tag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post863012178946549373..comments2024-03-21T12:48:25.921+05:30Comments on अंतर्मंथन: बहुत हुआ आराम , अब कुछ काम किया जाए ---डॉ टी एस दरालhttp://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comBlogger39125tag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-47832351811290798172012-07-25T18:55:38.274+05:302012-07-25T18:55:38.274+05:30शुक्रिया आर्शिया जी .शुक्रिया आर्शिया जी .डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-31485751758033047952012-07-25T06:37:16.635+05:302012-07-25T06:37:16.635+05:30आपकी यह ऊर्जा औरों के लिए भी प्रेरणाप्रद है।
.......आपकी यह ऊर्जा औरों के लिए भी प्रेरणाप्रद है।<br /><br />............<br /><b><a href="http://ts.samwaad.com/?m=1" rel="nofollow">International Bloggers Conference!</a></b>Arshia Alihttps://www.blogger.com/profile/14818017885986099482noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-70458934669194645032012-07-24T20:42:42.265+05:302012-07-24T20:42:42.265+05:30JCJuly 24, 2012 8:40 PM
आनन्द, अर्थात ख़ुशी, तो मन...JCJuly 24, 2012 8:40 PM<br />आनन्द, अर्थात ख़ुशी, तो मन की स्थिति है, भौतिक नहीं (फ़कीर उदाहरण है)... और मानव मन बहुत विचित्र है - उदाहरणतः , कुछ परोपकारी व्यक्तियों को आनंद किसी प्यासे को पानी पिलाने में मिलता है, तो कुछ ऐसे स्वार्थी भी मिल जायेंगे जो किसी को परेशान कर आनंद की अनुभूति करते हैं! <br />(भगवान् ने, जो स्वयं सदैव परमानंद की स्थिति में रहता है, सबको बराबर बनाया), किन्तु जो दिखता है उसे समझाने के लिए, कहते हैं कि दो बराबर रेखाओं में एक को दूसरे से बड़ा दिखाई देने के लिए एक को और अधिक लंबा करना पडेगा, या फिर एक को थोड़ा मिटा, छोटा कर, जो अधिक सरल होता है!...JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-86946167706712979812012-07-24T17:14:12.912+05:302012-07-24T17:14:12.912+05:30मिला जो नीर था ज़ाम की खातिर
चलो किसी प्यासे को पि...मिला जो नीर था ज़ाम की खातिर<br />चलो किसी प्यासे को पिलाया जाए !<br />बड़ी ही अर्थ पूर्ण आत्मालोचन करती सौदेश्य प्रस्तुति .ब्लॉग पर आपकी महत्वपूर्ण टिपण्णी हमारे लिखे को सार्थक कर जाती है .प्रमाणिक बना जाती है .शुक्रिया .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-103621652829327582012-07-24T13:36:04.011+05:302012-07-24T13:36:04.011+05:30सही कहा -- आम आदमी जीवन यापन में ही उलझा रहता है ....सही कहा -- आम आदमी जीवन यापन में ही उलझा रहता है . भाग्यशाली हैं वो जिनकी ज़रूरतें पूरी हो जाती हैं और वो समाज के बारे में सोचने लायक होते हैं . बेशक समय तो बदलता ही रहता है , कभी स्थिर नहीं रहा . लेकिन जिंदगी को सार्थक रूप में एन्जॉय करते रहना चाहिए .डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-46850331554785649452012-07-24T08:44:28.243+05:302012-07-24T08:44:28.243+05:30अहम् घुल गया है दिल में 'तारीफ'
चलो अभी खु...अहम् घुल गया है दिल में 'तारीफ'<br />चलो अभी खुद को ही हराया जाए !<br />खुश रहने का अचूक फार्मूला दे दिया आपने !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-49896715117351065142012-07-24T07:15:12.159+05:302012-07-24T07:15:12.159+05:30JCJuly 24, 2012 7:12 AM
मानव जीवन को बालपन, यौवन औ...JCJuly 24, 2012 7:12 AM<br />मानव जीवन को बालपन, यौवन और बुढापा, तीन भाग कर, सार निकाला जाए तो पायेंगे कि बचपन तो खेल-कूद में निकल जाता है, जवानी पत्नी और बच्चों के साथ रोते-गाते... और जब बच्चे बड़े हो अपने अपने काम धाम में लग गए तो समय मिलता है आदमी को भूत के अनुभव के आधार पर सोचने विचारने का... शायद जिस स्थिति में आज डक्टर तारीफ़ जी भी पहुँच गए हैं... और कह लीजिये उन को बुढापा निकट ही दिख रहा है...:(... <br />इस लिए प्राकृतिक है हरेक का अपने भूत को देखने का प्रयास करना और जानना कि शेष आयु को कैसे, और अच्छी तरह से, हँसते हंसाते गुजारा जाए समाज का कल्याण करते हुए भी, किन्तु आध्यात्मिक रूप में क्यूँकि आम आदमी अपनी भौतिक सहायता ही यदि कर ले तो काफी होता है...:) ...JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-75526706382920583482012-07-23T17:29:01.727+05:302012-07-23T17:29:01.727+05:30हंसने के लिए कोई मुद्दा होना ज़रूरी नहीं है। हंसना...हंसने के लिए कोई मुद्दा होना ज़रूरी नहीं है। हंसना स्वयं में इतनी बड़ी ज़रूरत है कि चेहरे पर जब तक असली मुस्कान न आ जाए,तब तक नकली मुस्कान बनाए रखना भी बहुत काम का होता है। लोगबाग भले ही गुड फॉर नथिंग लोगों का उपहास उड़ाते रहें,लेकिन सबसे ज्यादा हास्य ऐसे लोगों के ही जीवन में देखा गया है।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-32747478973186582662012-07-23T11:11:33.517+05:302012-07-23T11:11:33.517+05:30बहुत रो लिए गैरों कि महफिल में बैठ कर
चलो आज आपकी...बहुत रो लिए गैरों कि महफिल में बैठ कर <br />चलो आज आपकी महफिल आके अपने को हंसाया जाये :-))<br />शुक्रिया !<br />शुभकामनाएँ!अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-12146026412087412712012-07-23T10:55:02.377+05:302012-07-23T10:55:02.377+05:30" इशारों पर जिनके नाचे हम ताउम्र
चलो उसी ज़ाल..." इशारों पर जिनके नाचे हम ताउम्र<br />चलो उसी ज़ालिम को नचाया जाए ! "<br /><br />विचार तो अच्छा है, किन्तु जो हमें अनादि काल से नचाता आया है, वो परमात्मा शून्य काल और स्थान से जुडा निराकार शक्ति रुपी जीव, आम भाषा में भूतनाथ है!!! और आम आदमी तो आम भूत से ही डरता है - भुतहा घर में रहने का एक रात भी साहस नहीं करता...:)JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-55917486632165427032012-07-23T01:09:31.445+05:302012-07-23T01:09:31.445+05:30इशारों पर जिनके नाचे हम ताउम्र
चलो उसी ज़ालिम को न...इशारों पर जिनके नाचे हम ताउम्र<br />चलो उसी ज़ालिम को नचाया जाए ! <br /><br />वाह ,,, बहुत बढ़िया प्रस्तुती, सुंदर रचना,,,,,<br /><br />RECENT POST <a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/07/blog-post_21.html#links" rel="nofollow">काव्यान्जलि ...: आदर्शवादी नेता,</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-63729739606578465622012-07-23T00:03:53.454+05:302012-07-23T00:03:53.454+05:30नहीं है देश ये ज़ागीर किसी की
चलो इन्ही भ्रष्टों क...नहीं है देश ये ज़ागीर किसी की<br />चलो इन्ही भ्रष्टों को हटाया जाए !<br />बहुत अच्छा है बढ़िया बात कही है .सौदेश्य हास्य परिहास है यह .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-29341463942413572622012-07-22T23:23:59.797+05:302012-07-22T23:23:59.797+05:30शानदार ! खुदा महफूज़ रखे हर बला से .शानदार ! खुदा महफूज़ रखे हर बला से .डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-24108208793199315142012-07-22T23:21:42.953+05:302012-07-22T23:21:42.953+05:30आमीन !आमीन !डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-12238851431492818122012-07-22T23:20:56.172+05:302012-07-22T23:20:56.172+05:30भाई जी , इस गंभीर चर्चा में ये फटे शे'र कैसे फ...भाई जी , इस गंभीर चर्चा में ये फटे शे'र कैसे फिट होंगे ! :)डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-28715584065612394752012-07-22T23:18:30.625+05:302012-07-22T23:18:30.625+05:30सही कहा महफूज़ . सभी को अप्लाई करना चाहिए .सही कहा महफूज़ . सभी को अप्लाई करना चाहिए .डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-77390330916115840742012-07-22T23:16:18.880+05:302012-07-22T23:16:18.880+05:30काश !काश !डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-6500228375712803702012-07-22T23:15:08.250+05:302012-07-22T23:15:08.250+05:30:):)डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-63522130531110253592012-07-22T23:07:09.890+05:302012-07-22T23:07:09.890+05:30जिसके हाथों हुआ था खूने ज़िगर
चलो उसी कातिल को बुल...जिसके हाथों हुआ था खूने ज़िगर<br />चलो उसी कातिल को बुलाया जाए !<br /><br />गंभीर बातें हसीं अंदाज़ मेंRamakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-56539907677868419062012-07-22T22:43:21.268+05:302012-07-22T22:43:21.268+05:30ये मूल मन्त्र तो हमने भी अपनाया हुआ है......सो स्व...ये मूल मन्त्र तो हमने भी अपनाया हुआ है......सो स्वस्थ हैं....बाल भी काले हैं.....लोग सोचते रह जाते हैं कि आखिर ये खुश है क्यूँ???और उनको दिल की बिमारी और बालों की सफेदी ने आ घेरा है...<br />:)<br /><br />सादर<br />अनुANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-16132513819227496202012-07-22T22:13:36.507+05:302012-07-22T22:13:36.507+05:30बहुत बढ़िया रचना शुभकामनायें...बहुत बढ़िया रचना शुभकामनायें...Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-62825333374315160502012-07-22T19:09:09.646+05:302012-07-22T19:09:09.646+05:30Dr. Sahab ki baat to maanni hi padegi... :-)Dr. Sahab ki baat to maanni hi padegi... :-)Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-7033625271796581402012-07-22T17:46:39.309+05:302012-07-22T17:46:39.309+05:30बच गया है जो पेट भरने के बाद
चलो किसी भूखे को खिला...बच गया है जो पेट भरने के बाद<br />चलो किसी भूखे को खिलाया जाए !<br /><br />क्या बात है...बढ़िया रचनाrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-18501812265581677432012-07-22T17:28:13.446+05:302012-07-22T17:28:13.446+05:30हँसना और हँसाना...इसके सिवा दुनिया में रखा क्या है...हँसना और हँसाना...इसके सिवा दुनिया में रखा क्या है ....shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-60658728821313913432012-07-22T17:09:20.296+05:302012-07-22T17:09:20.296+05:30बस, रोते हुये का हँसाया जाये..बस, रोते हुये का हँसाया जाये..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com