tag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post7037429088906379711..comments2024-03-21T12:48:25.921+05:30Comments on अंतर्मंथन: ज़रा याद उन्हें भी कर लें , जो एड्स से बच न पाए --डॉ टी एस दरालhttp://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comBlogger37125tag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-70051134817887645612010-12-07T17:58:15.946+05:302010-12-07T17:58:15.946+05:30जे सी जी , यौन सम्बन्ध रखना भी एक मानवीय प्रवृति ह...जे सी जी , यौन सम्बन्ध रखना भी एक मानवीय प्रवृति ही है । यह नैतिक है या अनैतिक , यह हमारी सोच और सामाजिक एवम कानूनी नियमों पर निर्भर करता है । खजुराहो के मंदिर एक हज़ार साल पुराने हैं । लेकिन तब एड्स के वायरस नहीं थे ।<br />एड्स के वायरस का उत्पन्न होना किसी की गलती नहीं , बल्कि मानव जाति का दुर्भाग्य हैं ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-645554558172637212010-12-07T12:03:59.381+05:302010-12-07T12:03:59.381+05:30मेरा कहना था कि कार्य प्रणाली एक सी है किन्तु आदमी...मेरा कहना था कि कार्य प्रणाली एक सी है किन्तु आदमी मच्छर से कई गुणा खतरनाक है कलियुग में यद्यपि समय के साथ, सतयुग में, उत्तरोत्तर तरक्की कर सतयुग में भगवान् बन गया!JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-61808677999241474532010-12-07T10:29:23.479+05:302010-12-07T10:29:23.479+05:30ये विडंबना ही हमारे देश में एड्स का नाम आते ही उसे...ये विडंबना ही हमारे देश में एड्स का नाम आते ही उसे अनप्रोटेक्टेड सेक्स से जोड़ दिया जाता है...अब एक बच्चे को विरासत में ये बीमारी मिल जाए तो उसका क्या कसूर...एड्स का नाम सुनते ही बिदकने की प्रवृत्ति जब तक रहेगी एड्स की चुनौती का प्रभावी तरीके से सामना नहीं किया जा सकेगा...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-39356481723175929472010-12-06T19:46:43.962+05:302010-12-06T19:46:43.962+05:30जे सी जी , यह समानता बस उपरी है । मच्छर के काटने स...जे सी जी , यह समानता बस उपरी है । मच्छर के काटने से एड्स नहीं होती । इसका कारण है कि मच्छर काटते समय अपनी लार इंजेक्ट करता है , रक्त नहीं ।<br /><br />रोहित जी , आपकी बात सही है । एड्स के कारणों में कई कारण तो ऐसे हैं जिनमे रोगी की कोई गलती नहीं होती ।<br />जैसे पति से पत्नी को संक्रमण होना , गर्भवती मां से शिशु को संक्रमण , रक्त पाने से हुआ संक्रमण । सिर्फ असुरक्षित , अनैतिक , यौन सम्बन्ध ही एक कारण है जो सामाजिक तौर पर भर्त्सनीय है ।<br /><br />अब जिन लोगों की कोई गलती नहीं , उनको दोष देकर क्यों कष्ट दिया जाए । वैसे भी जैसे कि आपने कहा -और भी ग़म हैं ज़माने में ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-8714045998132519802010-12-06T15:56:59.010+05:302010-12-06T15:56:59.010+05:30एड्स पर अच्छी जानकारी ..एड्स पर अच्छी जानकारी ..M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-49845028488478822622010-12-06T15:56:11.752+05:302010-12-06T15:56:11.752+05:30बहुत अच्छी जानकारी। धन्यवाद।बहुत अच्छी जानकारी। धन्यवाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-33351166500837365792010-12-06T11:26:20.443+05:302010-12-06T11:26:20.443+05:30डॉक्टर दराल, आपने एड्स के फैलने के जो चार (४) कारण...डॉक्टर दराल, आपने एड्स के फैलने के जो चार (४) कारण दर्शाए उनमें से #१ "संक्रमित रक्त से" और # २ "नशा करने वालों में संक्रमित सूई से", यह दो संयोगवश मच्छर की कार्य-प्रणाली समान ही प्रतीत होते है...JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-72808937288033098462010-12-06T09:44:07.668+05:302010-12-06T09:44:07.668+05:30आदरणीय डा.दराल जी ,
आपकी पोस्ट हमेशा ज्ञानवर्धक ज...आदरणीय डा.दराल जी ,<br />आपकी पोस्ट हमेशा ज्ञानवर्धक जानकारियों का गुलदस्ता होती है ! इस बार भी आपने एड्स पर विस्तृत जानकारी देकर ब्लॉग को गरिमा प्रदान किया है ! आपकी इस निःस्वार्थ सेवा के लिए धन्यवाद !<br />-ज्ञानचंद मर्मज्ञज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-57347749931385194422010-12-06T02:42:01.599+05:302010-12-06T02:42:01.599+05:30दराल सर
सबसे पहले तो आपने दिल खुश कर दिया। खासतौर ...दराल सर<br />सबसे पहले तो आपने दिल खुश कर दिया। खासतौर पर आपकी पोस्ट से ज्यादा आपके जवाब ने। मैं तो हैरान हो गया ये देखकर कि एड़स रोगी के लिए लोग आज भी कैसे विचार रखते हैं। कुमार राधारमण की टिप्पणी ने खासतौर पर मुझे निराश किया है। आप सही मायने में एक डॉक्टर कि हैसियत से उपचार करना और रोगी के जीवन को बचाने का काम करने की बात कही है। आपके लिए मेरे दिल में इस बात को लेकर इज्जत बढ़ गई है। जिस देश में खरबों के घोटाले हो रहे हों, गद्दारों की फौज जमा हो रही हो, उनसे बेहतर ये एड्स रोग हैं। जिन्होंने अपने इंद्रियों के सुख के लिए ही अपना जीवन संकट में डाला है न कि देश से गद्दारी करके देश का पैसा खाकर करोड़ों की जीवन जीने की आजादी को छीन ली है। हां नैतिकता के धरातल पर आकर अगर सोचें तो ये लोग गलत होसते हैं. पर उनके मर जाने की कामना करने का हक हम इंसानों को कदापि नहीं है। नैतिकता के धरातल पर तो धरती पर सांस लेने वाली पूरी मानव जाति कहीं न कहीं दोषी है। पर आपने सही उत्तर देकर शायद सभी लोगो को सोचने पर मजबूर कर ही दिया होगा। इसके लिए आपको साधुवाद औऱ लाख लाख धन्यावाद। आप एक डॉक्टर ही रहें, और बाकी लोगो को भी ऐसा ही बनाए।Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-57512033669477761032010-12-05T19:11:40.183+05:302010-12-05T19:11:40.183+05:30अच्छी जानकारी दी है आपने. धन्यवाद.अच्छी जानकारी दी है आपने. धन्यवाद.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-41038535453721205862010-12-05T15:31:55.290+05:302010-12-05T15:31:55.290+05:30आपकी पोस्ट ज्ञानवर्धक होती हैं!आपकी पोस्ट ज्ञानवर्धक होती हैं!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-54374267553896289112010-12-05T14:30:24.540+05:302010-12-05T14:30:24.540+05:30बहुत उपयोगी जानकारी दी है आपने ...
मानवीय सरोकार ...बहुत उपयोगी जानकारी दी है आपने ... <br />मानवीय सरोकार भी कहता है की एड्स के मरीजों से नफरत नहीं करें ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-28587482809490104852010-12-05T12:38:35.202+05:302010-12-05T12:38:35.202+05:30यह मानव ने स्वंय निमंत्रित किया है ।जानकारी के लिय...यह मानव ने स्वंय निमंत्रित किया है ।जानकारी के लिये आभार ।अजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-35316488769692668612010-12-05T11:28:26.083+05:302010-12-05T11:28:26.083+05:30माथुर जी , एक अच्छी जानकारी के लिए आभार ।
लेकिन ए...माथुर जी , एक अच्छी जानकारी के लिए आभार ।<br /><br />लेकिन एलोपेथिक डॉक्टर्स को आयुर्वेदिक या अन्य दवाओं का प्रयोग करने की अनुमति नहीं है ।<br />वैसे एलोपेथी में ऐसी दवाएं हैं जो रोगी को पूरा जीवन दे सकती हैं ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-72416018903096386192010-12-05T11:16:47.256+05:302010-12-05T11:16:47.256+05:30डा .सा :,
सूरज को दीपक नहीं दिखा रहा हूँ ;हिंदुस्त...डा .सा :,<br />सूरज को दीपक नहीं दिखा रहा हूँ ;हिंदुस्तान ,आगरा दि.१३ .०४ २००८ में श्री नारायण चौबे का लेख प्रकाशित हुआ था जिसका उल्लेख १४ .१० २०१० के अपने पोस्ट "उठो जागो और महान बनो " में मैंने किया था ,उसी का यह अंश उद्धृत कर रहा हूँ ,उम्मीद है कि,प्रासंगिक रहेगा.<br />मार्कंडेय चिकित्सा पद्धति में एड्स -कालक (माइक )रोग है .एड्स जो जीवन शक्ति को क्षीण कर निःसंदेह मौत दे देता है वह कालक है.इसके कारन शरीर में स्थित रोग रक्षक प्रोटीन कण अपनी रोग रक्षण शक्ति खो बैठते हैं और रोगी मौत का ग्रास बन जाता है .<br />जिनको एड्स हो चूका है या जिनको इसकी शंका है उन्हें दुर्गा कवच में वर्णित सभी दवाओं का प्रयोग क्रमशः करना चाहिए. इन दवाओं के साथ शहद में मिला कर आंवले का रस पीना चाहिए.दवाएं :-<br />स्प्रिका , मूर्वा,बन्ध्याक्र्कोटी ,असारक ,शतावर ,माचिका,कमल,और गिलोय जिन्हें देवी अम्बिका ,नारायणी,पद्मनी कहते हैं.<br />यदि आप उचित समझते हैं तो प्राचीन आयुर्वेदिक दवाओं का प्रयोग भी बता सकते हैं.vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-58077920929942434702010-12-05T11:16:07.505+05:302010-12-05T11:16:07.505+05:30महफूज़ आपकी सकुशल वापसी पर प्रसन्नता है । आपका स्व...महफूज़ आपकी सकुशल वापसी पर प्रसन्नता है । आपका स्वागत है ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-52860883432053506042010-12-04T21:24:22.074+05:302010-12-04T21:24:22.074+05:30बहत ही अच्छी जानकारी ....
मैं वापिस आ गया हूँ......बहत ही अच्छी जानकारी .... <br /><br />मैं वापिस आ गया हूँ...डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-52054240101361327992010-12-04T15:26:09.333+05:302010-12-04T15:26:09.333+05:30अच्छी जानकारी ....शुक्रिया
चलते -चलते पर आपका स्व...अच्छी जानकारी ....शुक्रिया <br />चलते -चलते पर आपका स्वागत हैकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-51510689238446970612010-12-04T11:27:06.070+05:302010-12-04T11:27:06.070+05:30डा. साहिब, लाभदायक जानकारी के लिए धन्यवाद!
सत्य त...डा. साहिब, लाभदायक जानकारी के लिए धन्यवाद! <br />सत्य तो यह है कि समय के साथ जन संख्या बढ़ रही है और साथ-साथ हर क्षेत्र की समस्याएँ भी जटिल होती जा रही हैं...बीमारियाँ भी इसी श्रंखला की एक कड़ी समान हैं जिनका समाधान ढूंढना भी मानव जाति का ही कर्त्तव्य तो है,,,किन्तु आदमी वर्तमान में - जिसे कलियुग अथवा कलयुग भी कहा जाता है - हर कार्य में प्रयास तो करता दीखता है किन्तु पूर्णतया सफल होता प्रतीत नहीं होता,,,शायद काल (महाकाल?) के प्रभाव से,,, जैसा प्राचीन ज्ञानियों का मानना था...JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-20340839511994691862010-12-04T09:14:35.617+05:302010-12-04T09:14:35.617+05:30बीमारी जैसे भी हुई हो उसका इलाज तो चिकित्सक को करन...बीमारी जैसे भी हुई हो उसका इलाज तो चिकित्सक को करना ही है..भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-91921877209281806462010-12-04T06:29:42.783+05:302010-12-04T06:29:42.783+05:30उपयोगी पोस्ट।उपयोगी पोस्ट।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-61634323823173957062010-12-03T23:40:41.708+05:302010-12-03T23:40:41.708+05:30बहुत ही उपयोगी और अच्छी जानकारी। प्रेरक पोस्टबहुत ही उपयोगी और अच्छी जानकारी। प्रेरक पोस्टरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-12736977724946813702010-12-03T21:21:37.894+05:302010-12-03T21:21:37.894+05:30राधारमण जी , जो जैसा करेगा , वो वैसा भरेगा ।
हम ऐस...राधारमण जी , जो जैसा करेगा , वो वैसा भरेगा ।<br />हम ऐसा सोचकर अपना मन क्यों खराब करें ।<br /><br />हरकीरत जी , एड्स उस बीमारी का नाम है जो एच ई वी ( human immunodeficiency virus ) के संक्रमण से होती है ।<br />यानि एच ई वी पोजिटिव होने का अर्थ है कि वाइरस का संक्रमण हो चुका है । लेकिन लक्षण नहीं आए हैं ।<br />लक्षण आने पर बीमारी एड्स कहलाती है ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-51499051605090710552010-12-03T21:10:23.403+05:302010-12-03T21:10:23.403+05:30जब मानवजाति को अज्ञात कारणों से अथवा तमाम सावधानी ...जब मानवजाति को अज्ञात कारणों से अथवा तमाम सावधानी के बावजूद हो रहे रोगों से बचाने के उपाय ढूंढने में ही पीढ़ियां गुज़र जा रही हैं,ऐसे में जान-बूझकर चिकित्सा जगत के लिए चुनौती पैदा करने वालों का मर जाना ही अच्छा!कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-68687947536773732002010-12-03T20:53:53.384+05:302010-12-03T20:53:53.384+05:30आज आपकी इस पोस्ट से बार बार अपनी एड्स वाली नज़्म या...आज आपकी इस पोस्ट से बार बार अपनी एड्स वाली नज़्म याद आ रही है ......<br /><br />''मुझे देने वाला भी<br /> कोई मर्द ही था जानम ....''<br /><br />आपने सम्पूर्ण जानकारी दी ....पर शुरूआती जानकारी नहीं दी .....एड्स कहते किसे हैं ....?<br /><br />एड्स कैसे होता है में .....<br /><br />* गर्भवती मान से शिशु को ....???<br />टंकण की गलती ....हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.com