tag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post7392557247746016381..comments2024-03-21T12:48:25.921+05:30Comments on अंतर्मंथन: दिल्ली की गर्मी और बब्बे का चमत्कार ---डॉ टी एस दरालhttp://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comBlogger51125tag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-50145415025670670072010-08-11T19:36:33.114+05:302010-08-11T19:36:33.114+05:30फोटो देखकर तो मुझे ठण्ड लगने लग गई...
बढ़िया...चित्...फोटो देखकर तो मुझे ठण्ड लगने लग गई...<br />बढ़िया...चित्रमयी पोस्टराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-90574292852124345832010-06-06T13:34:35.052+05:302010-06-06T13:34:35.052+05:30चित्रों से आप लेख ज्यादा रोचक बन गया है।चित्रों से आप लेख ज्यादा रोचक बन गया है।दिनेश शर्माhttps://www.blogger.com/profile/04611824902026596107noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-15887575486525919562010-06-06T08:23:16.175+05:302010-06-06T08:23:16.175+05:30चित्रावली ने तो ठंडा कर दिया...... दिल्ली की गरमी ...चित्रावली ने तो ठंडा कर दिया...... दिल्ली की गरमी से कल साक्षात्कार होगा ही.....योगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-78371523644058172702010-06-05T18:35:16.896+05:302010-06-05T18:35:16.896+05:30आपके लाजवाब .. खूबसूरत हरे हरे फोटो देख कर गर्मी त...आपके लाजवाब .. खूबसूरत हरे हरे फोटो देख कर गर्मी तो सच गायब ही हो गई .... आपने बचपन के खेल की याद करा दी .. हम भी ये खेल बहुत खेलते थे ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-90657621324052044452010-06-05T10:43:46.713+05:302010-06-05T10:43:46.713+05:30डा. साहिब, बचपन में मानव की प्रकृति (५ से १६ वर्ष ...डा. साहिब, बचपन में मानव की प्रकृति (५ से १६ वर्ष तक? जब वो स्कूल में पढ़ रहा होता है) सूचना एकत्रित करने की अधिक होती है और विश्लेषण की कम,,, जबकि शरीर की परिपक्वता के साथ विश्लेषण की क्षमता बढ़ जाती है और सूचना ग्रहण करने की क्षमता कम हो जाती है... <br /><br />इससे याद आता है कि जिओग्राफी की क्लास में हम हिमालयी-श्रंखला के पहाड़ों को कई सारे एक के साथ एक जुड़े त्रिकोणों द्वारा दिखाते थे,,, जिस कारण जिन्होंने पहाड़ी क्षेत्र नहीं देखे हुए थे ऐसे ही एक लड़के ने मुझसे एक दिन कहा, "यार! तुम वहां खटिया कैसे बिछाते हो? सुबह तक फिसल कर वो पहाड़ के नीचे नहीं पहुँच जातीं?JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-78547569007225830602010-06-05T07:17:12.168+05:302010-06-05T07:17:12.168+05:30जब हम साकार जीव अँधेरे हॉल में हाथ पर हाथ धरे फिल्...जब हम साकार जीव अँधेरे हॉल में हाथ पर हाथ धरे फिल्म (टीवी में सीरियल आदि भी) देख रहे होते हैं तो उसकी कहानी में ऐसे खो जाते हैं जैसे वो उसी क्षण घट रहा 'सत्य' हो,,, इसी कारण बॉलीवुड आदि को 'माया जगत' कहते हैं...<br /><br />उपरोक्त के सन्दर्भ में जब बुढ़ापे में आपको समय मिले तो आप 'हिन्दू परिवार' में जन्म लिए सोचिये एक 'पहुंचे हुए' जीव के बारे में, जो शून्य काल से जुड़ा निराकार हो... जो अजन्मा और अनंत भी कहा गया है, और जिसके समान स्वयं आप और हम सभी मानव एवं पशु भी अनादिकाल से माया द्वारा अस्थायी रूप से साकार दीखते हुए अपने अंतर्मन में निद्रावस्था में फिल्म के समान डरावने या सुंदर स्वप्न देखते आ रहे हैं बचपन से - प्रकाश और गर्मी के स्रोत मायावी सूर्य और सौर मंडल के सदस्यों, चन्द्रमा आदि, की कृपा से! <br />फिर उत्तर सोचिये उस प्रश्न का: मैं कौन हूँ?JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-61825485325227715072010-06-04T23:49:23.619+05:302010-06-04T23:49:23.619+05:30awesome pics and unique contents :)awesome pics and unique contents :)राम त्यागीhttps://www.blogger.com/profile/05351604129972671967noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-14755869875857701622010-06-04T23:11:47.535+05:302010-06-04T23:11:47.535+05:30बब्बे तो वाकई कमाल का लगा ऊपर से तस्वीरें.!!!!!!क्...बब्बे तो वाकई कमाल का लगा ऊपर से तस्वीरें.!!!!!!क्या गर्मी का मौसम ख़तम हो गया ????? मजा आ गया!!!!!!रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-78206132483578757662010-06-04T21:32:34.792+05:302010-06-04T21:32:34.792+05:30डा साहिब, क्षमा प्रार्थी हूँ कि इसके लिए अधिक गहर...डा साहिब, क्षमा प्रार्थी हूँ कि इसके लिए अधिक गहराई में जाना होगा...जो शायद 'विज्ञान' के विद्यार्थी के लिए अधिक कठिन नहीं है... <br /><br />मैंने घडी के माध्यम से केवल दिन के राजा सूर्य की ही बात की पहले जो १२ बजे सर के ऊपर होता है,,, '०' अथवा अन्धकार (सिनेमा हॉल के भीतर जैसे जब फिल्म चल रही होती है), अथवा 'कृष्ण' को दर्शाते काली रात के राजा चन्द्रमा की नहीं, जो वास्तव में अनंत का द्योतक है, और प्रकाश सीमित कालीन, जैसा कि 'हिन्दू' मान्यतानुसार ब्रह्मा की उसके ४ अरब से अधिक दिन जितनी लम्बी रात का भी सन्दर्भ यदा-कदा सुनने में आता हैं,,, और चन्द्रमा के सार को मानव मष्तिस्क में सांकेतिक भाषा में शिव के माथे में दिखाते आये हैं, या बिंदी द्वारा हिन्दू स्त्री या बालिका के मस्तक पर, और अंग्रेजी के 'आई' समान तिलक द्वारा (स्त्री कि तुलना में अधिक घमंडी) पुरुष के मस्तक पर!JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-71619559477677013452010-06-04T18:51:41.629+05:302010-06-04T18:51:41.629+05:30अनामिका जी , आप अवश्य कर पाएंगी। कभी अवसर मिले तो ...अनामिका जी , आप अवश्य कर पाएंगी। कभी अवसर मिले तो कोशिश ज़रूर कीजियेगा ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-81820270345276995722010-06-04T15:41:54.918+05:302010-06-04T15:41:54.918+05:30sari photo bahut acchhi hai...kash me bhi perashoo...sari photo bahut acchhi hai...kash me bhi perashoot me ud pati par imagination me b possible nahi ho pa raha hai :(अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-76431194824510745292010-06-04T08:22:52.880+05:302010-06-04T08:22:52.880+05:30डा साहिब, आपके १२ 'बब्बे' और आचार्य जी के ...डा साहिब, आपके १२ 'बब्बे' और आचार्य जी के 'मन एक मंदिर' से और याद आया कि एक वर्ष में १२ माह होते हैं, जन्म-कुंडली में १२ घर, 'जोडिएक' चिन्ह १२ माने जाते हैं क्यूंकि सूर्य को प्रत्येक वर्ष एक माह तक - एक पूर्व-निर्धारित चक्र समान - एक तारा मंडल (कोंस्टेलेशन) के सामने देखा जाता है,,, और सब जानते हैं कि सूर्य प्रकाश का स्रोत होने के अतिरिक्त शक्ति का प्रतिरूप भी है (हिन्दू मान्यता की गौरी, अथवा श्वेत-वस्त्र धारिणी, वीणा वादिनी, ज्ञान की देवी, माँ सरस्वती), जो अपने सौर मंडल के अनगिनत अन्य सदस्यों को ४ अरब से अधिक वर्षों से अपनी-अपनी कक्षाओं में घुमाये जा रहा है,,, और पृथ्वी पर हम सब जीव को भी, जिसमें सूर्य के सामने पृथ्वी के घूमने के कारण समय का जन्म हुआ, जिसे मानव घडी द्वारा दर्शाता है... और उसमें १ से १२ तक संख्या लिखी जाती है या सांकेतिक भाषा में केवल १२ चिन्हों द्वारा दर्शाया जाता है, और इस संख्या के नीचे जेरो (०) छुपा रह जाता है...मन शायद सरस्वती का मंदिर ही नहीं बल्कि एक अंतरिक्ष यान भी है,,, और 'हिन्दू', मंदिर के ऊपरी भाग को 'विमान' कहते आये हैं अनादि काल से :)... <br /><br />और हाँ, जैसे सूर्य सौर मंडल का राजा कहा जा सकता है और शेर (सिंह) जंगल का, वैसे ही बरगद को पेड़ों का राजा भी कह सकते हैं!JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-8557766939566230082010-06-04T06:27:58.658+05:302010-06-04T06:27:58.658+05:30आईये जानें ..... मन ही मंदिर है !
आचार्य जीआईये जानें ..... मन ही मंदिर है !<br /><br />आचार्य जीआचार्य उदयhttps://www.blogger.com/profile/05680266436473549689noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-63492062676146433702010-06-03T23:18:54.928+05:302010-06-03T23:18:54.928+05:30बहुत ही सुन्दर तस्वीरें इस तपती गर्मी में ठंढी बया...बहुत ही सुन्दर तस्वीरें इस तपती गर्मी में ठंढी बयार सी...<br />यह बब्बे का खेल तो बहुत ही बढ़िया है...हमलोग भी बचपन एम अन्त्याक्षरी खेला करते थे और गर्मी को भूल जाते...अब तो बच्चे मोबाईल पे अकेले अकेले गेम्स खेलते हैं मिलकर कुछ नहीं.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-73998784593627724102010-06-03T21:41:17.429+05:302010-06-03T21:41:17.429+05:30सिक्किम की झील तो छंगू लेक है। सारे चित्र लगाकर पु...सिक्किम की झील तो छंगू लेक है। सारे चित्र लगाकर पुरानी यादों का ताजा कर दिया, आभार।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-67222952933396722912010-06-03T21:05:34.991+05:302010-06-03T21:05:34.991+05:30डा साहिब, चक्रवात 'फेट' तो कल ही से अरब सा...डा साहिब, चक्रवात 'फेट' तो कल ही से अरब सागर से उठ निर्णय नहीं ले पा रहा था, "मैं इधर जाऊं कि उधर जाऊं?" आपके चार 'बब्बर शेरों' से डर पाकिस्तान की ओर मुड़ गया लगता है,,, टाटा को टाटा बाय-बाय कर गया!JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-81659540711614987362010-06-03T18:54:52.348+05:302010-06-03T18:54:52.348+05:30जे सी जी , अभी तो चार बब्बे ही लिखे थे , तब भी सुब...जे सी जी , अभी तो चार बब्बे ही लिखे थे , तब भी सुबह से धूल भरी आंधी चल रही है । सोचिये यदि १२ के १२ लिख दिए होते तो यहाँ चक्रवात ही आ जाता । :)<br /><br />डॉ सिन्हा , कभी आइये --साक्षात् दर्शन कराएँगे ।<br /><br />सोनी जी , ठण्ड तो आने दो , उसका भी इंतजाम हो जायेगा । लेकिन अभी तो गर्मी से ही निपट लें ।<br /><br />उदय जी , बबली जी , क्या कहूँ --सब आपकी नज़रों का कमाल है ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-38746670903942029772010-06-03T18:38:48.259+05:302010-06-03T18:38:48.259+05:30लो जी सही ज़वाब आ गया । गोदियाल जी ने सही ज़वाब दि...लो जी सही ज़वाब आ गया । गोदियाल जी ने सही ज़वाब दिया है --छांगु झील । जी हाँ यही नाम है इसका । लेकिन Tsomgo lake<br />भी सही है , हालाँकि यह नाम भूटिया भाषा में बोला जाता है ।<br />तो इस तरह एक बार फिर गोदियाल जी और समीर जी ने जीता ये इनाम । साथ में अवधिया जी और ललित जी ने भी मेहनत कर पता कर ही लिया ।<br />यह झील गंगटौक से ४० किलोमीटर दूर १२४०० फुट की ऊंचाई पर बनी है और करीब १५ मीटर गहरी है , अंडाकार शक्ल में । सर्दियों में पूरी जम जाती है ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-6865743300228198122010-06-03T17:04:43.205+05:302010-06-03T17:04:43.205+05:30हम तो 12 काने (जिनकी एक आंख खराब होती है) गिनते थे...हम तो 12 काने (जिनकी एक आंख खराब होती है) गिनते थे जी<br />आजकल गाना गाते हैं "जब चली ठंडी हवा"<br />वैसे इन्वर्टर ने ये बातें लगभग भुलवा ही दी हैं।<br />फोटो बडे शानदार हैं। <br />आफिस के मेरे केबिन का 5 डिग्री तापमान कम हो गया है, आज की आपकी पोस्ट खुलते है :-) हा-हा<br />पहेली खेलने का आज मूढ नही हैं।<br /><br />प्रणामअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-59712863071127315102010-06-03T16:58:38.062+05:302010-06-03T16:58:38.062+05:30haay garmee se waah garmee kahne par majboor kar d...haay garmee se waah garmee kahne par majboor kar diya aapne sir..दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-72097024233898821832010-06-03T16:50:06.183+05:302010-06-03T16:50:06.183+05:30डा० साहब, सुबह तडके जिस समय टिपण्णी लिख रहा था उ...डा० साहब, सुबह तडके जिस समय टिपण्णी लिख रहा था उस समय पेट गुडगुड कर रहा था, इसलिए सुरुआती पढ़ा और फिर फोटो देख टिप्पणी लिखी और भाग खडा हुआ ! अब पूरा लेख पढ़ा एक झील का सही नाम तो समीर जी बता ही चुके है , सिक्किम वाली झील का नाम छांगु झील है !<br />हाँ , टीचर पार्टी ड्यू !!!!!!!! :)पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-28814408227781099912010-06-03T15:40:31.499+05:302010-06-03T15:40:31.499+05:30अजी हम तो सोये रह गये सही नाम तो बता दिये सब ने......अजी हम तो सोये रह गये सही नाम तो बता दिये सब ने... बहुत सुंदर लगा आप का यह खेल ओर लेख धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-89496253226442197912010-06-03T15:13:19.337+05:302010-06-03T15:13:19.337+05:30मस्त फोटो
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जय होमस्त फोटो<br />]<br />जय होरंजन (Ranjan)https://www.blogger.com/profile/04299961494103397424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-60809117486664027942010-06-03T13:41:06.875+05:302010-06-03T13:41:06.875+05:30सवाल-जवाब का तो मुझे पता नहीं, पर आपने भीषण गर्मी ...सवाल-जवाब का तो मुझे पता नहीं, पर आपने भीषण गर्मी में ठण्ड का एहसास करा दिया हैं.<br />इसके लिए हार्दिक आभार.<br />(अब ये भी मत भूलना कि-"आपको भीषण ठण्ड में गर्मी का एहसास भी कराना होगा?? क्योंकि जब आपने गर्मी में ठण्ड का एहसास कराया हैं तो निश्चित तौर पर पाठक ठण्ड में गर्मी का एहसास करने कि आशा तो रखता ही होगा,......")<br />बहुत बढ़िया, धन्यवाद.<br />WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COMचन्द्र कुमार सोनीhttps://www.blogger.com/profile/13890668378567100301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-14227223978952071722010-06-03T12:52:15.066+05:302010-06-03T12:52:15.066+05:30आपकी मेहमान नवाजी के चित्र तो देख चुके थे .
प्रतिय...आपकी मेहमान नवाजी के चित्र तो देख चुके थे .<br />प्रतियोगिता रखने का कोई कारण :)डॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.com