tag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post3843157753555431675..comments2024-03-21T12:48:25.921+05:30Comments on अंतर्मंथन: इश्क कभी किया नहीं ,हुस्न की तारीफ करनी कभी आई नहीं---डॉ टी एस दरालhttp://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comBlogger41125tag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-15124404787565961342010-08-11T20:34:25.216+05:302010-08-11T20:34:25.216+05:30गज़ल वगैरा की तो मुझे समझ नहीं है लेकिन दोनों ही रच...गज़ल वगैरा की तो मुझे समझ नहीं है लेकिन दोनों ही रचनाएँ बढ़िया लगी...खास कर के पहले वालीराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-47489125581898937302010-08-03T08:21:16.112+05:302010-08-03T08:21:16.112+05:30तिलक जी , आपकी बात को गाँठ बांध लिया है ।
प्रयोग म...तिलक जी , आपकी बात को गाँठ बांध लिया है ।<br />प्रयोग में लाने का पूरा प्रयास रहेगा ।<br />आभार ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-79599873710014025612010-08-02T21:36:53.186+05:302010-08-02T21:36:53.186+05:30काव्य का महत्वपूर्ण तत्व है भाव और जब भाव अच्छ...काव्य का महत्वपूर्ण तत्व है भाव और जब भाव अच्छे हों और उनतक पढ़ने/सुनने वाला पहुँच जाये तो आनंद प्राप्त होता है इसपर दो मत हो ही नहीं सकते। जहॉं तक ग़ज़ल के अनुशासन की बात है वह आरंभ में थोड़ा जरूरी इसलिये हे जाता है कि नये ग़ज़लकार के भाव के बजाय लोग बह्र-ओ-वज़्न पर केन्द्रित होकर भाव का आनंद खो देते हैं। समीर लाल जी की बात ठीक है कि सुधार तभी कहा जाता है जब बह्र और रदीफ़ काफि़या कायम रहे। <br />मेरा प्रयास तो मात्र एक उदाहरण था आरंभिक बह्र का कि किस प्रकार यही बात सरल बह्र में भी कही जा सकती है। शुरुआत में ही कठिन बह्र लेना समस्या का कारण हो जाता है।<br />सफ़लता पर बधाई।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-49427383331323432252010-07-16T23:35:09.192+05:302010-07-16T23:35:09.192+05:30दिल को चुपके से , चुरा गया कोई
हम को हम से ही , मि...दिल को चुपके से , चुरा गया कोई<br />हम को हम से ही , मिला गया कोई ।<br /><br />वा....वाह.....व...वाह.......ओये होए .......!!<br /><br />कौण सी जी .......टिप्पणियाँ देखनी पड़ेगी ....कोई ब्लोगर ही तो नहीं .....?<br /><br />इश्क कभी किया नहीं..........अब छोडिये भी ....बहलाना .......!!!!<br />वो तो जनाब की आँखें ही बतलाती हैं .......<br /><br />तन्हा थे हम भी , कितने बरसों से<br />नज़र मिली तो बस , लुभा गया कोई ।<br /><br />बल्ले............!!<br />कितने बरसों से ......?????<br />बधाइयां जी बधाइयां.......!!<br /><br />तम के घेरों में , पा रहे थे सकूं<br />मन में दीप जला , डरा गया कोई<br /><br />हा....हा....हा......डरिए मत हमारा पूरा सहयोग है जी ......!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-53349002967391165992010-07-13T17:47:26.907+05:302010-07-13T17:47:26.907+05:30ग़ज़ल के दोनों रूपों को पसंद करने के लिए आप सभी साथि...ग़ज़ल के दोनों रूपों को पसंद करने के लिए आप सभी साथियों का धन्यवाद ।<br />ग़ज़ल की मात्रिक शुद्धि तिलक राज कपूर जी द्वारा संसोधित रचना में ही है । इसके लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूँ ।<br /><br />हमने जो लिखा है उसे गाने या गुनगुनाने के लिए आपको एक रेडीमेड धुन दे रहे हैं ।<br /><br />किसी नज़र को तेरा , इंतजार आज भी है<br />कहाँ हो तुम के ये दिल बेक़रार आज भी है ।<br /><br />बस गाइए और आनंद लीजिये ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-85189690742139182852010-07-12T22:25:10.082+05:302010-07-12T22:25:10.082+05:30sir, aap ko doctor kisne banaya!aap ko to shaayar ...sir, aap ko doctor kisne banaya!aap ko to shaayar hona chahiye tha ,kyonki iss tanaav bhari jindagi ka eelaj to sher-o-shayari se hi kiya ja sakta hai jo ki aap kar rahe hai .bahut achcha!best of luck.rubyhttps://www.blogger.com/profile/05270821131504800973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-65899147943004846312010-07-12T18:48:11.384+05:302010-07-12T18:48:11.384+05:30सर आपका प्रयास अच्छा है लेकिन व्याकरण की दृष्टि से...सर आपका प्रयास अच्छा है लेकिन व्याकरण की दृष्टि से जो सुधार किया गया वो सुन्दर तो है पर आधे भाव खा गया लगता है..दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-78140437357019674002010-07-12T13:11:18.528+05:302010-07-12T13:11:18.528+05:30pahli wali gazal me jo baat hai, wah kuchh alag hi...pahli wali gazal me jo baat hai, wah kuchh alag hi hai bilkul kisi bachhe ki tarah masoom , nirdosh si ....स्वातिhttps://www.blogger.com/profile/06459978590118769827noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-13737181145616195882010-07-12T00:09:03.485+05:302010-07-12T00:09:03.485+05:30मात्रा का तो हमें ज्ञान नहीं ..अनाड़ी हैं हम तो कव...मात्रा का तो हमें ज्ञान नहीं ..अनाड़ी हैं हम तो कविता दिल से पड़ते हैं ...माफ कीजियेगा ...हमें तो पहली वाली ज्यादा पसंद आईshikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-75282404992237072622010-07-11T22:26:18.231+05:302010-07-11T22:26:18.231+05:30बिलकुल सही
हम को हम से ,मिला गया कोई ।बिलकुल सही <br />हम को हम से ,मिला गया कोई ।सुधीर राघवhttps://www.blogger.com/profile/00445443138604863599noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-48309994854417294272010-07-11T22:19:54.231+05:302010-07-11T22:19:54.231+05:30दिल के इस सूखे सहरॉं में
तू बरखा जल बरसाता है।
a...दिल के इस सूखे सहरॉं में<br /><br />तू बरखा जल बरसाता है।<br /><br />aap itni achhi ghazal bhi likhte hain, maloom na thaa.<br /><br />Bahut se logon ko ye ghazal apne dil ki hi baat lag rahi hogi..<br /><br />aabhar.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-32118015320532979502010-07-11T18:46:25.689+05:302010-07-11T18:46:25.689+05:30हा हा हा ! जे सी जी । सही कहा , डॉक्टर तो हम भी थे...हा हा हा ! जे सी जी । सही कहा , डॉक्टर तो हम भी थे काम के । लेकिन अब भी हैं , बस इलाज़ का तरीका बदल गया है ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-26985869742188999112010-07-11T17:49:16.051+05:302010-07-11T17:49:16.051+05:30वाह! वाह! तारीफ़ जी!
शाह रुख खान ने अटल जी से चुट...वाह! वाह! तारीफ़ जी! <br />शाह रुख खान ने अटल जी से चुटकी लेते उनकी पुस्तक के विमोचन के उपलक्ष्य पर कहा था कि इस देश का दुर्भाग्य है कि जिसे कवि होना चाहिए, उसे प्रधान मंत्री बना दिया जाता है! <br />ग़ालिब भी कह गए "इश्क ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया / वर्ना हम भी आदमी थे काम के"... <br />बीमारों के लिए अच्छा हुआ आप कवि बाद में और डॉक्टर पहले बने!JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-28459027972607613502010-07-11T14:01:52.290+05:302010-07-11T14:01:52.290+05:30हमें तो दोनों ही अच्छी लगी क्योंकि इस विषय का विज...हमें तो दोनों ही अच्छी लगी क्योंकि इस विषय का विज्ञान नहीं आता हैरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-22891536318801447392010-07-11T11:40:35.798+05:302010-07-11T11:40:35.798+05:30अब जनाब हमारी प्रतिक्रिया क्या लेंगे? बिना इश्क कि...अब जनाब हमारी प्रतिक्रिया क्या लेंगे? बिना इश्क किये...बिना हुस्न की तारीफ किये 'तारीफ' जी इतनी बढ़िया गज़ल लिख गए तो जरूर कुछ बात तो है 'तारीफ' जी में...और सिर्फ एक बार वाह कहने से तो काम नहीं चलेगा...बार बार वाह वाह कहेंगे जी.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-91845813468639752982010-07-11T11:36:55.672+05:302010-07-11T11:36:55.672+05:30aap to harfan moula hai........
thouno rachanae la...aap to harfan moula hai........<br />thouno rachanae lajawab hai..........<br />sirf izhar hee pyar nahee hota .............ehsaas hee kafee hai..........Apanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-58273354444328238692010-07-11T10:30:49.126+05:302010-07-11T10:30:49.126+05:30मुरारी जी, मियां कहाँ रहे इतने दिन ।
ब्लॉग व...मुरारी जी, मियां कहाँ रहे इतने दिन ।<br />ब्लॉग वापसी पर हार्दिक स्वागत है ।<br /><br />आपका ब्लॉग खुल नहीं रहा है । फिर कोशिश करते हैं ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-76485433647877944702010-07-11T09:58:08.603+05:302010-07-11T09:58:08.603+05:30साहब हमारे लिए दोनों सही है बल्कि पहली वाली के शब्...साहब हमारे लिए दोनों सही है बल्कि पहली वाली के शब्द सचमुच लाजवाब हैं ! पर ग़ज़ल तकनीक के बारे में अंगूठा टेक हैं !!Murari Pareekhttps://www.blogger.com/profile/16625386303622227470noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-48858301001263777792010-07-11T09:29:39.589+05:302010-07-11T09:29:39.589+05:30सही कहा , समीर जी ।
तिलक जी ने ये मात्रिक क्रम ल...सही कहा , समीर जी ।<br />तिलक जी ने ये मात्रिक क्रम लिया है ---२ २ २ २ २ २ २ २ = १६<br />मैंने मतला बनाया --२ २ २ २ २ , १ २ १ २ २ २ = २०<br />लेकिन बाकि अशआर में क्रम रहा --<br />पहला मिसरा ----- २ २ २ २ २, २ २ २ २ २ = २०<br />और दूसरा मिसरा --२ २ २ २ २ , १ २ १ २ २ २ = २० <br />इस तरह फर्क हो गया , जो ठीक नहीं हो सका । हालाँकि मात्राएँ समान हैं ।<br />लेकिन मुझे लगता है , यह ग़ज़ल न होकर , गीत बन गया है ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-13740810009250951822010-07-11T08:17:52.708+05:302010-07-11T08:17:52.708+05:30आपकी पोस्ट चर्चा ब्लाग4वार्ता पर<a href="http://blog4varta.blogspot.com/2010/07/4_11.html" rel="nofollow">आपकी पोस्ट चर्चा ब्लाग4वार्ता पर</a>ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-8720588638834896402010-07-11T07:02:23.563+05:302010-07-11T07:02:23.563+05:30दोनों पढ़ी....सुधार और बदल में अंतर दिखा...पहली अप...दोनों पढ़ी....सुधार और बदल में अंतर दिखा...पहली अपनी जगह है, दूसरी अपनी जगह...<br /><br /><br />सुधार तो गर काफिया और रदीफ और बहर एक ही रहती तो माना जाता...यह तो नई बात ही कही गई नई तरीके से भले भावार्थ एक हों. :)<br /><br /><br />बेहतरीन दोनों ही.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-83688242622431555192010-07-10T23:15:32.984+05:302010-07-10T23:15:32.984+05:30बहुत ही शानदार और जानदार लगी आपकी ग़ज़ल .बधाई!!बहुत ही शानदार और जानदार लगी आपकी ग़ज़ल .बधाई!!Prem Farukhabadihttps://www.blogger.com/profile/05791813309191821457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-1605964933544766142010-07-10T22:47:12.682+05:302010-07-10T22:47:12.682+05:30मुझे तो दोनों ही बहुत अच्छी लगी...मुझे तो दोनों ही बहुत अच्छी लगी...rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-80006621295714170592010-07-10T19:53:52.726+05:302010-07-10T19:53:52.726+05:30Doctor saahab ... vaise bhaav to samaan hi hain do...Doctor saahab ... vaise bhaav to samaan hi hain dono mein .. to ishq karna to aata hai aapko ... baaki ship to aate aate aa hi jaayega ... <br />Vaise dono lajawaab hain ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-15077771957482831392010-07-10T17:13:43.132+05:302010-07-10T17:13:43.132+05:30तारीफ़ में जिनकी शब्द ही खो जाएं
कैसे करें तारीफ़ जर...तारीफ़ में जिनकी शब्द ही खो जाएं<br />कैसे करें तारीफ़ जरा आप ही बताए<br /><br /><br />बढिया गजल--हर शेर उम्दा है<br />ये तो शौक है-हर शब्द चंगा है<br /><br />बस जिन्दगी युं चलती रहे।<br /><br />राम रामब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.com