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Monday, April 16, 2018

अध्यक्ष के चुनाव में फूलवालों की होड़ ...

सभा समाप्त होते ही :

नव निर्वाचित अध्यक्ष पर फूल मालाओं की जो लगी झड़ी।
सारे श्रोताओं में फोटो खिंचवाने की जैसे होड़ सी लग पड़ी।

देखते देखते श्रोताओं से सारा मंच खचाखच भर गया ,
मैं तो ये प्रेमासक्त अद्भुत नज़ारा देखकर ही डर गया।

एक श्रोता दूसरे श्रोताको धकाकर आगे बढ़ रहा था।
दूसरा फोटो के लिए तीसरे के काँधे पर ही चढ़ रहा था।

भीड़ अध्यक्ष के अगल बगल जब तक एक कतार लगाती ,
तब तक पहली कतार के आगे एक और कतार लग जाती।

एक बार हम भी छलांग मार करीब जाने में सफल हो गए। 
पर तभी एक जोरदार धक्का खाकर गिरे और विफल हो गए।

आलम ये थे कि इधर धड़ाधड़ फोटो खींचे जा रहे थे,
उधर हम कभी दाएं कभी बाएं धकियाये जा रहे थे।

और लोग तो जंगल में हिरणों की तरह कुलांचे मारते रहे ,
हम बस शेर की तरह शिकार को हाथ से जाते देखते रहे।

फोटोग्राफर भी बेचारा दे दनादन फोटो उतार रहा था ,
हमें तो पूरा शक था कि पट्ठा खाली फलैश मार रहा था।

वैसे फोटो खिंचवाने को हम भी १5 बार ट्राई मार चुके थे,
पर मायूस से खड़े थे क्योंकि आखिरी ट्राई भी हार चुके थे।

हमें संघर्ष करते देख एक सज्जन की नज़र हम पर पड़ गई ,
पर कुछ लम्बूओं के सामने हमारी तो हाईट ही कम पड़ गई।

तभी हमें महमूद ग़ज़नवी का इतिहास याद आया ,
और १७ वीं बार प्रहार करने का प्रयास याद आया।

आखिरकार १७वीं बार में हम भी कामयाब हो गए ,
और अध्यक्ष जी के साथ कैमरे में आबाद हो गए। 

3 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (17-04-2017) को ""चुनाव हरेक के बस की बात नहीं" (चर्चा अंक-2943) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. http://bulletinofblog.blogspot.in/2018/04/blog-post_17.html

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  3. आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' २३ अप्रैल २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/

    टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।

    निमंत्रण

    विशेष : 'सोमवार' २३ अप्रैल २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने साप्ताहिक सोमवारीय अंक में दो अतिथि रचनाकारों आदरणीय सुशील कुमार शर्मा एवं आदरणीया अनीता लागुरी 'अनु' का हार्दिक स्वागत करता है। अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/

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