कहने का तरीका लाजवाब।
ReplyDeleteबहुत सुंदर।
पसंद करने के लिए आप सब का शुक्रिया। 😊🙏
ReplyDeleteबेहद रोचक, रिटायरमेंट के बाद यही हालत होती, इसका भी लुत्फ उठाइए,सर,🙏
ReplyDelete😃👌👌बहुत बढिया डॉक्टर साहब ।इसी बहाने गृह स्वामिनी की परेशानियो से भी वाकिफ़ हुये 🙏🙏
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