ओ स्त्री कल आना :
मध्यप्रदश के एक ऐतिहासिक कस्बे चंदेरी की पृष्ठभूमि में फिल्माई गई हिंदी फिल्म "स्त्री" एक हॉर्रर कॉमेडी फिल्म है जिसे देखते हुए लोगों की चीख और हंसी एक साथ फूट पड़ती है। एक महिला पर हुए अत्याचार के कारण महिला की मृत्यु और उसका भूत बनकर गांव / कस्बे के मर्दों को अँधेरी रात में नाम से बुलाकर उनके कपडे उतारकर गायब करने की कहानी के दृश्य अँधेरी सूनी गलियों में बड़ी खूबसूरती से फिल्माए गए हैं। अंधकार में सुनसान जंगली रास्तों पर तीन दोस्तों में से एक का अपहरण और बैकग्राऊंड में अचानक आती तेज आवाज़ दर्शकों को डराने में सफल रहती है। राजकुमार राव का अभिनय एक बार फिर ज़बरदस्त रहा। फिल्म में एक सस्पेंसफुल भूमिका में श्रद्धा कपूर का रोल और उपस्थिति मनमोहक लगी। अन्य कलाकारों का अभिनय भी सराहनीय है।
भूत को दूर रखने के लिए अधिकांश घरों के बाहर लाल पेंट से "ओ स्त्री कल आना" लिखा होता है ताकि भूतनी उसे पढ़कर वापस चली जाये। जहाँ नहीं लिखा होता या यदि लिखे हुए को मिटा दिया गया तो वहीँ भूतनी आकर अपना काम कर जाती है। फिल्म को देखकर आनंद तो आता ही है, साथ ही एक बार फिर भूत प्रेतों की दुनिया के बारे में सोचने पर मज़बूर होना पड़ता है। हालाँकि भूत प्रेतों की कहानियां कपोल कल्पित ही होती हैं जिन पर देहाती लोगों का अंधविश्वास उन्हें मानने के लिए मज़बूर कर देता है। लेकिन इस फिल्म को देखकर महिला के तथाकथित भूत से सहानुभूति और नायक की दृष्टि से प्यार सा होने लगता है। एक बारगी तो लगने लगता है कि काश भूत महिला सदा के लिए ही लड़की के भेष में जिन्दा रह जाती।
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन वराह जयन्ती और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
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