प्रस्तुत है , दिल्लीवालों की यातायात सम्बंधित अनुशासनहीनता पर एक हास्य व्यंग कविता :
चौराहे पर जब लाल बत्ती हुई हरी ,
एक कार चालक ने कार स्टार्ट करी।
दूसरी ओर दूसरे ने बाइक पर किक लगाई ,
तीसरे ने तीसरी ओर से स्कूटी आगे बढाई ।
पहला अभी चला भी नहीं था ,
कि रोंग साइड से दूसरा और तीसरा।
दोनों चौराहे के बीच आ गए ,
और आपस में टकरा गए।
दूसरा बोला -- अबे दिखता नहीं है ,
मैं रैड लाइट जम्प कर रहा हूँ।
तीसरा गुर्राया -- चुप साले ,
मैं भी तो वही काम कर रहा हूँ।
देखते देखते दोनों में झगड़ा सरे आम हो गया ,
और इसी गर्मागर्मी में ट्रैफिक जाम हो गया।
मौका देख दोनों दुपहिया चालक तो खिसक गए ,
पर सही होकर भी कार वाले महाशय फंस गए।
तभी ट्रैफिक पुलिस वाले ने पुकार लगाई ,
अरै तू साइड में आ ज्या भाई।
ज़नाब लाइसेंस और गाड़ी की आर सी दिखाना ,
रैड लाइट जम्प करने पर भरना पड़ेगा जुर्माना।
इस तरह लाइट जम्प करने वाले तो ख़ुशी से जम्प करते हुए फ़रार हो गए ,
और नियमों का पालन करके भी बेचारे कार वाले महाशय गुनेहगार हो गए।
नोट : दिल्ली में लाल बत्ती हरी होते ही पहले चारों ओर से दोपहिया वाहन चालक रैड लाइट जम्प करना अपना अधिकार समझते हैं।