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Wednesday, January 10, 2018

कुछ ऐसा रहा गुजरा साल ---


गुजर गया एक और साल ,
जाते जाते देखो कर गया क्या हाल।
मोदी जी तो मित्रों मित्रों हुंकारते रहे ,
पर एकदम चुप हो गए केजरीवाल।

'आप' साल भर ई वी एम की देते रहे दुहाई ,
गुजरात में कोई भी गुटबंदी काम ना आई। 
यू पी में लड़के करते रहे गलती पे गलती ,
पर पांच राज्यों में सरकार भाजपा ने ही बनाई।

संसद में 'जी एस टी' विधेयक पास हो गया,
पक्ष में वोट देकर भी विपक्ष उदास हो गया। 
सरकार को टैक्स तो देते हैं बस सरकारी नौकर ,
अब बिजनेसमैन के भी टैक्स भरने का इंतज़ाम खास हो गया।

पुराने घोटालों का रहा कोर्ट में बड़ा बोलबाला ,
सी बी आई ने लालू के महलों पर छापा डाला। 
राजा राणी तो पौने दो लाख करोड़ पचा गये ,
पर लालू को ना हज़्म हो पाया चारे का निवाला।

रागा साल भर मोदी राग गाता रह गया ,
करण का जौहर बस नेपीज में बह गया।
विराट अनुष्का की तो इटली में हो गई शादी ,
पर सलमान इस साल भी कुंवारा ही रह गया।


बाबा राजपाल का खुल गया राज ,
राम रहीम का भी छूट गया ताज।
बंद हो गये आश्रम और पाप के डेरे ,
हाथ में मनी है ना साथ में हनी है आज।

क्रिकेट में टीम इंडिया ने सीरीज जीत डाली सारी,
बॉक्सिंग में भी विजेंदर के मुक्के पड़ते रहे भारी। 
सारे फ़िल्मी स्टार पैसे के लिए करते रहे विज्ञापन,
बस सलमान की ''टाइगर जिन्दा है'' की कमाई है जारी। 

कश्मीर में आतंक मचाता रहा नापाक लश्कर ,
सर्जिकल स्ट्राइक में हमने तोड़े पाक के बंकर।
डोकलाम में चीन की मीठी गोली भी काम ना आई,
जब हमारे जांबाज़ छाती तान अड़े रहे चट्टान बनकर।

आई एस आई एस की होती रही करारी हार ,
पर किम जोंग को चढ़ गया न्यूक्लियर बुखार।
पट्ठा बात बात पर बटन दबाने की दे रहा है धमकी,
मानो एक सांड दूसरे सांड को रहा हो ललकार ।

मोदी ने सिखाया सारे विश्व को भारत का योग,
योगी के हाथ में था मुख्यमंत्री बनने का योग।
राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति भी बने भाजपा के ,
पहली बार हुआ है देश में यह अद्भुत संयोग। 

7 comments:

  1. शानदार, बेहतरीन, अतिसुन्दर, गजब,

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  2. और इस साल अंत में एक फिर दंगल होगा शुरू
    और जाने क्या-क्या होने वाला है
    बहुत अच्छे से लपेट मारा है सबको

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  3. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन विश्व हिन्दी दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

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  4. निमंत्रण पत्र :
    मंज़िलें और भी हैं ,
    आवश्यकता है केवल कारवां बनाने की। मेरा मक़सद है आपको हिंदी ब्लॉग जगत के उन रचनाकारों से परिचित करवाना जिनसे आप सभी अपरिचित अथवा उनकी रचनाओं तक आप सभी की पहुँच नहीं।
    ये मेरा प्रयास निरंतर ज़ारी रहेगा ! इसी पावन उद्देश्य के साथ लोकतंत्र संवाद मंच आप सभी गणमान्य पाठकों व रचनाकारों का हृदय से स्वागत करता है नये -पुराने रचनाकारों का संगम 'विशेषांक' में सोमवार १५ जनवरी २०१८ को आप सभी सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद !"एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/

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  5. ........बहुत अलग ढंग से व्याख्या की है अच्छी लगी

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