पेशे से जो पुश्तैनी हलवाई है,
उसको भी शुगर का पंगा निकला।
गए थे कराने गंजेपन का इलाज़,
डॉक्टर बेचारा खुद ही गंजा निकला।
जो नेता देने आया था भाषण,
अरे देखो वो तो हकला निकला।
सफेद लिबास में जो दिखा दानवीर,
काले धन का वो पुतला निकला।
बहुत करता है वो बाहर दिखावा,
घर के अंदर तो कड़का निकला।
दूर से दिखी काली जुल्फों की घटा,
पास से देखा तो वो लड़का निकला।
मशक्कत से उगाया गमले में धनिया,
सब्जियों के साथ मुफ्त का निकला।
क्या लेकर आया था क्या लेकर जाएगा,
बाबा का ये प्रवचन तो 1500 का निकला।
जिसे कमज़ोर समझ दिखाई अकड़,
उसका हाथ तो बड़ा तगड़ा निकला।
ये जो बहस करते दिखते हैं नेता टीवी पर,
अंत में वो बिना बात का झगड़ा निकला।
No comments:
Post a Comment