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Tuesday, May 9, 2017

अब डॉक्टर्स ताइकोंडो द्वारा मुकाबला करेंगे उपद्रवी तत्वों का ---


जब हम नए नए डॉक्टर बने थे , और हमारा शारीरिक व्यायाम का शौक पुनर्जीवित हुआ , तब हमने जे एन यू में देश में पहली बार आयोजित होने वाली ताइकोंडो ट्रेनिंग में भाग लेना शुरू कर दिया। करीब दो महीने तक बन्दर की तरह हा हू करते हुए बड़ा अच्छा लगने लगा था और हम खुद को ब्रूस ली का छोटा भाई समझने लगे थे। लेकिन इस बीच वहां छात्रों की हड़ताल हो गई और हमारा ट्रेनिंग प्रोग्राम बंद हो गया। हालाँकि इस बीच देश में पहली बार दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में अखिल भारतीय ताइकोंडो चैम्पियनशिप का आयोजन हुआ जिसमे हमने बतौर डॉक्टर ड्यूटी की थी।

पता चला है कि आजकल डॉक्टरों पर रोजाना होने वाले हमलों से परेशांन होकर AIIMS ने अपने रेजिडेंट डॉक्टर्स को ताइकोंडो की ट्रेनिंग देना का विचार बना लिया है। अच्छा है , और कुछ नहीं तो इससे डॉक्टर्स का स्वास्थ्य भी सही रहेगा और उनमे आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। हालाँकि यह रोगियों के रिश्तेदारों के साथ होने वाले झगड़ों से कैसे बचायेगा , यह समझ में नहीं आ रहा। क्या अब डॉक्टर्स झगड़ा करने वाले रिश्तेदारों को मार्शल आर्ट्स द्वारा धूल चटाया करेंगे !

इस समस्या का समाधान इतना आसान नहीं है। सुरक्षा की दृष्टि से यदि बाउंसर्स रखे जाएँ तो बेहतर होगा , क्योंकि उनकी उपस्थिति ही उपद्रवी लोगों को हतोत्साहित करेगी। मार पीट की नौबत ही नहीं आएगी। आखिर , कानून को कोई भी अपने हाथ में नहीं ले सकता। लेकिन इसके साथ साथ जनता को भी जागरूक करना होगा। यह समझाना होगा कि डॉक्टर्स भगवान नहीं होते। वे आपका बुखार उतार सकते हैं , आपका दर्द ठीक कर सकते हैं , किसी गंभीर बीमारी से दवाओं या ऑप्रेशन द्वारा निज़ात दिला सकते हैं , लेकिन विधाता ने जितने दिन आपके लिए लिखे हैं , उन्हें नहीं बढ़ा सकते। यदि ऐसा कर सकते तो दुनिया में किसी की मृत्यु ही नहीं होती। इसलिए रोगी की मृत्यु के लिए डॉक्टर्स को दोषी मानना सर्वथा अनुचित है।

दूसरी ऒर डॉक्टर्स को भी अपने व्यवहार में सावधानी बरतनी चाहिए। हमने जो अपने सीनियर्स से सीखा , वही हम अपने जूनियर्स को सदा बताते थे कि एक अच्छा डॉक्टर बनने के लिए तीन गुणों का होना अत्यंत आवश्यक है :
१. Availability -- यानि आप अपने मरीज़ों के लिए हमेशा उपलब्ध रहें , विशेषकर जब उन्हें आपकी आवश्यकता सबसे ज्यादा हो जैसे एमरजेंसी में।
 २. Affability --- यानि मृदु व्यवहार। यदि आप रोगी से प्यार और सहानुभूति से बात करेंगे तो उसका आधा रोग तो तभी ठीक हो जायेगा।
 ३. Ability --- यानि योग्यता। बेशक एक डॉक्टर को अपने काम में निपुण और सुशिक्षित होना चाहिए । इस व्यवसाय में लापरवाही और अज्ञानता के लिए कोई जगह नहीं।
 यदि हमारे डॉक्टर्स इन तीन बातों का ध्यान रखें तो ये रोजाना होने वाली दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं स्वात: ही बंद हो जाएँगी।

1 comment:

  1. लगता है , ब्लॉगिंग के युग का अंत हो गया जो इस अच्छी पोस्ट पर एक भी टिपण्णी नहीं आई !

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