tag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post6868459331389292727..comments2024-03-19T13:42:02.441+05:30Comments on अंतर्मंथन: वो वैलेंटाइन डे कब आएगा---? एक सोच ---डॉ टी एस दरालhttp://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comBlogger29125tag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-35724035749401051212010-08-11T17:13:58.820+05:302010-08-11T17:13:58.820+05:30दोनों कविताएँ बहुत बढ़िया बन पड़ी हैंदोनों कविताएँ बहुत बढ़िया बन पड़ी हैंराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-49051255060974824902010-02-17T18:08:31.644+05:302010-02-17T18:08:31.644+05:30आप अपनी लेखनी से चारों उजाला करते रहे ब्लागिग की स...आप अपनी लेखनी से चारों उजाला करते रहे ब्लागिग की सार्थकता इसी में है आप इसी तरह कहते रहे हर बात आपका अन्दाज सबसे निराला है।Sunita Sharma Khatrihttps://www.blogger.com/profile/10860643098392133673noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-63576348425990368182010-02-16T18:05:34.643+05:302010-02-16T18:05:34.643+05:30मुफलिस जी , सही फ़रमाया । आज हम पाश्चात्य सभ्यता क...मुफलिस जी , सही फ़रमाया । आज हम पाश्चात्य सभ्यता की ओर अंधाधुंध दोड़े जा रहे हैं। और अपने संस्कारों को भूले जा रहे हैं। अपने बुजुर्गो का सम्मान करना , उनसे शिक्षा ग्रहण करना और ज़रुरत में उनकी देखभाल करना हमारा परम कर्तव्य है, जिसे हम भुलाते जा रहे हैं।<br />आज इसी सोच को बरक़रार रखना ज़रूरी है। आभार।<br /><br />सतीश जी , आपकी टिपण्णी ने हमारा दिल खिला दिया ।<br />आपने सही ग्रहण किया है, मूल भाव को। साधुवाद।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-43231759853496034542010-02-16T17:37:02.382+05:302010-02-16T17:37:02.382+05:30डॉक्टर साहब ,,,
रचनाएं दोनों बहुत अच्छी और पठनीय ह...डॉक्टर साहब ,,,<br />रचनाएं दोनों बहुत अच्छी और पठनीय हैं <br />जहां पहली रचना में हास्य-रस का समावेश है <br />वहीं दूसरी रचना में एक आह्वान समाहित है <br />इस संजीदा नज़्म में <br />हमारी बरसों पुरानी नेक संस्कृति , सुसभ्यता <br />और हमारी अमीर परम्परा के दर्शन होते हैं <br />आज इसी तरह के चिंतन की बड़ी आवश्यकता है <br />आपकी पाकीज़ा सोच को प्रणाम .daanishhttps://www.blogger.com/profile/15771816049026571278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-4878222251835327302010-02-16T08:41:22.343+05:302010-02-16T08:41:22.343+05:30मार्मिक विचार व्यक्त किये हैं आपने, यह रचना मेरे व...मार्मिक विचार व्यक्त किये हैं आपने, यह रचना मेरे विचार से ब्लाग जगत की अमर रचनाओं में से एक होनी चाहिए ! प्यार के स्वरूपों को याद दिला, आपने हिला दिया ! आप जैसे लोग अपने परिवार और आसपास के माहौल के लिए एक खुशबू हैं ! निस्संदेह आज की दुनियां में आप जैसे लोग दुर्लभ हैं ! <br /><br />आपके संवेदनशील ह्रदय और आपके माता पिता को प्रणाम ,Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-52640401079413408962010-02-16T07:01:49.140+05:302010-02-16T07:01:49.140+05:30'आधुनिक जीवन के सत्य' का सही, बढ़िया वर्णन...'आधुनिक जीवन के सत्य' का सही, बढ़िया वर्णन डा. दराल साहिब! <br />प्राचीन ज्ञानी कह गए कि कलियुग की अच्छाई केवल यह है कि वो सत्य युग को लौटा कर लाता है अपने बाद...और उम्मीद पर ही दुनिया कायम है :)JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-29670437012055917162010-02-15T20:20:56.373+05:302010-02-15T20:20:56.373+05:30जब मानव को होगा इन सबसे प्यार?
वो वैलेंटाइन डे क...जब मानव को होगा इन सबसे प्यार? <br /><br />वो वैलेंटाइन डे कब आएगा---?<br /><br />बहुत सुंदर लिखा आपनेसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-88135033019483728792010-02-15T19:10:27.297+05:302010-02-15T19:10:27.297+05:30वेलेंटाइन-डे की शुभकामनायें !
बहुत बढ़िया लिखा ह...वेलेंटाइन-डे की शुभकामनायें !<br /> बहुत बढ़िया लिखा है आपने ! इस उम्दा पोस्ट के लिए बधाई!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-79841364079661806302010-02-15T16:45:48.014+05:302010-02-15T16:45:48.014+05:30वर्मा जी और अवधिया जी , हाल तो सब का यही होता है ।...वर्मा जी और अवधिया जी , हाल तो सब का यही होता है । बस कुछ लोग आप की तरह स्वीकारने में शरमाते हैं। हा हा हा !<br />झा बाबू, कहीं आप दागदार बाबू तो नहीं लिखना चाह रहे थे ना। : )डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-27338237248318711992010-02-15T15:40:40.339+05:302010-02-15T15:40:40.339+05:30अरे सर डा. के बाद साहब लगाना तो छूट ही गया चलिए अब...<i> <b> अरे सर डा. के बाद साहब लगाना तो छूट ही गया चलिए अब दागदर बाबू लिख देता हूं </b> </i><br /><a href="http://www.google.com/profiles/ajaykumarjha1973#about" rel="nofollow"> अजय कुमार झा </a>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-3877441512245180562010-02-15T15:39:39.012+05:302010-02-15T15:39:39.012+05:30डा. आज के दिन के लिए दो कविताएं और दोनों ही अलग अल...<i> <b> डा. आज के दिन के लिए दो कविताएं और दोनों ही अलग अलग मूड की । दूसरी कविता नहीं शायद बहुत बडा सच है </b> </i><br /><a href="http://www.google.com/profiles/ajaykumarjha1973#about" rel="nofollow"> अजय कुमार झा </a>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-53439513955315271022010-02-15T13:35:08.297+05:302010-02-15T13:35:08.297+05:30अंतिम रचना युवा पीढ़ी का मार्गदर्शन कर रही हैअंतिम रचना युवा पीढ़ी का मार्गदर्शन कर रही हैअजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-62690510169092018052010-02-15T12:42:11.887+05:302010-02-15T12:42:11.887+05:30डाक्टर साहब, बहुत अच्छी कवितायेँ और वो भी अलग अलग ...डाक्टर साहब, बहुत अच्छी कवितायेँ और वो भी अलग अलग भाव में. आज रिश्तों की डोर इतनी ढ़ीली होती जा रही है उसे जितना ही खींचो अपने ही हाथ लहुलुहा होते है. ये तो ब्लॉग पर लिख कर हम अपने दिल की बात कह देते हैं वर्ना कहाँ जाओ, किससे कहो, कौन सुनेगा. चलो इसी बहाने कुछ तनाव कम रहेगा तो दिल दुरुस्त रहेगारचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-53290908060336564182010-02-15T11:06:42.250+05:302010-02-15T11:06:42.250+05:30दोनों ही कविताएँ बहुत सुन्दर!
"और इस तरह काम...दोनों ही कविताएँ बहुत सुन्दर!<br /><br />"और इस तरह कामवाली तो<br />सिनेमा घर में बैठी ,<br />वैलंटाइन डे मनाती रही ,<br />और घरवाली बेचारी घर में<br />झाडू पोछा लगाती रही।"<br /><br />भाई कभी हमारे यहाँ ऐसा हो जाये तो झाड़ू पोछा तो हमें ही लगाना पड़ता है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-69144132541140679972010-02-14T21:52:18.937+05:302010-02-14T21:52:18.937+05:30आपकी तो हर अदा ही निराली निकली!
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कह रहीं बालियाँ...<b>आपकी तो हर अदा ही निराली निकली!</b><br />--<br /><a href="http://saraspaayas.blogspot.com/2010/02/blog-post_09.html" rel="nofollow">कह रहीं बालियाँ गेहूँ की -</a> <a href="http://ravi-man.blogspot.com/2010/02/blog-post_13.html" rel="nofollow">"वसंत फिर आता है - </a><a href="http://ravi-man.blogspot.com/2010/02/blog-post_08.html" rel="nofollow">मेरे लिए,</a><br /><a href="http://hindeekaashringaar.blogspot.com/2010/01/blog-post_30.html" rel="nofollow">नवसुर में कोयल गाता है - </a> <a href="http://saraspaayas.blogspot.com/2010/02/blog-post.html" rel="nofollow">मीठा-मीठा-मीठा!"</a> <br />-- <br /><a href="http://saraspaayas.blogspot.com/2009/12/blog-post_27.html" rel="nofollow">संपादक : सरस पायस</a>रावेंद्रकुमार रविhttps://www.blogger.com/profile/15333328856904291371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-78054230665246226082010-02-14T20:36:40.545+05:302010-02-14T20:36:40.545+05:30बहुत सुन्दर
हमारी तो फोन नही लगाती बाई को
हमी से ...बहुत सुन्दर<br /><br />हमारी तो फोन नही लगाती बाई को<br />हमी से करवाती है सारे कामM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-63430919347777336742010-02-14T18:40:54.932+05:302010-02-14T18:40:54.932+05:30तीनो रंग बहुत अच्छे लगे पहला व्यंग तो लाजवाब है बध...तीनो रंग बहुत अच्छे लगे पहला व्यंग तो लाजवाब है बधाइनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-57287270046678272222010-02-14T18:05:10.387+05:302010-02-14T18:05:10.387+05:30पर वो वैलेंटाइन डे कब आएगा ,
जब मानव को होगा इन सब...पर वो वैलेंटाइन डे कब आएगा ,<br />जब मानव को होगा इन सबसे प्यार? <br />बेहतरीन सवाल ,उम्दा पोस्ट ,जय हो....डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-27170733194423428282010-02-14T17:15:17.723+05:302010-02-14T17:15:17.723+05:30excellent ji excellent.
bahut badhiyaa likhaa hain...excellent ji excellent.<br />bahut badhiyaa likhaa hain aapne.<br />dono poems bahut hi shaandaar rahi.<br />waise, agar bhaj-bhaj mandli or bhagwaa-dhaari naa hote to v'day kaa mazaa do-gunaa ho jaataa.<br />thanks.<br />www.chanderksoni.blogspot.comचन्द्र कुमार सोनीhttps://www.blogger.com/profile/13890668378567100301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-30647748516181616682010-02-14T14:30:32.257+05:302010-02-14T14:30:32.257+05:30बस एक शब्द -जोरदारबस एक शब्द -जोरदारArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-65218021341366775732010-02-14T13:25:04.006+05:302010-02-14T13:25:04.006+05:30अरे वैलेंटाइन तो हैं
मात- पिता और भाई बहन का प्यार...अरे वैलेंटाइन तो हैं<br />मात- पिता और भाई बहन का प्यार ,<br />और वैलेंटाइन हैं ये पाँच तत्व ,<br />जो हैं जीवन के मूल आधार ।<br />पर वो वैलेंटाइन डे कब आएगा ,<br />जब मानव को होगा इन सबसे प्यार?<br /><br />वो वैलेंटाइन डे कब आएगा---? <br />Bahut sundar prastuti..<br />Bahut badhai..कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-86501771427830281052010-02-14T13:23:58.204+05:302010-02-14T13:23:58.204+05:30अब तो घड़ी का कांटा उल्टा घूमे तो ही शायद वह दिन आ...अब तो घड़ी का कांटा उल्टा घूमे तो ही शायद वह दिन आए..Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-77842765925509106562010-02-14T12:53:51.932+05:302010-02-14T12:53:51.932+05:30Daral sahab dono hi kavitaayein kamaal ki lagin..
...Daral sahab dono hi kavitaayein kamaal ki lagin..<br />bahut khoob..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-84318636395332960862010-02-14T12:44:08.607+05:302010-02-14T12:44:08.607+05:30सबसे पहले तो हास्य-व्यंग्य विधा पर कलम चलने के लिए...सबसे पहले तो हास्य-व्यंग्य विधा पर कलम चलने के लिए आभार.<br />पढ़कर मजा आया.'स्ल्म्दौग करोडपति' --- को अलग रंग से दिखाने से अलग कविता का एहसास होता है इसलिए यह उसी रंग में रहता तो ठीक था.<br />अच्छे विचार.सुंदर पोस्ट.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-81004429989815745802010-02-14T12:37:33.035+05:302010-02-14T12:37:33.035+05:30दो अलग अलग दृश्य .... एक हास्य व्यंग से भरपूर दूस्...दो अलग अलग दृश्य .... एक हास्य व्यंग से भरपूर दूस्र कुछ गहरी संवेदनाएँ लिए .... <br />पर दोनो ही रंग बहुत अच्छे लगे डा दराल ..... मज़ा आ गया ...... सच में प्यार किसी दूसरे को भूलने का नाक नही है बल्कि अपनो की यादों को हमेशा दिल में सॅंजो कर रखने का नाम है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.com