1.
सोते हुए आदमी ने जागते हुए आदमी से कहा ,
जाग जाओ।
जागते हुए आदमी ने सोते हुए आदमी से कहा ,
भाग जाओ।
ना जागता हुआ आदमी जागा ,
ना सोता हुआ आदमी भागा।
मैं सहमा सहमा , डरा डरा ,
सड़क पर खड़ा खड़ा देखता रहा।
जागते हुए आदमी को सोते हुए ,
और सोते हुए आदमी को भागते हुए।
मेरे जैसे और भी खड़े थे अनेक ,
खड़े खड़े ये तमाशा देखते हुए।
हाथ में उठाये हुए स्मार्ट फोन
बन्दूक और तलवार की तरहाँ ।
सोते हुए आदमी ने जागते हुए आदमी से कहा ,
जाग जाओ।
जागते हुए आदमी ने सोते हुए आदमी से कहा ,
भाग जाओ।
ना जागता हुआ आदमी जागा ,
ना सोता हुआ आदमी भागा।
मैं सहमा सहमा , डरा डरा ,
सड़क पर खड़ा खड़ा देखता रहा।
जागते हुए आदमी को सोते हुए ,
और सोते हुए आदमी को भागते हुए।
मेरे जैसे और भी खड़े थे अनेक ,
खड़े खड़े ये तमाशा देखते हुए।
हाथ में उठाये हुए स्मार्ट फोन
बन्दूक और तलवार की तरहाँ ।
2.
सड़क पर लम्बी लम्बी गाड़ियों के बीच,
चला जा रहा था मस्त एक बाइक वाला,
बाइक पर पांच गैस सिलेंडर टिकाये ।
दूसरा जो शक्ल और अक्ल से दूधिया था,
ड्राइव किये जा रहा था टेढ़ा मेढ़ा होकर ,
बाइक की साइड में दो दो ड्रम लटकाये।
तीसरा जो सब्ज़ीवाला था, स्कूटी पर,
जैसे सरक रहा था , बस किसी तरह,
आगे पीछे तीन तीन बोरियां अटकाए।
बाइक वालों को बड़ी गाड़ियों वाले भी,
देखते ही खुद साइड दिए जा रहे थे ,
उन बाइक वालों के बिना हॉर्न बजाये।
दिल्ली की सडकों पर रोड़ रेज बहुत है,
किन्तु सड़क पर यह समाजवाद देखकर ,
हमारी आँखों में कम्बख्त आंसू भर आये।
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में शुक्रवार 19 जुलाई 2019 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
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