tag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post1820195589424926381..comments2024-03-21T12:48:25.921+05:30Comments on अंतर्मंथन: क्या दिल्ली में बड़ी बड़ी गाड़ियों को बैन कर देना चाहिए ---डॉ टी एस दरालhttp://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-44371187164333375262010-08-11T15:17:53.114+05:302010-08-11T15:17:53.114+05:30मेरे ख्याल से अकेले कार में सफर करने को पूरी तरह स...मेरे ख्याल से अकेले कार में सफर करने को पूरी तरह से बैन कर देना चाहिए ...राजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-19634881846310222082009-12-17T12:00:22.343+05:302009-12-17T12:00:22.343+05:30डा. दराल जी ~ आपने बहुत सही वर्णन किया - ऐसा लगा क...डा. दराल जी ~ आपने बहुत सही वर्णन किया - ऐसा लगा कि आपने मेरे मुंह से विचार छीन लिए :)...<br />अब लगता है कोई पहुंचा हुआ जोगी मिल जाये जो एक जगह से अदृश्य हो तुरंत दूसरी किसी मनचाही जगह आँख झपकते ही पहुंचाने का मंत्र देदे :) <br />किताबें तो बहुत पढ़ी, एच जी वेल्स की 'टाइम मशीन' भी, किन्तु कहावत है की पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ/ पंडित भया न कोई:(JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-58964767052169473312009-12-12T18:30:57.915+05:302009-12-12T18:30:57.915+05:30अजित जी, आप की बात सही है। इस तरह की शान दिखाने वा...अजित जी, आप की बात सही है। इस तरह की शान दिखाने वाले दिल्ली में भरे पड़े हैं।<br />लेकिन उनका कोई कुछ नही बिगाड़ सकता , क्योंकि बहुत पहुँच वाले होते हैं।<br /><br />खुशदीप भाई, आपके सुझाव में दम है। चाइना में जहाँ तक मुझे ध्यान है, कुछ ऐसा किया गया है की एक विशेष नंबर वाली गाड़ियाँ एक विशेष दिन सड़क पर चलाना मना है। इससे कुछ तो ट्रैफिक कम होता है।<br />वैसे हम और आप बोलेंगे तो कभी न कभी कोई न कोई तो सुनेगा।<br /><br />नासवा साहब , मुझे भी यही आइडिया बेस्ट लगता है, क्योंकि दिल्ली जैसे शहर में पैसे वालों की कमी नही है।<br />गाड़ी चलायें, पर कम से कम छोटी ही चलायें।<br /><br />निर्मला जी, बुकिंग तो हो जाएगी पर कोई पहले एजेंसी तो खोले। हमने तो समीर लाल जी से पूछा था की वो इस कार के बारे में पता लगाकर बताएं । <br />वैसे ये कार है बहुत सुंदर।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-52975959876183336432009-12-12T17:58:15.442+05:302009-12-12T17:58:15.442+05:30सही सवाल है । जब अपने लिये बुक करवायें एक हमारे लि...सही सवाल है । जब अपने लिये बुक करवायें एक हमारे लिये भी करवा लें धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-19541322049863836952009-12-12T17:48:40.266+05:302009-12-12T17:48:40.266+05:30दराल सर,
पहले तो देरी के लिए माफ़ी...क्या करूं स्...दराल सर,<br /><br />पहले तो देरी के लिए माफ़ी...क्या करूं स्कूटर महाराज नाराज़ हो गए थे...बड़ी मुश्किल<br />से मनाया है...<br /><br />दरअसल, आपकी पोस्ट का एक सामाजिक पहलू भी है...हर कोई अपमैनशिप में जीना चाहता है...मनमोहनी अर्थशास्त्र ने बाज़ार को खोला है तो मध्यम वर्ग तक भी उपभोक्ता वस्तुओं की पहुंच बढ़ाई है...पैसे वाले तो खैर और अमीर हो ही रहे हैं...अब ऐसे में <br />कार-पूल या पब्लिक ट्रासंपोर्ट का इस्तेमाल शान के खिलाफ समझा जाता है...बीआरटी की अवधारणा इसीलिए बनाई गई कि आरामदायक बसों में लोग सफर को अपने वाहन के मुकाबले ज़्यादा तरजीह दें...लेकिन हुआ क्या सब बीआरटी के पीछे ही लठ्ठ लेकर <br />पड़ गए...यहां वहीं कहना पड़ेगा कि जड़त्व के नियम से हम सभी बंधे हैं...जो जैसा है वैसा ही रहना चाहता है...उसे वहां से हटाओगे तो बल लगाना पड़ेगा...<br /><br />क्या हमारे किसी शहर में प्रयोग के तौर ये मॉडल नहीं अपनाया जा सकता कि हफ्ते में एक दिन सभी तरह के निजी वाहनों को सड़क पर लाने पर प्रतिबंध लगा दिया जाए...बस पब्लिक ट्रांसपोर्ट ही उपलब्ध रहे...हो सके तो उस दिन अपने सारे निजी प्रायोजन साइकिल से निपटाएं जाएं...इस प्रयोग से सब की सेहत भी सही रहेगी और कुछ प्रदूषण भी कम किया जा सकेगा...वैसे मेरी ये सब बाते हैं...बातों का क्या...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-52528691242660356752009-12-12T17:13:43.438+05:302009-12-12T17:13:43.438+05:30आपकी बात तो ठीक है डाक्टर साहब पर हम भारतीय जो फँस...आपकी बात तो ठीक है डाक्टर साहब पर हम भारतीय जो फँसे हुवे हैं जाती, बिरदरी, राजनीति और पता नही किस किस बात में क्या किसी को लिफ्ट देंगे .......... वैसे छोटी कार का आइडिया अच्छा है .........दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-25238637992926476002009-12-12T17:07:41.900+05:302009-12-12T17:07:41.900+05:30महत्वपूर्ण समस्या की ओर ध्यान दिलाया है। मैं तो का...महत्वपूर्ण समस्या की ओर ध्यान दिलाया है। मैं तो कार मे तभी निकलना पसंद करता हूं, जब पूरा परिवार साथ हो। इस तरह महिने में एकाध बार ही मौका आता है। बाकी रोज दुपहिया जिंदाबाद। उन लोगों को बेशर्म समझता हूं जो शान दिखाने के लिए अकेले ही बड़ी गाड़ी में घूमते हैं और फीर ट्रैफिक जाम के लिए सरकार को दोष देते हैं। अब तो पैदल या दुपहिया वाले इन बड़ी गाडी वालों को डपटते भी देखे जाने लगे हैं।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-11355627719957373092009-12-12T13:15:39.409+05:302009-12-12T13:15:39.409+05:30अत्यंत गंभीर मुद्दा है. फिर भी लोग गंभीर नहीं है.
...अत्यंत गंभीर मुद्दा है. फिर भी लोग गंभीर नहीं है.<br />उपाय में देरी होती रहेगी.. ये दिल्ली है मेरी जानSulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-50097457967348294262009-12-11T22:00:38.172+05:302009-12-11T22:00:38.172+05:30बहुत विचारणीय मुद्दा उठाया है आपने. जितनी जल्दी जा...बहुत विचारणीय मुद्दा उठाया है आपने. जितनी जल्दी जागें उतना बेहतर.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-10350725463205052992009-12-11T20:41:25.320+05:302009-12-11T20:41:25.320+05:30आप ठीक कह रहे हैं.... महानगरों में बड़ी गाड़ियाँ ब...आप ठीक कह रहे हैं.... महानगरों में बड़ी गाड़ियाँ बैन कर देनी चाहिए...... मैं तो कार का इस्तेमाल रेयरली ही करता हूँ..... यहाँ बाइक से काम चल जाता है.....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-12253433455170537642009-12-11T20:28:32.024+05:302009-12-11T20:28:32.024+05:30हाँ जी!
दो पैरों से चलने की आदत नही रही है!हाँ जी!<br />दो पैरों से चलने की आदत नही रही है!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-16409940736069586242009-12-11T20:21:22.687+05:302009-12-11T20:21:22.687+05:30behtareen sawaal
sateek charcha
dil se swaagat ...behtareen sawaal<br /><br />sateek charcha <br /><br />dil se swaagat hai..........Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-23840144182642100682009-12-11T19:36:27.858+05:302009-12-11T19:36:27.858+05:30बहुत सही लिखा आपने, गोदियाल साहब।
हमें भी बहुत चि...बहुत सही लिखा आपने, गोदियाल साहब।<br />हमें भी बहुत चिंता सताती है इस बात की।<br />आपने बहुत अच्छे सुझाव दिए हैं।<br />एक आशा की किरण नज़र आती है, दिल्ली के बाई पास की, जो नोर्थ से साउथ जाने के लिए सोनीपत और गुडगाँव के बीच बन रहा है। इससे कम से कम दिल्ली से गुजरने वाले ट्रक तो हट जायेंगे। लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट में अभी बहुत सुधार की आवश्यकता है।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-77687615992087494592009-12-11T19:24:06.356+05:302009-12-11T19:24:06.356+05:30नीरज जी, आपकी बात बिल्कुल सही है। यहाँ भी लोग नए न...नीरज जी, आपकी बात बिल्कुल सही है। यहाँ भी लोग नए नए तरीके निकाल ही लेते हैं, कानून से बचने के लिए ।<br />इसलिए सरकार को चाहिए की बड़ी गाड़ियों का उत्पादन कम करके , छोटी कारों का उत्पादन बढ़ाये।<br />मुझे तो लगता है की दो सीट वाली कारें दिल्ली जैसे शहर के लिए बहुत उपयुक्त हैं।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-40194602041775577932009-12-11T18:13:34.797+05:302009-12-11T18:13:34.797+05:30डा० साहब, यूँ तो अपने पास पहले से मौजूद है, लेकिन ...डा० साहब, यूँ तो अपने पास पहले से मौजूद है, लेकिन जो आपने शीर्षक लगाया उसके बारे में बहुत पहले एक लेख लिखना चाहता था, लेकिन किसी वजह से नहीं लिखा ! मेरी जहां तक अपनी व्यक्तिगत राय है, मैं कहूंगा कि इस सरकार में जरा भी समझ हो तो तुरंत बैंको से कार लोन पर पावंदी लगा देनी चाहिए ! साथ ही बैंको द्वारा पर्सनल लोन देते वक्त लोन लेने वाले से यह अफिड़ेवित भी भरवाना चाहिए कि उस पैसे से वह कोई निजी वाहन नहीं खरीदेगा ! आज सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था तार-तार है ! कही बस स्टॉप पर परिवार के साथ किसी को घंटे भर तक खडा देखता हूँ तो बड़ा अफ़सोस होता है ! ऑफिस हावर में तो आप कल्पना भी नहीं कर सकते ! साठ लाख सार्वजनिक वाहन होंगे, मगर उनमे लोगो के परिवहन हेतु बसे कितनी है ? ऊपर से ब्लूलाइन वालो का कहर ! किसी को जल्दी हो रही हो तो वो दस दस मिनट एक ही स्टॉप पर खड़े हो जाते है! <br /><br />हर इंसान की यह तमन्ना होती है कि उसके पास मकान हो, कार हो, मगर उसके लिए ढांचागत सुविधा भी तो होनी चाहिए ? हम यह क्यों नहीं सोचते कि दिल्ली में डेड करोड़ लोग रहते है सभी गर कार खरीद कर चलाने लगे तो चलेंगे कहा ? हमें अपनी सीमाए भी तो देखनी चाहिए! मैं कनाट प्लेस के आस पास चाहकर भी इसलिए नहीं रुक पाता कि गाडी खड़े करने की जगह ही नहीं, और बायीं दी वे आपको पार्किंग की जगह मिल भी जाए तो गाडी बाहर निकलते वक्त झेलना पड़ता है ! सडको पर ट्रैफिक इतना कि कभी यह सोच पाना कि आप निर्धारित समय पर वहाँ पहुँच पाओगे कि नहीं ! सरकार धन का रोना रोकर जो लो फ्लोर बसे लाइ भी उनकी असलियत सामने आने लगी ! क्या ही अच्छा होता कि;<br /><br />१. सार्वजनिक परिवहन को इतना सुगम बना दिया जाए कि लोग अपनी गाडी लेजाने की सोचे ही नहीं ( सिर्फ मेट्रो इसका सोल्यूशन नहीं )<br /><br />२. सडको पर एक लें सिर्फ और सिर्फ भारी वाहनों के चलने के लिए हो जिस पर यदि कोई छोटा वाहन गुसा और उसका एक्सीडेंट हो जाए तो जिम्मेदार छोटे वाहन वाला होगा, न कि बड़े वहां वाला ! <br /><br />३. जो दिल्ली और आस पास के इलाको से सेक्ड़ो की तादाद में कॉन्ट्रेक्ट बसे ओफ्फिसिअल कॉम्प्लेक्सों के आस पास आती है वे दिन में पार्किंग के लिए सडको पर इधर-उधर खडी रहती है, अगर सरकार सही दिशा में सोचती तो कुछ शुल्क लेकर इन बसों को दिन में दिल्ली के रूटों पर चलने का परमिट भी दिया जा सकता था, सर्कार की भी आमदनी होती और यात्रियों की भी सुविधा ! अगर<br /><br /> समय रहते सरकार नहीं चेती तो आने वाले समय में बहुत बुरा हाल होने वाला है यातायात का, मगर कहें किससे ?पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-87879297443619214712009-12-11T18:13:01.748+05:302009-12-11T18:13:01.748+05:30आपके विचारो से सहमत हूँ . महानगरो में बड़ी गाड़िया...आपके विचारो से सहमत हूँ . महानगरो में बड़ी गाड़ियाँ बंद कर दी जानी चाहिए इसके कारण यातायात प्रभावित होता है और जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है ....समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-18295131248461750572009-12-11T18:12:10.560+05:302009-12-11T18:12:10.560+05:30विचार तो उत्तम है।
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सलीम खान का...विचार तो उत्तम है।<br /><br />------------------<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">सलीम खान का हृदय परिवर्तन हो चुका है।</a><br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">नारी मुक्ति, अंध विश्वास, धर्म और विज्ञान।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-86203214836564520382009-12-11T17:49:57.443+05:302009-12-11T17:49:57.443+05:30यूरोप में बैटरी से चलने वाली छोटी कार है 'बीटल...यूरोप में बैटरी से चलने वाली छोटी कार है 'बीटल' लेकिन वो इतनी मंहगी है की उस से बड़ी कार अधिक किफायती लगती है...आपका कहना सही है एक दुसरे से होड़ में हम ट्रेफिक का सत्यानाश कर रहे हैं...मुझे याद है इंडोनेसिया की राजधानी जकार्ता में इस समस्या के निपटारे के लिए बड़ी गाडी में चार से कम लोगों के बैठने पर प्रतिबन्ध लगा दिया था लेकिन नक्च्ड़े अमीर किसी और के साथ बैठने के बजाय सड़क पर खड़े बच्चों को अपने साथ बिठा लिया करते थे जो प्रतिबंधित सड़क सीमा के समाप्त होने पर कुछ पैसे लेकर उतर जाया करते थे...हमारे यहाँ भी ऐसी ही मानसिकता के लोग हैं तो बतईये सुधार कैसे होगा...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.com