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Thursday, February 26, 2015

गार्डन ऑफ फाइव सेंसेज मे गार्डन टूरिज्म फेस्टिवल -- एक झलक ....


सर्दियों के कोहरे और ठंड से भरे दिनों के बाद बसंत ऋतु के आते ही मौसम और वातावरण खुशगवार हो जाता है ! चारों ओर रंग बिरंगे फूलों की मनभावन छटा नयनों को सकून प्रदान करती है ! ऐसे मे बाग़ , बगीचे , पार्क और घरों की फुलवाड़ी मे तरह तरह के फूलों को देखना अपने आप मे एक सुखद अनुभव होता है ! 
यही उद्देश्य पूरा होता है हर वर्ष गार्डन ऑफ फाइव सेंसेज़ मे आयोजित होने वाले गार्डन टूरिज्म फेस्टिवल मे जहां विभिन्न किस्मों के हज़ारों फूल आपका मन मोह लेते हैं ! 




अनेक रंगों और प्रकार के फूलों के इकेबाना मे सजे फूल सिर्फ यहीं दिखाई दे सकते हैं ! 




ये पर्पल कलर के फूल तो वास्तव मे बहुत सुन्दर दिखाई दे रहे थे ! 




रंगों की ये छटा भी कोई कम नहीं ! 





सही मायने मे बसंती रंग लिये ये फूल बहुत आकृषक लगे ! 




अलग अलग तरह के गुलदस्ते देखते ही बनते हैं ! 





एक और पुष्‍प गुच्छ ! 



मेले मे बच्चों के लिये सॉफ्ट एडवेंचर गेम्स भी थे ! 




फूल मार्केट : घर के लिये आप यहाँ फूलों और पौधों की खरीदारी भी कर सकते हैं ! 




शाम के समय लोक संगीत और नृत्य का कार्यक्रम वातावरण मे खुशहाली भर देता है ! 





फोटो खिंचवाने के लिये तो यहाँ अनेक अवसर और उपयुक्त पोज़ मिल जायेंगे ! 


Monday, February 2, 2015

तुम्हे देखूँ तो दिल की दुनिया आबाद होती है ---


कई दिनों के बाद आज ज़रा फुरसत मिली है तो मूड फ्रेश सा लग रहा है ! ऐसे मे ज़ेहन मे कुछ शे'र आ रहे हैं ! शे'र लिखने का यह नया तज़ुर्बा है : 

उनको शिकायत है कि हम कुछ नहीं कहते , 
कैसे बतायें बिन उनके हम रह नहीं सकते ! 

तुम्हे देखूँ तो दिल की दुनिया आबाद होती है ,
तेरी एक झलक से पूरी मन की मुराद होती है !

कुछ पल की दूरी भी ना सही जाये ये जुदाई , 
तू खुदा नहीं पर बसती है तुझ मे ही खुदाई ! 

ऐसा नहीं कि एक हम ही हैं तेरे चाहने वाले , 
कोई नहीं लेकिन जग मे हम जैसे  मतवाले ! 

तारीफ़ तेरी करे कोई तो जलता है 'तारीफ', 
मिलेगा भला कोई यहाँ हम जैसा शरीफ !