tag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post3733257223841239324..comments2024-03-21T12:48:25.921+05:30Comments on अंतर्मंथन: बाल दिवस पर गौर कीजिये --- कहीं आपका बच्चा बाल शोषण का शिकार तो नही !डॉ टी एस दरालhttp://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comBlogger31125tag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-69336097911594023332010-10-22T23:41:25.825+05:302010-10-22T23:41:25.825+05:30डॉ टी एस दराल सर , आपको नमस्कार | आपकी ब्लॉग मैने ...डॉ टी एस दराल सर , आपको नमस्कार | आपकी ब्लॉग मैने पढ़ी, आपकी जैसी सोच अगर सबकी हो तो क्या बात है | पर हमारे देश मे जागरूकता की बहोत कमी है | मैं एक सॉफ्टवेर इंजीनीयीयिर हू | पिछले १८ महीनो से मैं एक सिस्टम बनाने की कोशिश कर रहा हू, जिस सॉफ्टवेर की मदत से चाइल्ड अब्यूज़िंग , चाइल्ड किडनेपिंग जैसे मामले मे कमी आए | यह सॉफ्टवेर जी-पी-एस, सेट्टेलाइट, रेडियो तरंग और सेलुलेर तकनीक से बनी हुई है | और हम पूरे भारतवर्ष के अभिभको को एक ऐसी प्लॅटफॉर्म देने की त्यारी कर रहे है , जिस मंच पर वो अपने सारे समस्या के बारे मे जानकारी प्राप्त कर सकते है| मुझे आपकी ई मेल की ज़रूरत है |<br /><br />Adeetya<br />info@childsafetyindia.comChild Safety Indiahttps://www.blogger.com/profile/02699428350052679627noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-27127105962639315392010-10-22T23:38:55.489+05:302010-10-22T23:38:55.489+05:30डॉ टी एस दराल सर, आपको नमस्कार | आपकी ब्लॉग मैने प...डॉ टी एस दराल सर, आपको नमस्कार | आपकी ब्लॉग मैने पढ़ी, आपकी जैसी सोच अगर सबकी हो तो क्या बात है | पर हमारे देश मे जागरूकता की बहोत कमी है | मैं एक सॉफ्टवेर इंजीनीयीयिर हू | पिछले १८ महीनो से मैं एक सिस्टम बनाने की कोशिश कर रहा हू, जिस सॉफ्टवेर की मदत से चाइल्ड अब्यूज़िंग , चाइल्ड किडनेपिंग जैसे मामले मे कमी आए | यह सॉफ्टवेर जी-पी-एस, सेट्टेलाइट, रेडियो तरंग और सेलुलेर तकनीक से बनी हुई है | और हम पूरे भारतवर्ष के अभिभको को एक ऐसी प्लॅटफॉर्म देने की त्यारी कर रहे है , जिस मंच पर वो अपने सारे समस्या के बारे मे जानकारी प्राप्त कर सकते है| मुझे आपकी ई मेल की ज़रूरत है |Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16931389817849763607noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-4200174771297933372010-08-11T14:26:11.587+05:302010-08-11T14:26:11.587+05:30जानकारी भरे इस आलेख के लिए आपको सलामजानकारी भरे इस आलेख के लिए आपको सलामराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-71422587559955914802009-11-17T19:53:54.096+05:302009-11-17T19:53:54.096+05:30आज शाम टी वी पर एक न्यूज़ चैनल पर एक रिपोर्ट देखकर...आज शाम टी वी पर एक न्यूज़ चैनल पर एक रिपोर्ट देखकर दिल बहुत ख़राब हुआ। महाबलीपुरम जैसी पावन भूमि पर एक अनाथालय के बच्चों पर विदेशियों द्वारा किए जा रहे यौन शोषण का खुलासा किया गया। यूँ तो इस जघन्य अपराध के लिए पिडोफिल्स के लिए कम से कम ५ साल की सज़ा का प्रावधान है , १२ साल तक के बच्चों के साथ अनाचार करने के लिए। लेकिन आज तक कितने पिडोफिल्स गिरफ्तार हुए, ये कोई नही जानता।<br /><br />उधर, पति , पत्नी और वो सीरियल में जिस तरह छोटे छोटे , नन्हे मासूमों को इस्तेमाल किया जा रहा है, उसे क्या कहेंगे?डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-50493830415349935212009-11-17T14:51:57.647+05:302009-11-17T14:51:57.647+05:30डॉक्टर साहब इतना अच्छा लेख वह भी बाल दिवस पर और ...डॉक्टर साहब इतना अच्छा लेख वह भी बाल दिवस पर और रोंगटे खड़े कर देने तथ्यों के साथ. बहुत बहुत बधाई. इतनी अच्छी और तर्कसंगत बातों की ही आप से आगे भी आशा करते हैंरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-57968334373095118212009-11-17T10:16:07.986+05:302009-11-17T10:16:07.986+05:30शरद जी, ये तो विषय का एक ही पहलू है. बाल शोषण पर म...शरद जी, ये तो विषय का एक ही पहलू है. बाल शोषण पर मुझे आप से और ज्यादा की अपेक्षा थी.डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-34228609556291781462009-11-17T01:55:24.318+05:302009-11-17T01:55:24.318+05:30डॉ.साहब आपका लेख पढ कर मुझे फ्राइड की याद आ रही है...डॉ.साहब आपका लेख पढ कर मुझे फ्राइड की याद आ रही है । इस बारे मे उनकी बहुत सी मान्यतायें हैं । यद्यपि हमारा अवचेतन भी धीरे धीरे ही बनता है और बड़े होने के बाद उसमे से कचरा निकालना बहुत मुश्किल होता है । सो यह बहस का विषय तो सदा बना ही रहेगा ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-28780478934549945982009-11-16T09:01:36.781+05:302009-11-16T09:01:36.781+05:30खुशदीप भाई, आपका स्नेहमयी हुक्म सर माथे पर.खुशदीप भाई, आपका स्नेहमयी हुक्म सर माथे पर.डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-11721426504325231952009-11-16T04:42:47.458+05:302009-11-16T04:42:47.458+05:30... बेहद प्रभावशाली व प्रसंशनीय अभिव्यक्ति !!!... बेहद प्रभावशाली व प्रसंशनीय अभिव्यक्ति !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-5896510550858181842009-11-15T21:53:11.373+05:302009-11-15T21:53:11.373+05:30दराल की दिल्ली वाले डॉ टी एस दराल सर,
दिल्ली के ब...दराल की दिल्ली वाले डॉ टी एस दराल सर,<br /><br />दिल्ली के ब्लागरों के असली शहंशाह होने के बावजूद आपने कवि सम्मेलन को तरजीह दी...इसकी सज़ा आपको मिलेगी...बराबर मिलेगी...अगली महफिल में आपको ढेर सारे...टीचर्स...लाने होंगे...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-58085691065361932822009-11-15T20:57:00.293+05:302009-11-15T20:57:00.293+05:30बाल-दिवस पर इस सार्थक लेख के लिए आभार!बाल-दिवस पर इस सार्थक लेख के लिए आभार!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-34029935940129504022009-11-15T19:36:18.218+05:302009-11-15T19:36:18.218+05:30डॉक्टर दारल जी ~ मैं भूल गया लिखना कि यद्यपि मेरा ...डॉक्टर दारल जी ~ मैं भूल गया लिखना कि यद्यपि मेरा अपना निजी ब्लॉग नहीं है, किन्तु फिर भी सन २००५ से, यानि चार साल से अधिक, जबसे मैंने पहले ब्लॉग के बारे में समाचार पत्र में जाना, इसे संयोग ही कहेंगे कि मुझे पहला ब्लॉग, तब कु., अब श्रीमती कविता का मंदिर आदि के उपर दिखा (@)...और मैं केवल टिप्पणी ही तबसे लिखता आ रहा हूँ उसके ब्लॉग में, और कभी कभी विभिन्न अन्य ब्लोगों में भी, जैसे न्यू यार्क टाईम्स, टाईम्स ऑफ़ इंडिया के कुछेक, आदि आदि...मेरा प्रयास अपनी 'धार्मिक' कहानियों में सांकेतिक भाषा में दर्शाए सत्य को खोज निकालने का है - आजके सन्दर्भ में...इस कारण मेरे विचार सबकी समझ में नहीं आते क्यूंकि वो खगोलशास्त्र पर अधिक आधारित होते हैं और पढने वाले सारे इतिहासकार इत्यादि, (यद्यपि मैं स्वयं सिविल इंजीनियरिंग का विद्यार्थी रहा हूँ) इस कारण अधिकतर टिप्पणियां नहीं देखने को मिलती :) <br /><br />@ http://indiatemple.blogspot.com/JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-984324540066389462009-11-15T19:06:15.522+05:302009-11-15T19:06:15.522+05:30जानकारी आंखे खोलने वाली है आप इस आलेख को समाचार पत...जानकारी आंखे खोलने वाली है आप इस आलेख को समाचार पत्रों में भी प्रकाशित करवाये इस तरह के आलेख जागरूकता फैलाते है पर कितने लोगो तक पहुचते है यह सोचनीय है? आप पत्रकारों से भी अच्छा काम कर रहे है आपकों मेरा अभिनन्दन ।Sunita Sharma Khatrihttps://www.blogger.com/profile/10860643098392133673noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-59887378039258240922009-11-15T18:36:10.492+05:302009-11-15T18:36:10.492+05:30जे सी अंकल, आपके बारे में जानकार बहुत अच्छा लगा.
...जे सी अंकल, आपके बारे में जानकार बहुत अच्छा लगा. <br />बुजुर्गों का हमारे जीवन में कितना महत्त्व है, ये बात तो मैं स्वयम दूसरों को बताता हूँ. <br />इंडिया गेट की आपकी यादें तो हमें भी अतीत में ले गई. <br />बहुत अच्छा लगा आपकी टिपण्णी पढ़कर. मेरे लिए तो ये आर्शीवाद जैसा है. <br />रविश कुमार जी के ब्लॉग पर आपकी टिपण्णी पढ़ी थी. लेकिन उसके बारे में मैं स्वयं विस्तार से एक पोस्ट लिखने की सोच रहा हूँ. जल्दी ही लिखूंगा. <br />और हाँ, यदि आप ब्लॉग को बस इतना आजाद कर दें की हम आपके ब्लॉग पर ही आकर आपसे गुफ्तगू कर सकें , तो आपके अनुभवों का हम सब और लाभ उठा पायेंगे. <br /><br /><br />देवेंद्र जी और हरकीरत जी , आपकी टिप्पणियां मेरे लिए टोनिक का काम करती हैं. <br />आभार.डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-28540487294819506862009-11-15T18:20:21.342+05:302009-11-15T18:20:21.342+05:30अजित जी, माफ़ी चाहता हूँ देरी के लिए.
दरअसल आज राष...अजित जी, माफ़ी चाहता हूँ देरी के लिए. <br />दरअसल आज राष्ट्रीय कवि संगम का तृतीय वार्षिक सम्मलेन था. <br />अभी अभी वहीँ से आ रहा हूँ. <br />आपका कहना भी जायज़ है. सभी एक जैसे नहीं होते . लेकिन ये जो माइंड होता है,इसमें एक सब्कोन्सियस भाग भी होता है, जिसका कंट्रोल हमारे हाथ में नहीं होता. <br />दूसरी बात ये है की, सबकी रीति रिवाजें अलग अलग होती हैं. <br />जहाँ किस करना पश्चिमी सभ्यता में अभिवादन करने का तरीका है, वहीँ यहाँ तो अभी भी इसे अलग दृष्टि से देखा जाता है. <br />फिर भी मैं यही कहूँगा की आपकी बात में सच्चाई है. हालाँकि ये साइकोलोजिस्ट्स का पक्ष है. <br />एक पत्रकार से आमना सामना अच्छा लगा.डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-80385197999070398842009-11-15T17:39:56.692+05:302009-11-15T17:39:56.692+05:30हमारी टिप्पणी प्रकाशित नहीं की आपने....हमारी टिप्पणी प्रकाशित नहीं की आपने....अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-16468300535799098432009-11-15T16:57:34.974+05:302009-11-15T16:57:34.974+05:30वहां पापा पप्पी को संभाले यहाँ बाल बाल को पाले.....वहां पापा पप्पी को संभाले यहाँ बाल बाल को पाले....दाद देती हूँ आपके कैमरे की पकड़ की ......!!<br /><br />जहां सभी ब्लोगरों ने बाल कविता लिख के अपना दायित्व निभा लिया वहीँ आपका ये बाल जीवन पर उपयोगी लेख बच्चों के प्रति हमारे व्यवहार पोल खोलता है ...३० % बच्चे यौन शोषण , ४० % शारीरिक , ५० % भावनात्मक और ६० % आर्थिक शोषण के शिकार होते हैं. ....कहीं न कहीं इसके जिम्मेदार हम भी हैं ...<br /><br />मानसिक, और यौन दुर्व्यवहार , बच्चे की उपेक्षा, आर्थिक या किसी और रूप में दुरूपयोग, जिससे बच्चे के स्वास्थ्य , सुरक्षा और विकास पर विपरीत प्रभाव पड़े, इसे बाल शोषण कहते हैं. <br /><br />आपने जिन तथ्यों को सामने रखा है आमतौर पर हम इसे नज़रंदाज़ कर देते हैं हमेशा निंदा करना, धमकाना, परित्याग, सौतेला व्यवहार....सच कहा आपने इससे बच्चे कुंठित हो जाते हैं ...!!<br /><br />बाल दिवस पर बहुत ही उपयोगी आलेख ......!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-51442934921653009022009-11-15T15:15:42.302+05:302009-11-15T15:15:42.302+05:30वहाँ पापा पप्पी को पाले यहाँ बाल बाल को पाले
बाल द...वहाँ पापा पप्पी को पाले यहाँ बाल बाल को पाले<br />बाल दिवस के अवसर पर आपका यह तोहफा सर माथे पर<br />चित्र भावनात्मक रूप से प्रभावित करता है जिसे हम प्रायः देखकर भी अनदेखा कर देते हैं...<br />लेकिन जो नायाब जानकारी हमें आपने अपने लेख के माध्यम से दी उसकी जितनी भी तारीफ की जाय वह कम है<br />ऐसा लेख सभी को पढ़ना और पढ़कर प्रचारित करना चाहिए।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-23841949379280772352009-11-15T13:35:35.880+05:302009-11-15T13:35:35.880+05:30डॉक्टर दराल जी ~ मैं दिल्ली विश्वविद्यालय और पिलान...डॉक्टर दराल जी ~ मैं दिल्ली विश्वविद्यालय और पिलानी का छात्र रहा हूँ, ५० के अंतिम और ६० के दशक के आरंभ में...और फिर सरकारी नौकरी में दिल्ली के अतिरिक्त इधर/ उधर भी भटका हूँ...अब तो प्रभु की कृपा से कुछ समय मिला है अंतर्मन में झाँकने का...मैंने आपके लिए रवीश जी के ब्कोग में भी एक टिपण्णी छोड़ी है और स्वयं आपके ही अपने दूसरे ब्लॉग में भी...शायद जिनसे मेरे मन के झुकाव का अंदाजा लग पाए...धन्यवाद! <br /><br />मेरा अपना निजी ब्लॉग नहीं है क्यूंकि जैसा मैंने बताया, में अब सन्यासाश्रम में प्रवेश कर चूका हूँ किन्तु बाहरी जगत से भी जुडा...JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-65224524638481057802009-11-15T03:35:34.102+05:302009-11-15T03:35:34.102+05:30डॉक्टर साहेब,
पहली बार आपके ठिकाने पर आना हुआ है।...डॉक्टर साहेब, <br />पहली बार आपके ठिकाने पर आना हुआ है। शब्दों का सफर ही करने के चक्कर में ब्लागर होते हुए भी ब्लाग-सफरी नहीं बन पाया हूं। बहुत अच्छा लगा यहां। आपकी पोस्ट अच्छी लगी। मैं एक पत्रकार हूं और आए दिन न जाने कितने किस्म के सर्वेक्षणों को पढ़ता हूं। मानवीय भावनाओं के संदर्भ में चूमने के बारे में जो मनोविज्ञानियों का मंतव्य सामने रखा है, वह विवादास्पद है। आए दिन न जाने कितनी तरह के सर्वे से हासिल निष्कर्ष अध्येता जारी करते हैं। उसके खबरीले तत्व पर सबकी निगाह रहती है और उसी आधार पर उसे वैश्विक मान लिया जाता है। <br />सौ में बीस गलत भी होते हैं और उनमें भी पांच असहनीय। तमाम पाप इनके माथे। बाकी अस्सी फीसद तो वाकई बच्चे को बच्चा ही समझते हैं। मुझे नहीं लगता कि किसी का माथा, गाल चूमने की क्षणिक घटना से किसी की सैक्स ग्रंथी संतुष्ट होती होगी, उन बीस फीसद को छोड़कर।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-47618799728816613062009-11-15T00:16:06.660+05:302009-11-15T00:16:06.660+05:30जे सी जी, पूरे दर्शन दें , तो और भी अच्छा लगेगा.जे सी जी, पूरे दर्शन दें , तो और भी अच्छा लगेगा.डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-48018633600073084932009-11-15T00:10:06.847+05:302009-11-15T00:10:06.847+05:30शुक्रिया , अलबेला जी, सच्चाई वाले भाई साहब, महफूज़...शुक्रिया , अलबेला जी, सच्चाई वाले भाई साहब, महफूज़ भाई, अजय कुमार जी, सतरंगी जी और सुमन जी जिनका प्रथम आगमन है. समीर जी और खुश भाई तो हमारे पुराने सम्बन्धी हैं. <br />ये पोस्ट आप जैसे समझदार लोगों के लिए ही लिखी गई है. <br />आशा करता हूँ की और लोग भी इसे पढें और विचार करें.डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-24962696699771842472009-11-14T10:30:59.326+05:302009-11-14T10:30:59.326+05:30मुझे भी इस बाल दिवस पर ऑटो मैकेनिक की शॉप पर बात-ब...मुझे भी इस बाल दिवस पर ऑटो मैकेनिक की शॉप पर बात-बात पर उस्ताद की गालियां और मार खा रहा आठ-नौ साल का बच्चा याद आ रहा है...जब भी उस्ताद ये काम करता है तो मुझे लगता है बाल श्रम विरोधी कानून के मुंह पर ही कस कर तमाचे जड़े जा रहे हैं...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-76797094535903189002009-11-14T10:08:03.034+05:302009-11-14T10:08:03.034+05:30बाल दिवस पर एक सार्थक लेख. सभी जिम्मेदार नागरिकों ...बाल दिवस पर एक सार्थक लेख. सभी जिम्मेदार नागरिकों के लिए पठनीय.<br />आप सिर्फ एक डाक्टर नहीं 'जिम्मेदार डाक्टर' हैं. <br /><br />मेरी शुभकानाएं!!Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-88917397451691681092009-11-14T10:00:57.396+05:302009-11-14T10:00:57.396+05:30आदरणीय दरालजी बहुत अच्छा लेख है | इससे हमारे
जैसे...आदरणीय दरालजी बहुत अच्छा लेख है | इससे हमारे <br />जैसे बहुत से अभिभावकों का मार्गदर्शन हुआ है |अजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.com