दिल्ली के आस पास २०० से ३०० किलोमीटर की दूरी पर अनेक पर्यटक स्थल हैं जहां देश विदेश से सैलानी घूमने के लिये आते हैं ! दिल्ली वालों के लिये भी ये स्थल अच्छे वीकेंड एस्केप का काम करते हैं ! इसी तरह मुम्बई के आस पास भी कुछ स्थान ऐसे हैं जहां मुम्बईकार सप्ताहांत मज़े से बिताकर तरो ताज़ा महसूस कर सकते हैं ! इन्ही मे से एक है , केन्द्रीय शासित प्रदेश दमन !
मुम्बई से दमन की दूरी मात्र १८० किलोमीटर है ! यहाँ जाने के लिये आपको राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर ८ पर जाना पड़ेगा जो मुम्बई से अहमदाबाद को जाता है ! रास्ते मे ३-४ टॉल प्लाज़ा मिलेंगे जहां आपको टॉल टैक्स देना पड़ेगा ! लेकिन हाईवे बहुत अच्छा बनाया गया है और बहुत ही खूबसूरत हरी भरी वादियों से होता हुआ गुजरता है ! इसलिये जल्दी ही आप टॉल की मार को भूल जाते हैं !
दोनो ओर छोटे छोटे हरे भरे पहाड़ विभिन्न आकृतियों मे आपका मन मोह लेते हैं ! महाराष्ट्र गुजरात बॉर्डर पर आपको गाड़ी का एंट्री पास भी बनवाना पड़ेगा ! अन्तत: वापी नाम के शहर से बायीं ओर मुड़कर करीब १२ किलोमीटर के बाद आप पहुंच जाते हैं दमन ! यूं तो यह एक छोटा सा कस्बा जैसा ही है लेकिन समुद्र किनारे अनेकों होटल और रिजॉर्ट्स बने हैं जहां ठहरना अपने आप मे एक अनुपम अनुभव होता है ! अधिकतर होटल्स देवका बीच रोड़ पर बने हैं जिनमे रेस्ट्रां समुद्र किनारे इस तरह बनाये गए हैं कि आप खाते पीते हुए समुद्र की लहरों का आनंद ले सकते हैं !
लेकिन यह तभी संभव है जब समुद्र मे पानी हो ! चौंकिये मत , पहली नज़र मे आपको ऐसा ही लगेगा ! दिन के समय समुद्र का तल काफी नीचे हो जाता है जिससे पानी किनारे से २००-३०० मीटर दूर चला जाता है ! और आपको दिखाई देते हैं ये काले काले पत्थर जिनके बीच कहीं कहीं थोड़ा सा पानी ऐसे नज़र आता है जैसे समुद्र मे भी सूखा पड़ गया हो !
लेकिन यदि दिल मे उमंग हो और अपनों का साथ हो तो रेगिस्तान मे भी आनंद मनाया जा सकता है ! घूमने वाले पत्थरों और रेतीले पानी को पार कर दूर समुद्र किनारे तक पहुंच ही जाते हैं ! विशेषकर शाम के समय नज़ारा अद्भुत होता है जब अरब सागर मे पश्चिम की ओर सूर्य की लालिमा समुद्र की लहरों के साथ अठखेलियाँ करने लगती है ! सैलानी इस अलौकिक दृश्य को आँखों मे भरकर भाव विभोर हो जाते हैं !
सूरज के ढलने के साथ ही समुद्र तल उपर उठने लगता है और पानी का स्तर भी बढ़ने लगता है ! अब सभी किनारे की ओर प्रस्थान करने लगते हैं ! हालांकि मौज मस्ती के मूड मे आये कुछ युवा लोग पानी के किनारे बैठ कर बीयर का सेवन करते नज़र आते हैं , लेकिन शाम के समय जब पानी का स्तर बढ़ने लगता है , तब ऐसा दुस्साहस करना एक मूर्खतापूर्ण कदम साबित हो सकता है !
बीच पर बने सभी होटल्स मे रेस्ट्रां समुद्र की ओर बनाये गए हैं ताकि खाने पीने के साथ साथ आप समुद्र से आती शीतल हवा का भी आनंद ले सकें ! शाम के समय यहाँ संगीत और ग़ज़लों के स्वर भी गूँजने लगते हैं ! सभी रेस्ट्रां मे बार भी उपलब्ध हैं ताकि इनहॉउस ही मदिरापान का लुत्फ़ उठाया जा सके ! हालांकि दमन मे मुम्बई की अपेक्षा शराब बहुत सस्ती है लेकिन बार मे तो रेट महंगे ही मिलेंगे ! फिर भी पीने वालों को रेट नहीं टेस्ट की फिक्र होती है जो यहाँ पूर्ण होती है !
रात मे समुद्र तल इतना उपर आ चुका होता है कि पानी अब किनारे तक पहुंच चुका होता हैं ! यह एक अज़ब नज़ारा होता है कि जहां दिन मे दूर दूर तक पत्थर दिखाई देते हैं , वहीं सवेरा होने पर पानी ही पानी दिखाई देता है !
हालांकि दो दिन का ब्रेक भी आपमे नई चुस्ती और स्फूर्ति का संचार कर सकता है और आप एक अच्छा सप्ताहंत मना सकते हैं , लेकिन यदि आप बीच और समुद्र मे नहाने के शौकीन हैं तो दमन मे बीच निराश ही करेगी ! यहाँ सिर्फ दो ही बीच हैं और दोनो ही काले रंग के पथरीले रेत और रोड़ियों से भरी हैं ! साथ ही पत्थरों के बीच पानी मे नहाना निश्चित ही खतरनाक है ! लेकिन यह शौक पूरा करने के लिये यहाँ एक वाटर पार्क है जिसमे कृत्रिम बीच बनाई गई है जहां आप समुद्र की लहरों का मज़ा ले सकते हैं जैसे टोरंटो के वंडरलेंड मे है ! इसके अलावा दमन मे कुछ विशेष नहीं है !
लेकिन निराश मत होइये , यदि आप प्रकृति के बीच घूमने के शौकीन हैं तो अगली पोस्ट पढ़ना मत भूलियेगा !
बहुत ही छोटा लिखा हैं आपने, मैं तो अधूरा ही रह गया।
ReplyDeleteबहुत अच्छी फोटोज और जानकारी डाली हैं आपने,
लेकिन, अंत में बहुत कम और शॉर्ट में निपटा दिया, ऐसा मुझे लगा।
फिलहाल मुझे इंतज़ार हैं, आपकी अगली पोस्ट का।
धन्यवाद।
चन्द्र कुमार सोनी
www.chanderksoni.com
छोटा सा ही पर्यटक स्थल है ना !
Deleteसमुन्दर में सूखा देखना इस पोस्ट की विशेषता रही भाई जी :)
ReplyDeleteजाना है इसी रुट से मुझे भी !!
आभार !
यदि मुम्बई जाना हो तो आवश्य जाया जा सकता है ! एक दिन का ट्रिप भी किया जा सकता है !
Deleteवाह! कितना रमणीक!
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति.
ReplyDeleteइस पोस्ट की चर्चा, रविवार, दिनांक :- 12/10/2014 को "अनुवादित मन” चर्चा मंच:1764 पर.
बहुत सुंदर।
ReplyDeleteसुंदर लेख और चित्र
ReplyDeleteAapka shukriya iss post ke liye aapne hame bhi ghar baithe hi yatar karwa di... In tasveero se aur shabdo se lagta hai main bhi ghoom aayi hun daman dweep !! umda prastuti !!
ReplyDeleteआपका स्वागत है ...
ReplyDeleteआपने इस कस्बे की संस्कृति के बारे में कुछ नहीं लिखा ... क्या कुछ अलग है यहाँ ? खानपान या परिधान या भाषा ? १८० तो ज्यादा दूर नहीं मुंबई से अगली यात्रा में जाया जा सकता है.
ReplyDeleteशिखा जी , दमन मे ऐसा कुछ विशेष नहीं है ! यह देश के पश्चिमी समुद्र तट पर एक छोटा सा कस्बा है जो गोवा की तरह पुर्तगाल के आधीन रहा था और १९६० मे आज़ाद हुआ था ! यहाँ सभी तरह के लोग रहते हैं , सभी हिन्दी भाषी हैं ! पुराना क्षेत्र क्रिस्चियन्स का है ! खाने पीने की कोई प्रॉब्लम नहीं है ! लेकिन बीच के नाम पर बेकार है ! सही आनंद लेना हो तो गोवा जाइयेगा जो इससे बहुत ज्यादा सुन्दर और दिलचस्प है !
ReplyDeleteहालांकि समुद्र किनारे किसी रिजॉर्ट मे एक या दो दिन रुकने के लिये ok है !
बहुत खूब ... आप तो हर जगह को विशेष कुछ हो न हो ... अपने केमरे और शब्दों के माध्यम से खूबसूरत बना ही देते हैं ...
ReplyDeleteहम भी अभी केरल के कई समुद्र देख कर आये हैं ...
केरल मे कोवालम् बीच और बैक वाटर ट्रिप तो गज़ब के हैं !
Deleteअनुपम प्रस्तुति......आपको और समस्त ब्लॉगर मित्रों को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ......
ReplyDeleteनयी पोस्ट@बड़ी मुश्किल है बोलो क्या बताएं
meine daman ke bare mei suna jarur hai par kabhi gai nahi ---ab agli baar jarur jaaugi --
ReplyDeleteAti sundar prastuti,sundar drishyawali,
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