tag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post276968785591010631..comments2024-03-21T12:48:25.921+05:30Comments on अंतर्मंथन: श्याम की बंसी पुकारे किसका नाम ---डॉ टी एस दरालhttp://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comBlogger56125tag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-82145161574783758192012-08-21T15:50:27.486+05:302012-08-21T15:50:27.486+05:30All in one :)All in one :)Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-90316988318398004212012-08-15T07:41:36.863+05:302012-08-15T07:41:36.863+05:30JCAugust 15, 2012 7:35 AM
श्री कृष्ण जी भी कह गए व...JCAugust 15, 2012 7:35 AM<br />श्री कृष्ण जी भी कह गए वो 'माया' से (इन्द्रिय दोष के कारण) सब के भीतर दीखते हैं यद्यपि वास्तव में वे किसी के भीतर नहीं है, अपितु सारा साकार ब्रह्माण्ड उन के भीतर है, अर्थात वे अनंत शून्य है जो गुब्बारे के समान निरंतर फूलता जा रहा है और जिसके केंद्र में हमारी पृथ्वी भी हमारे पूर्वजों द्वारा दर्शाई जाती आ रही थी, जब तक अंग्रेजों ने हमें भटका नहीं दिया और पृथ्वी पर प्रकाश और शक्ति के स्रोत सूर्य पर अधिक जोर दिया!!! जबकि गीता में कृष्ण कहते भी हैं की सूर्य और चन्द्र उन से प्रकाशमान हैं (अर्थात हमारी गैलेक्सी के केंद्र में संचित सुपर गुरुत्वाकर्षण से, जो लगभग शून्य काल और स्थान से सम्बंधित 'ब्लैक होल' है..:)... और वर्तमान में अमृत सौर-मंडल की उत्पत्ति के पश्चात यही पृथ्वी के केंद्र में, (और आरंभिक मूल में भी) संचित गुरुत्वाकर्षण शक्ति (शेष किन्तु अनंत गुरुत्वाकर्षण शक्ति, जो शेष नाग द्वारा दर्शाई जाती है...:) परम सत्य, शिव भी कहलाया गया - केवल एक वो ही स्वतंत्र निराकार जीव...:)<br />पैंसठवे 'स्वतन्त्रता दिवस' की सभी को बधाई!!!JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-61868189504710487452012-08-15T07:35:05.006+05:302012-08-15T07:35:05.006+05:30This comment has been removed by the author.JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-11301570908759111752012-08-14T23:13:50.540+05:302012-08-14T23:13:50.540+05:30आप जिस मनोदशा में खुद को हठात् पाते हैं,श्रीमतीजी ...आप जिस मनोदशा में खुद को हठात् पाते हैं,श्रीमतीजी आपको उससे भी पीछे ले जाना चाहती हैं। वहां,जहां कृष्ण अभी कान्हा ही हैं। मैसेज को पकड़िए और उड़ते बालों की बातें करना बंद कीजिए।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-49562814005328948702012-08-14T21:44:23.322+05:302012-08-14T21:44:23.322+05:30भगवान कृष्ण आपको दीर्घायु बनाएँ !
जन्मदिवस की बधाई...भगवान कृष्ण आपको दीर्घायु बनाएँ !<br />जन्मदिवस की बधाई व शुभकामनाएँ !<br />सादर !शिवनाथ कुमारhttps://www.blogger.com/profile/02984719301812684420noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-37509144083979283522012-08-14T13:07:40.136+05:302012-08-14T13:07:40.136+05:30कृष्ण सा चरित्र इस देश की जरुरत है। आपको बधाई।कृष्ण सा चरित्र इस देश की जरुरत है। आपको बधाई।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-70066854565436920152012-08-14T02:44:27.571+05:302012-08-14T02:44:27.571+05:30शुक्रिया डॉ .साहब .काइरो -प्रेक्टिक चिकित्सा व्यवस...शुक्रिया डॉ .साहब .काइरो -प्रेक्टिक चिकित्सा व्यवस्था पे आलेख का सिलसिला चल रहा है तकरीबन दस पोस्ट विविध रोगों के काइरो -प्रेक्टिक समाधान पर लिखी जा चुकीं हैं .आपका आशीर्वाद और स्वीकृति ज़रूरी थी .आप हिंदी ब्लॉग जगत के फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन हैं .सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन हैं .आपका सम्पादन इन ब्लॉग पोस्टों पर ज़रूरी है .एक बार फिर से आपका शुक्रिया .अगली पोस्ट TMJ Sndrome पर होगी . virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-49610881095709908322012-08-13T21:44:14.115+05:302012-08-13T21:44:14.115+05:30JCAugust 13, 2012 9:39 PM
सौर-मंडल की पृष्ठभूमि को...JCAugust 13, 2012 9:39 PM<br />सौर-मंडल की पृष्ठभूमि को ध्यान में रख कोई देख पाए तो, विश्वामित्र एक सूर्यवंश राजा थे, यानी हिन्दुओं के कर्मक्षेत्र के अनुसार वर्ण विभाजन के आधार पर वे धनुर्धर राम और अर्जुन समान 'क्षत्रिय' अर्थात सिपाही थे... किन्तु जब आकाल के समय आध्यात्मिक गुरु वशिष्ठ आश्रम में उन्हें और उनकी सेना को एकमात्र गाय कामधेनु के माध्यम से भोजन कराये जाने पर उन का मन उचाट हो गया और उन्होंने भी ऋषि अर्थात ब्राह्मण बनने की ठान ली!!! और यद्यपि अथक परिश्रम/ साधना से वे कालांतर में दो नम्बरी महर्षि बन पाए, पर उनका चरित्र दर्शाता है कि कैसे कैसे उन्हें पापड बेलने पड़े थे इस पद को हासिल करने के लिए जब इंद्र देवता ने उनकी मेनका, रम्भा आदि अप्सराओं के माध्यम से पहले उनकी परीक्षा ले, उन्हें आरम्भ में फेल कर, दर्शाया कि ब्राह्मण कुल में भी जन्म लेना आसान है किन्तु अपने छोटे से जीवन काल में 'सत्य' जान पाना इतना सरल नहीं है... उसके लिए भगीरथी प्रयास आवश्यक है... :)JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-47356394738142379452012-08-13T12:50:49.838+05:302012-08-13T12:50:49.838+05:30राधा , मीरा टाइप --- हा हा हा !
दिलचस्प ! राधा , मीरा टाइप --- हा हा हा !<br />दिलचस्प ! डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-48002522943884240632012-08-13T12:49:25.606+05:302012-08-13T12:49:25.606+05:30सहमत . :)सहमत . :)डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-32192236365463259952012-08-13T06:45:03.861+05:302012-08-13T06:45:03.861+05:30आल- इन- वन ही दिखती हैं क्योंकि आपका कोई और संस्मर...आल- इन- वन ही दिखती हैं क्योंकि आपका कोई और संस्मरण राधा , मीरा टाईप पढ़ा नहीं अब तक :)<br />जन्मदिन की अनंत शुभकामनायें !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-79005602745075306262012-08-12T21:40:22.831+05:302012-08-12T21:40:22.831+05:30आल इन वन..आल इन वन..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-21647777528375605192012-08-12T20:45:41.149+05:302012-08-12T20:45:41.149+05:30बढिया संस्मरण जन्म अष्टमी का बचपन के दरीचों से हम...बढिया संस्मरण जन्म अष्टमी का बचपन के दरीचों से हम तो यही कहेंगे -तुम राधे बनो श्याम ......श्याम रंग में रंगी चुनरिया अब रंग दूजो भावे न ,जिन नैनन में शाम बसें हैं ,और दूसरो आवे न .... .कृपया यहाँ भी पधारें -<br /><br />शनिवार, 11 अगस्त 2012<br />कंधों , बाजू और हाथों की तकलीफों के लिए भी है का -इरो -प्रेक्टिकvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-49324582882770258482012-08-12T17:42:44.886+05:302012-08-12T17:42:44.886+05:30शायद आल इन वन से भी ज्यादा ...
आपको श्री कृष्ण ज...शायद आल इन वन से भी ज्यादा ... <br />आपको श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-27446547621252085672012-08-12T14:32:54.328+05:302012-08-12T14:32:54.328+05:30तो क्या दिक्कत है सोलह हज़ार में , से उसी अनुपात क...तो क्या दिक्कत है सोलह हज़ार में , से उसी अनुपात कमी कर लीजियेगा :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-68805920456450376302012-08-12T14:10:03.356+05:302012-08-12T14:10:03.356+05:30जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई..
सतीश सर जी सही कह रहे ...जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई..<br />सतीश सर जी सही कह रहे है..<br />आल इन वन में ही फायदा है...<br />:-)मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-5209497097833437242012-08-12T13:39:34.940+05:302012-08-12T13:39:34.940+05:30डेमोग्राफी के हिसाब से तो कान्हा ज्यादा बढे हैं . ...डेमोग्राफी के हिसाब से तो कान्हा ज्यादा बढे हैं . :)डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-10106954809810696472012-08-12T13:00:29.378+05:302012-08-12T13:00:29.378+05:30उसी अनुपात में कान्हा भी तो बढ़े हैं :)उसी अनुपात में कान्हा भी तो बढ़े हैं :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-66379030512056642252012-08-12T11:39:55.760+05:302012-08-12T11:39:55.760+05:30वे प्राचीन हिन्दू ही थे, योगी, सिद्ध आदि, जिनके मा...वे प्राचीन हिन्दू ही थे, योगी, सिद्ध आदि, जिनके माध्यम से हम कलियुगी हिन्दू भी ब्रह्माण्ड के विबिन्न साकार प्रतिरूप, सतयुग के, गंगाधर और चंद्रशेखर, शिव (पृथ्वी के प्रतिरूप)/ त्रेता के पुरुशोताम राम (सूर्य के प्रतिरूप)/ द्वापर के पुरुषोत्तम कृष्ण (हमारी गैलेक्सी के केंद्र में संचित शक्ति के साकार प्रतिरूप, सौर-मंडल के एक सदस्य ग्रह, देवताओं के गुरु बृहस्पति/ और कलियुग की माँ काली का प्रतिरूप ज्वालामुखी आदि को जान सकते हैं... <br />देवताओं और राक्षसों के अमृत प्राप्ति के उद्देश्य से मिलेजुले प्रयास से 'क्षीरसागर-मंथन' की कथा में छुपे संकेत देखने का प्रयास करें तो कोई हिन्दू, जिसे खगोलशास्त्र का थोड़ा बहुत ज्ञान हो, ही अनुमान लगा सकता है कि यह कथा हमारी गैलेक्सी और उसके भीतर समाये सौर-मंडल की उत्पति को दर्शाती है, जो विष अर्थात कलियुग से आरम्भ कर सतयुग के अंत तक पृथ्वी के अतिरिक्त सौर-मंडल के अन्य सदस्यों, देवताओं, के अमृत-प्राप्ति अर्थात वर्तमान आयु साढ़े चार अरब वर्ष पाया जाना दर्शाता है...<br />किन्तु, 'प्रभु की माया', और 'मिथ्या जगत' आदि शांदों के उपयोग दर्शाते हैं कि कैसे काल-चक्र में किन्तु सतयुग से कलियुग (एक महायुग) को बार बार, १०००+ बार आ ब्रह्माण्ड के अस्थायी प्रतिरूप मानव, एक अद्भुत कृति को भी दिखाई देता है!!! वैसे ही जैसे हम पहले से खिंची तस्वीरों की रील/ वीडियो के प्रकाश पुंज के सामने चलने से सत्य की अनुभूति रुपहले पर्दे/ टीवी मॉनिटर आदि पर देख कर पाते हैं, मन्त्र-मुग्ध हो हाथ पर हाथ धरे बैठे, बाहरी दुनिया से बेखबर!!!JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-24765147728244927792012-08-12T09:49:13.710+05:302012-08-12T09:49:13.710+05:30हा हा हा..हा हा हा..देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-48547750288162767132012-08-12T09:12:07.516+05:302012-08-12T09:12:07.516+05:30शुक्रिया शिवम् .शुक्रिया शिवम् .डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-54223120128882659692012-08-12T09:10:10.759+05:302012-08-12T09:10:10.759+05:30यही सही कायदा है . :)यही सही कायदा है . :)डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-32163392361021227772012-08-12T09:09:09.754+05:302012-08-12T09:09:09.754+05:30संदीप जी , कहीं पढ़ा था -- श्री कृष्ण जी सन्यास ले...संदीप जी , कहीं पढ़ा था -- श्री कृष्ण जी सन्यास लेकर वन में तपस्या कर रहे थे , किसी शिकारी ने उनके घुटने को हिरण का मुख समझा और तीर चला दिया जिससे उनकी मृत्यु हो गई -- तभी से कलियुग शुरू हुआ . बाकि तो जैसा शुरू में कहा , सत्य क्या है , इसका कोई प्रमाण नहीं है .डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-65002255498378165702012-08-12T09:06:27.586+05:302012-08-12T09:06:27.586+05:30बस सोलह हज़ार ! अब तो आबादी बहुत बढ़ गई है अली सा ...बस सोलह हज़ार ! अब तो आबादी बहुत बढ़ गई है अली सा . :)डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-41054859795227636782012-08-12T08:37:58.101+05:302012-08-12T08:37:58.101+05:30आल इन वन में फायदा है ...आल इन वन में फायदा है ...Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.com