tag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post3987804672311147210..comments2024-03-21T12:48:25.921+05:30Comments on अंतर्मंथन: जाने कहाँ खो गई खुशबू गुलाबों की ---डॉ टी एस दरालhttp://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comBlogger29125tag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-44340922686860683892014-08-18T04:21:57.228+05:302014-08-18T04:21:57.228+05:30I have taken quite a few of these workshops, and h...I have taken quite a few of these workshops, and have been quite pleased with <br />all of them. Photographs are very important for event management companies; hence many opportunities are <br />available in this field for professional photographers.<br />The internet is the best and cheapest way <br />to help you improve your photographic skills.<br /><br /><br />Also visit my weblog <a href="http://www.youtube.com/watch?v=aOp05OGakw8" rel="nofollow">photography training video</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-87576739725225361152010-08-11T17:37:04.039+05:302010-08-11T17:37:04.039+05:30अपने स्वार्थ के चलते पुष्प पल्लवन भी एक धंधा बन चु...अपने स्वार्थ के चलते पुष्प पल्लवन भी एक धंधा बन चुका है...कम समय में ज्यादा से ज्यादा कमाई करने के चक्कर में इन्हें यूरिया और ना जाने कौन-कौन सी रासायानियक खादों से पोषित किया जा रहा है...जिससे यकीनन इनकी फसल(हाँ!...अब इसे फसल ही कहा जा रहा है...एक नकदी फसल)ज्यादा होने लगी है लेकिन इनकी कोमलता...इनकी खुशबु...जाने कहाँ खो गई है...मेरे ख्याल से इस सब के लिए हम खुद ही जिम्मेवार हैं...अपनी शान दिखाने के लिए हम इनका बेतरतीब तरीके से और बेदर्दी से इस्तेमाल कर रहे हैं...आप खुद ही देखी कि आज से दस-पन्द्रह साल पहले आपके इलाके में फूलों की दुकाने कितनी थी...और अब कितनी हैं? बाज़ार में जितनी ज्यादा जिस चीज़ की मांग होती है..उसकी पूर्ती भी उसी अनुपात में की जाती है...इसलिए फूलों की कहीं ना कहीं इस शोचनीय हालत के लिए हम खुद भी गुनहगार हैंराजीव तनेजाhttps://www.blogger.com/profile/00683488495609747573noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-87480993949972809842010-02-28T01:40:35.828+05:302010-02-28T01:40:35.828+05:30happy holi ji.
thanks.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.C...happy holi ji.<br />thanks.<br />WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COMचन्द्र कुमार सोनीhttps://www.blogger.com/profile/13890668378567100301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-75085674745557093672010-02-27T17:15:15.523+05:302010-02-27T17:15:15.523+05:30आज कल तो हर चीज़ नकली और मिलावटी ये तो बस फूल ही ह...आज कल तो हर चीज़ नकली और मिलावटी ये तो बस फूल ही हैं <br />आपको व आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायेंरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-41181220699457121692010-02-27T14:43:26.839+05:302010-02-27T14:43:26.839+05:30Fir ham sugandh kaise lengen.
*******************...Fir ham sugandh kaise lengen.<br /><br />*********************<br />रंग-बिरंगी होली की बधाई.Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-61572600984546885272010-02-27T14:17:19.233+05:302010-02-27T14:17:19.233+05:30सचमुच विकास की दौड में प्रकृति लुप्त हो गयी है हर ...सचमुच विकास की दौड में प्रकृति लुप्त हो गयी है हर जगह बनावट है जहां प्रकृति है वहां भी कंक्रीट अपने पैर पसार रही है कभी किसी फूल को या हरियाली को देखकर कितना अच्छा लगता है।आपकी चिन्ता लाजमी है save natures<br /> wish u a happy HoliSunita Sharma Khatrihttps://www.blogger.com/profile/10860643098392133673noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-78904263522730753202010-02-27T13:41:41.265+05:302010-02-27T13:41:41.265+05:30विकास की ये कैसी इंतहा हो गई
जाने कहाँ खो गई खुशबू...विकास की ये कैसी इंतहा हो गई<br />जाने कहाँ खो गई खुशबू गुलाबों की। <br />....लाजबाब !!!!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-11340073604303232462010-02-27T13:37:28.858+05:302010-02-27T13:37:28.858+05:30आप सभी को ईद-मिलादुन-नबी और होली की ढेरों शुभ-कामन...आप सभी को ईद-मिलादुन-नबी और होली की ढेरों शुभ-कामनाएं!!<br />इस मौके पर <a href="http://saajha-sarokaar.blogspot.com/2010/02/blog-post.html/" rel="nofollow">होरी खेलूं कहकर बिस्मिल्लाह</a> ज़रूर पढ़ें.شہروزhttps://www.blogger.com/profile/02215125834694758270noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-74784880416814787192010-02-27T13:22:04.926+05:302010-02-27T13:22:04.926+05:30बहुत कुछ लुप्त हो रहा है प्राकृति से ..... ये इंसा...बहुत कुछ लुप्त हो रहा है प्राकृति से ..... ये इंसान की दौड़ है या भूख .... पता नही ... <br />आपको और आपके परिवार को होली की बहुत बहुत शुभ-कामनाएँ ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-24622823170939168692010-02-27T11:31:59.051+05:302010-02-27T11:31:59.051+05:30Holee kee anek shubhkamnayen!Holee kee anek shubhkamnayen!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-75788773565935066752010-02-27T08:30:45.725+05:302010-02-27T08:30:45.725+05:30भाई जी अगर खुशबु ही गायब है तो रंगीन जिवंत फूलों म...भाई जी अगर खुशबु ही गायब है तो रंगीन जिवंत फूलों में क्या मज़ा, जो मजा उसमें वही मज़ा कम्पुटर स्क्रीन में आपके पेश किये रंगीन फूलों में भी. <br />आज के पढ़े- लिखे इंसानों की डिक्सनरी में प्रगति की परिभाषा में शायद इसका भी कोई उत्तर मिल जाये.<br />सभी पढ़े-लिखों से गुजारिश है कि उत्तर खोजने और बिन महक के फूलों को प्रगति से जोड़ने के पुख्ता भ्रामक तथ्य प्रस्तुत करें..... <br /><br />चन्द्र मोहन गुप्तMumukshh Ki Rachanainhttps://www.blogger.com/profile/11100744427595711291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-6915740647908755922010-02-26T22:30:56.273+05:302010-02-26T22:30:56.273+05:30बाघ ख़तम हो रहे है ! क्योंकि उनके सहज जीवन में अन...बाघ ख़तम हो रहे है ! क्योंकि उनके सहज जीवन में अनावश्यक हस्तक्षेप किया गया !यही हाल फूलों का है धनियाँ का है और मनुष्यों का भी !खुशबु ही तो जाती है पहले ,फिर रंगों के भुलावे में जीता है आदमी !बहुत सुंदर विषय<br />उठाया है आपने ! बधाई ! होली की रंग बिरंगी और सुगंधमई बधाई !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-50703720114065330062010-02-26T22:28:34.177+05:302010-02-26T22:28:34.177+05:30सभी ग़ुलाबों में
न पहले महक थी और न अब है!
सच्चे...<b>सभी ग़ुलाबों में <br />न पहले महक थी और न अब है! <br />सच्चे ग़ुलाबों में महक पहले भी थी, <br />आज भी है <br />और हमेशा रहेगी!</b><br />--<br /><a href="http://ravi-man.blogspot.com/2010/02/blog-post_25.html" rel="nofollow">मिलने का मौसम आया है!</a><br /><a href="http://hindeekaashringaar.blogspot.com/2010/02/blog-post_25.html" rel="nofollow">"रंग" और "रँग" में से किसमें डूबें? </a><br /><a href="http://saraspaayas.blogspot.com/2010/02/blog-post_25.html" rel="nofollow">हो... हो... होली है!</a> <br />-- <br /><a href="http://saraspaayas.blogspot.com/2009/12/blog-post_27.html" rel="nofollow">संपादक : सरस पायस</a>रावेंद्रकुमार रविhttps://www.blogger.com/profile/15333328856904291371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-87375139835542939562010-02-26T22:03:32.083+05:302010-02-26T22:03:32.083+05:30दराल साहब पहले यह फ़ुल बाग की शोभा बढाते थे, मोसम ...दराल साहब पहले यह फ़ुल बाग की शोभा बढाते थे, मोसम के हिसाब से उगते थे, लेकिन आज कल यह व्याप की नजर से उगते है, बन्द हालो मै, जहां इन्हे क्रतिय्म रोशनी ओर रासान खादो से बे मोसम उगाया जाता है, ओर नकली मै असली खुशबु कहां होगी जीराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-14606418807096395772010-02-26T21:26:30.785+05:302010-02-26T21:26:30.785+05:30विकास की ये कैसी इंतहा हो गई
जाने कहाँ खो गई खुशबू...विकास की ये कैसी इंतहा हो गई<br />जाने कहाँ खो गई खुशबू गुलाबों की। <br /><br />कुछ हमने छीन ली कुछ तुमने छिन ली<br />परफ्यूम बन गई खुशबू गुलाबों की.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-5540922591529289852010-02-26T21:02:15.990+05:302010-02-26T21:02:15.990+05:30अब तो कागज के फूलों में सेंट लगा कर मन बहलाना पड़े...अब तो कागज के फूलों में सेंट लगा कर मन बहलाना पड़ेगा!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-15703692378415414992010-02-26T19:47:40.427+05:302010-02-26T19:47:40.427+05:30सही कहा है आपने अब शायद ही लौट कर आये शहर के इन फू...सही कहा है आपने अब शायद ही लौट कर आये शहर के इन फूलों की खुश्बू। डा. मिश्र जी ने सही कहा हैनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-191322833371876982010-02-26T18:45:39.301+05:302010-02-26T18:45:39.301+05:30महफूज़ ठीक कह रहे हैं , और इस सबका जिम्मेवार इंसान...महफूज़ ठीक कह रहे हैं , और इस सबका जिम्मेवार इंसान ही है !होली की शुभकामनायें !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-17708424812473063982010-02-26T18:36:25.756+05:302010-02-26T18:36:25.756+05:30mahfooz se sahmat hun..........jab insaan insaan n...mahfooz se sahmat hun..........jab insaan insaan na raha to phir.........??vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-89555346215282753832010-02-26T17:37:19.967+05:302010-02-26T17:37:19.967+05:30ऐसा नई प्रजातियों , रासायनिक उर्वरकों और पर्यावरण ...ऐसा नई प्रजातियों , रासायनिक उर्वरकों और पर्यावरण प्रतिकूलता के कारण भी हो रहा है.जहाँ तक महक की बात है , शहरों में तो शायद ही संभव हो लेकिन गावं के पुरानें परम्परागत गुलाब के फूलों में अभी महक है डॉ साहब.<br />विचारणीय पोस्ट .डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-40245269823524487772010-02-26T17:35:10.312+05:302010-02-26T17:35:10.312+05:30सही कहा , जे सी साहब। कम से कम रंग तो हैं। यानि हो...सही कहा , जे सी साहब। कम से कम रंग तो हैं। यानि होली तो बढ़िया मना ही सकते हैं। फिर रंगों का भी जीवन में अपना महत्त्व है। तभी तो राजस्थानी लोगों की पोशाक इतनी रंग बिरंगी होती है। ताकि रेगिस्तान में भी खुशियाँ छाई रहें।<br /><br />महफूज़ भाई , ठीक कहा आपने , शायद ये हाइब्रिड ही होते हैं।<br />लेकिन वो गुलाबों की भीनी भीनी खुशबू बहुत याद आती है।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-48542858851676695952010-02-26T17:04:57.784+05:302010-02-26T17:04:57.784+05:30हर कोई क्विक मनी और फास्ट मनी का दीवाना है डा० सा...हर कोई क्विक मनी और फास्ट मनी का दीवाना है डा० साहब ! क्या करे, अब अगर मैं धोनी, सचिन का पड़ोसी होता, उनका क्लासमेट होता और भले ही कहीं चाहे क्लास वन आफिसर ही क्यों न होता, क्या मेरे घर वाले उन्हें / उनकी शानोशौकत देख-देख कर मुझे चैन से जीने देते ? यही कहानी इन पुष्पों की भी है!<br />होली की शुभकामनाएं!पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-13829803600519833932010-02-26T17:03:26.513+05:302010-02-26T17:03:26.513+05:30बहुत सही कह रहे हैं आप .. आपको रंग बिरंगी होली की ...बहुत सही कह रहे हैं आप .. आपको रंग बिरंगी होली की शुभकामनाएं !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-36758436134486587272010-02-26T16:56:02.669+05:302010-02-26T16:56:02.669+05:30डा. साहिब, आपके द्वारा प्रस्तुत फोटो में फूलों के ...डा. साहिब, आपके द्वारा प्रस्तुत फोटो में फूलों के रंग चमक रहे है सफ़ेद, लाल और पीला!...दिल खुश हो गया! गनीमत है कि अभी रंग मिटने शुरू नहीं हुए फूलों से: क्यूंकि शायद आदमी ने अभी नहीं सीखा रंग चुराना! <br /><br />बिरला मंदिर के समीप, रिज पर मुफ्त में प्राप्त टेसू के फूलों से होली के रंग बना हम बचपन में पिचकारी में भर रंगते थे दोस्तों को...तब भी बड़े, 'शैतान', लड़के गाढ़े पेंट चेहरा पर लगा होली का मजा बिगाड़ दिया करते थे क्यूंकि वो आसानी से छूटते नहीं थे...<br /><br />होली की शुभकामनाएं!JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-61023018629168675452010-02-26T16:26:55.960+05:302010-02-26T16:26:55.960+05:30डाक्टर साहब आपकी चिन्ता बिल्कुल जायज है, हमें जल्द...डाक्टर साहब आपकी चिन्ता बिल्कुल जायज है, हमें जल्द ही इसके लिए कुछ कदम उठाने चाहिए ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.com