tag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post3500765927888222442..comments2024-03-21T12:48:25.921+05:30Comments on अंतर्मंथन: जब चाचा छक्कन ने केले खरीदे ---डॉ टी एस दरालhttp://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comBlogger42125tag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-36903650603408402172013-07-23T13:45:53.037+05:302013-07-23T13:45:53.037+05:30शब्दों की मुस्कुराहट पर .... हादसों के शहर में :)शब्दों की मुस्कुराहट पर <b><a href="http://sanjaybhaskar.blogspot.in/" rel="nofollow">.... हादसों के शहर में :)</a> </b> <br />संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-54122942671636544552013-07-15T09:03:43.932+05:302013-07-15T09:03:43.932+05:30बेचारे केलों को बंटने का कष्ट नहीं उठाना पड़ा। वर...बेचारे केलों को बंटने का कष्ट नहीं उठाना पड़ा। वर्तमान युग में किसी अजनबी पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-57711596438200961992013-07-14T21:54:53.440+05:302013-07-14T21:54:53.440+05:30सरकार सरकार रोटी की तरह एक रैन बसेरा बिल भी लाओ .सरकार सरकार रोटी की तरह एक रैन बसेरा बिल भी लाओ .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-5149992988315672362013-07-14T21:54:07.161+05:302013-07-14T21:54:07.161+05:30
मान न मान मैं तेरा मेहमान .कद्रदान मेहरबान ,ना हक...<br />मान न मान मैं तेरा मेहमान .कद्रदान मेहरबान ,ना हक़ न हो परेशान .अजनबी का न कर सम्मान बना सकता है घर को शमशान .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-80067499975323173362013-07-14T13:04:20.645+05:302013-07-14T13:04:20.645+05:30सच कहा है ... आज कल भरोसा करना किसी अजनबी पे बहुत ...सच कहा है ... आज कल भरोसा करना किसी अजनबी पे बहुत ही दुष्कर कार्य है ... <br />पर मतलब की बात ये की पहली बार टीम केले खरीदे और वो भी खाने से महरूम रह गए ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-39399863111528400512013-07-13T13:42:27.647+05:302013-07-13T13:42:27.647+05:30क़ानून कहता है कि 100 दोषी बेशक बच जाएं लेकिन एक भ...क़ानून कहता है कि 100 दोषी बेशक बच जाएं लेकिन एक भी निर्दोष को सज़ा नहीं मिलनी चाहिेए...कोई वाकई ज़रूरतमंद है या नहीं. इसे परखा जा सकता है, लेकिन इसके लिए वक्त की ज़रूरत होती है...दुर्भाग्य से आज हम सबके पास ही वक्त की कमी है...इसलिए खामख्वाह के टंटे में फंसने से बचना ही समझदारी है...कुछ धूर्त किस्म के लोग ज़रूरतमंद होने का ढोंग रच कर लोगों से पैसे एंठने को आदत बना लेते हैं...इन कामचोरों की वजह से ही वाकई परेशानी में फंसा इनसान भी हमें चालबाज़ नज़र आने लगता है...वाकई स्थिति बड़ी विकट है...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-66400425677862568082013-07-12T18:58:57.062+05:302013-07-12T18:58:57.062+05:30स्थानीय दगाबाज़ों को भी मलयालम सीखनी पड़ती है, ......स्थानीय दगाबाज़ों को भी मलयालम सीखनी पड़ती है, ... बहूत नाइंसाफी है ... Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-79465176125526832162013-07-12T11:45:49.230+05:302013-07-12T11:45:49.230+05:30गोदियाल जी , यहाँ बाहर से ज्यादा घर में खतरा रहता ...गोदियाल जी , यहाँ बाहर से ज्यादा घर में खतरा रहता है। कोई भी किसी भी बहाने से घर में घुस कर वारदात कर सकता है। इनमे फोन , गैस , पाइप , या कोई और उपकरण चैक करने वाले या फिर दूध , अख़बार या केबल के पैसे लेने वाले भी हो सकते हैं। घर में काम करने वाले नौकर या बाई से भी सावधान रहना ज़रूरी है। इनके सामने कभी भी पैसे या कीमती सामान प्रदर्षित नहीं होना चाहिए। लेकिन सबसे ज्यादा खतरा रहता है अंजान लोगों से जो लालच देकर आपको बेवक़ूफ़ बनाकर चूना लगा जाते हैं। अफ़सोस तो यह देखकर होता है कि महिलाएं इन ठगों के जाल में फंस भी जाती हैं। इसी तरह सफ़र में भी किसी अन्जान से खाने पीने की चीज़ नहीं लेनी चाहिए। डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-49346124157127330782013-07-12T11:23:55.633+05:302013-07-12T11:23:55.633+05:30चलिए ब्लॉगिंग से कुछ तो फायदा हुआ। :) चलिए ब्लॉगिंग से कुछ तो फायदा हुआ। :) डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-61895156948138607142013-07-12T11:22:39.700+05:302013-07-12T11:22:39.700+05:30जी, आजकल यहाँ फल थोड़े सस्ते हैं। जी, आजकल यहाँ फल थोड़े सस्ते हैं। डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-63053453680211683012013-07-12T11:21:27.413+05:302013-07-12T11:21:27.413+05:30जी सही कहा। ये लोग बड़े इन्नोवेटिव होते हैं और नए ...जी सही कहा। ये लोग बड़े इन्नोवेटिव होते हैं और नए नए तरीके निकाल लेते हैं। इसलिए होशियार रहना ज़रूरी है। डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-59599034225979456592013-07-12T11:14:20.904+05:302013-07-12T11:14:20.904+05:30वाणी जी , फिर भी ऐसे मामलों में विवेक का ही इस्तेम...वाणी जी , फिर भी ऐसे मामलों में विवेक का ही इस्तेमाल करना चाहिए। डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-692002774742839992013-07-12T10:58:54.961+05:302013-07-12T10:58:54.961+05:30मुबई में तो सरकार ने सौ केंद्र खोले ही सस्ती सब्जि...मुबई में तो सरकार ने सौ केंद्र खोले ही सस्ती सब्जियों का, पर मिलती कुछ नहीं है, इतनी बड़ी लाइन देख कर ही आप भाग जायेंगे और लगा गए तो जब तक आप का नंबर आयेगा कभी सब्जिय ख़त्म हो जाती है, तो कभी सडी गली और नानवेज सब्जिया ही बची रहती है । anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-64022120821198832832013-07-12T10:19:27.398+05:302013-07-12T10:19:27.398+05:30न सिर्फ रोचक आलेख अपितु एक समसामयिक मुदा भी उठाया...न सिर्फ रोचक आलेख अपितु एक समसामयिक मुदा भी उठाया है आपने डा० साहब, मुझे अखबार पढने की ज्यादा फुर्सत तो नहीं रहती किन्तु आज सुबह की चाय पर श्रीमती जी ने गाजियाबाद की एक ऐसी घटना का जिक्र उठाया जो कहल के कुछ अखबारों में भी आया था। अभी कुछ समय पूर्व एक पिक्चर आई थी, नकली सीबीआई के रेड से सम्बंधित। ठीक उसी तर्ज पर कल गाजियाबाद में चार युवकों ने खुद को सीबीआई वाला बताकर घर के जेवरातों और नगदी को लूट लिया। तो आशय यह कि आज के जमाने में भरोसा किसे का नहीं रहा पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-13169718532447616962013-07-12T07:32:46.808+05:302013-07-12T07:32:46.808+05:30बल्कि जान पहचान वाले और रिश्तेदार ही ज्यादा लूटते ...बल्कि जान पहचान वाले और रिश्तेदार ही ज्यादा लूटते हैं किसिम किसिम के बहनों से , और यदि आपने सहायता के लिए विवेक का प्रयोग किया तो कंजूस की पदवी स्वीकारने के लिए तैयार रहें ! <br />वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-49082390187077063742013-07-12T06:46:07.932+05:302013-07-12T06:46:07.932+05:30*पाला पड़ गया *पाला पड़ गया Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-40777571132227133192013-07-12T06:44:48.581+05:302013-07-12T06:44:48.581+05:30सस्ते छूटे! मजे की बात तो यह है कि इतनी भीड़ भाड़ म...सस्ते छूटे! मजे की बात तो यह है कि इतनी भीड़ भाड़ में ये अपना लक्ष्य दानिशमंद तलाश ही लेते हैं! हम भी इनके टारगेट बनते आये हैं अब चंट हो चले हैं ..ब्लागिंग के चंद साला अनुभव ने बहुत कुछ सिखा दिया है! वह भी धोखिया गया ! एक ब्लॉगर से प गया! Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-62650108708952786602013-07-11T23:34:36.823+05:302013-07-11T23:34:36.823+05:30tamaatar puraan or kele kaa ganit to jordaar rahaa...tamaatar puraan or kele kaa ganit to jordaar rahaa.<br />kele bhi 3 thae or wae log bhi 3 hi thae.<br />hisaab to sahi sahi ho gayaa.<br />waise, delhi kuch jyada hi daraawani hain.<br />aapke post ki aakhiri line ne bhi is baat ko majbooti di hain.<br />thanks.<br />CHANDER KUMAR SONI<br />WWW.CHANDERKSONI.COMचन्द्र कुमार सोनीhttps://www.blogger.com/profile/13890668378567100301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-40031728365165260842013-07-11T23:14:24.412+05:302013-07-11T23:14:24.412+05:30ज़रूरतमंद की मदद करना चाहिए,लेकिन क्या वह वास्तव म...ज़रूरतमंद की मदद करना चाहिए,लेकिन क्या वह वास्तव में ज़रूरतमंद है , धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-62619420823842299642013-07-11T20:51:02.562+05:302013-07-11T20:51:02.562+05:30 ४० रूपए दर्जन ....? यहाँ तो ८० से १०० के बीच ... ४० रूपए दर्जन ....? यहाँ तो ८० से १०० के बीच है ......हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-49308835947848556322013-07-11T20:14:01.316+05:302013-07-11T20:14:01.316+05:30ज़रूरतमंद की मदद करना तो अच्छी बात है लेकिन कोई वा...ज़रूरतमंद की मदद करना तो अच्छी बात है लेकिन कोई वास्तव में ज़रूरतमंद है, यह निर्णय लेना वास्तव में बड़ा कठिन है।.......और ऐसे में जरुरतमंद की मदद होने से रह जाती है और मदद कर सकनेवाले के हाथ से भी मदद का अवसर छूट जाता है। बड़ी ही 'क्या करें क्या न करें' वाली स्थिति है। लेकिन चलिए आपने उनको कुछ तो खाने को दे दिया। बहुत अच्छा किया।Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-1401135908094267942013-07-11T19:45:29.775+05:302013-07-11T19:45:29.775+05:30लूटने वालों ने विश्वास ही लूट डालालूटने वालों ने विश्वास ही लूट डालाप्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-83419510071162189312013-07-11T19:30:07.308+05:302013-07-11T19:30:07.308+05:30मांगने वालों की बात उठी तो याद आया यहाँ एक ट्रेंड ...मांगने वालों की बात उठी तो याद आया यहाँ एक ट्रेंड है कि बाहर "नायर" (keralite)name plate देख कर कोई बंदा बाकायदा डोर बेल बजा कर मलयालम में बात करता है और केरला तक जाने के पैसे मांगता है......same बंदा महीनों के अंतराल में हमें अपने दरवाज़े और पापा के घर के बाहर भी दिखा तब समझे....<br />बदमाश भी बड़े क्रियेटिव हो रक्खे हैं आज कल.<br />:-)<br /><br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-10757174639706890022013-07-11T19:20:36.124+05:302013-07-11T19:20:36.124+05:30ये सिर्फ युवाओं को मिलती हैं। :) ये सिर्फ युवाओं को मिलती हैं। :) डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-9656682334553933602013-07-11T19:17:23.622+05:302013-07-11T19:17:23.622+05:30नहीं , पर यह महिलाओं के काम की पोस्ट है । पुरुष भी...नहीं , पर यह महिलाओं के काम की पोस्ट है । पुरुष भी फायदा उठायें तो बढ़िया है। :) डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.com