tag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post2569926597973608387..comments2024-03-18T20:01:31.888+05:30Comments on अंतर्मंथन: क्या आप भी फेसबुकिया ब्लॉगिंग कर रहे हैं ?डॉ टी एस दरालhttp://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comBlogger85125tag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-71868790783384128222013-05-17T20:47:18.107+05:302013-05-17T20:47:18.107+05:30मेरे विचार से ब्लोगिंग और फेसबुक में निम्न अंतर भी...मेरे विचार से ब्लोगिंग और फेसबुक में निम्न अंतर भी हैं: <br />ब्लॉग पर तभी टिप्पणियां मिलती हैं, जब आप भी अन्य ब्लोगर्स के ब्लॉग पर खासकर 'सकारात्मक' टिप्पणी करते हैं... यदि आपने गलती से भी किसी पोस्ट पर कोई गलती बता दी या 'नकारात्मक' टिप्पणी कर दी तो समझिये आपके ब्लॉग पर भी ऐसी ही टिप्पणी आने वाली है, दूसरे, ब्लॉग पर लोग टिप्पणियां करने में बड़ी कंजूसी बरतते हैं, जबकि फेसबुक में लोगों का यह रवैया बदल जाता है... फेसबुक पर मित्रता का दायरा ब्लोगिंग के मुकाबले अधिक तेजी से बढ़ता है, और वहां अधिक आसानी से आप अपने 'वर्चुअल मित्रो' की 'स्टेटस अपडेट्स' से 'अपडेट' रह पाते हैं... डॉ. नवीन जोशी https://www.blogger.com/profile/00241771195794155961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-67054894272210366432012-05-05T13:22:39.872+05:302012-05-05T13:22:39.872+05:30सहमत आपकी बात से ... हमने तो अपना एकाउंट बझी नहीं ...सहमत आपकी बात से ... हमने तो अपना एकाउंट बझी नहीं बनाया फेसबुक पे अभी तक ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-62337156910926556752012-05-05T10:45:08.636+05:302012-05-05T10:45:08.636+05:30:)
संजय जी , आपकी पसंद की पोस्ट जल्दी ही .:) <br />संजय जी , आपकी पसंद की पोस्ट जल्दी ही .डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-66615648077141079572012-05-05T10:23:40.751+05:302012-05-05T10:23:40.751+05:30haan nahi to?
pranam.haan nahi to?<br /><br /><br />pranam.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-91611076348517484192012-05-04T21:22:10.684+05:302012-05-04T21:22:10.684+05:30डॉ साहब यह ब्लॉग ही हमारी विरासत है यकीन मानिए हम...डॉ साहब यह ब्लॉग ही हमारी विरासत है यकीन मानिए हमने अपनी ब्लोगिया वसीयत लिख दी है .हमारे जाने के बाद भी ब्लॉग चालू रहेगा 'राम राम भाई '.गलती हमारी सुधारते रहिये .आपका ब्लॉग पर आना हमें सेहत पर कुछ लिखने का हौसला देता है .भूल चूक हमारी सुधारते रहिये ,यूं ही आते - जाते रहिये .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-71166032569874881132012-05-04T21:21:05.444+05:302012-05-04T21:21:05.444+05:30डॉ साहब यह ब्लॉग ही हमारी विरासत है यकीन मानिए हम...डॉ साहब यह ब्लॉग ही हमारी विरासत है यकीन मानिए हमने अपनी ब्लोगिया वसीयत लिख दी है .हमारे जाने के बाद भी ब्लॉग चालू रहेगा 'राम राम भाई '.इ सुधारते रहिये .आपका ब्लॉग पर आना हमें सेहत पर कुछ लिखने का हौसला देता है .भूल चूक हमारी सुधारते रहिये ,यूं ही आते - जाते रहिये .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-88565372822422904772012-05-04T21:09:35.571+05:302012-05-04T21:09:35.571+05:30जब सब देख- बोल लिया गया तो, ज्ञानी-ध्यानी बोल गए, ...जब सब देख- बोल लिया गया तो, ज्ञानी-ध्यानी बोल गए, "शिवोहम/ तत त्वम् असी"! अर्थात हम सभी बास्तव में अमर आत्माएं हैं!!! कुछ हमें हमारे उद्देह्य से भटका रही हैं, और कुछ जो हमें हमारे गंतव्य की ओर संकेत जकर राजे हैं, बोल कर, अथवा मौन रह कर... 'बाबू समझो इशारे/ हौरन पुकारे...' :)JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-69593304361681471222012-05-04T20:13:04.050+05:302012-05-04T20:13:04.050+05:30अदा जी , आप से पूर्णतया सहमत हूँ । दरअसल ब्लॉगिंग ...अदा जी , आप से पूर्णतया सहमत हूँ । दरअसल ब्लॉगिंग इन पांच बातों का ही मिला जुला रूप है । लेकिन फेसबुक पर बहुत बेहूदगी नज़र आती है । हालाँकि कुछ लोग ब्लॉगिंग को भी ऐसा ही बना रहे हैं । इसीलिए यह पोस्ट लिखी ।<br /><br />मौन असहमति में मैं भी विश्वास रखता हूँ । कहने वाले कुछ भी कहते रहें , क्या फर्क पड़ता है । बाकि तो आपने सब कह ही दिया ।<br />आभार ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-11401593610328711332012-05-04T16:49:25.822+05:302012-05-04T16:49:25.822+05:30दराल साहेब,
आपने एक अच्छे विषय पर विमर्श रखा है..आ...दराल साहेब,<br />आपने एक अच्छे विषय पर विमर्श रखा है..आपके प्रश्नों का जवाब सिलसिलेवार देना चाहूँगी...<br /><br />* अपनी अभिव्यक्ति की तमन्ना को पूरा करने के लिए ?<br />जी हाँ ये आप कह सकते हैं, अपनी अभिव्यक्ति को व्यक्त करने की कोशिश करती हूँ....<br /><br />* या ज्ञान बाँटने के लिए ?<br />बाँटने योग्य ज्ञान नहीं है मेरे पास, हाँ सही इन्फोर्मेशन देने की कोशिश ज़रूर करती हूँ...कभी कभी इन्फोर्मेशन कटु भी होते हैं, लेकिन उनको साझा नहीं करना भी पाठकों के प्रति बेईमानी होगी....इसलिए पाठकों के समक्ष ऐसे विषयों को लाना अपना फ़र्ज़ समझती हूँ, अब ये पाठक पर निर्भर करता है उसे वो किस तरह लेता है...हाँ भाषा की शालीनता का उलंग्घन मैंने कभी नहीं किया है...<br />यहाँ एक बात कहना चाहूँगी...आप और आप जैसे कई डॉक्टर्स हैं, जिनके ज्ञान का हम लाभ उठा सकते हैं, आप हम ब्लोगर्स को स्वस्थ जीवन का मार्गदर्शन कर सकते हैं ..<br /><br />* परोपकार या सामाजिक सेवा करने के लिए ?<br />उस इन्फोर्मेशन से अगर किसी व्यक्ति/समूह या समाज की आँखें खुलतीं हैं तो उसे ही सेवा समझूँगी...<br /><br />* मित्र बनाने के लिए ?<br />मित्रता मेरे लिए अमूल्य है, मैंने दुनिया में और कुछ कमाया या नहीं कमाया, बहुत ही अच्छे, ईमानदार, और सच्चे लोगों की मित्रता कमाई है, बिना मिले या समझे मैं किसी को मित्र बनाने के पक्ष में नहीं हूँ...और मुझे विश्वास है ब्लॉग जगत में अच्छे लोगों की कोई कमी नहीं है...जिनसे आज नहीं तो कल मिलना होगा ही...<br /><br />* या टाइम पास करने के लिए ?<br />'टाईम पास', जैसे शब्द का इस्तेमाल करके मैं ब्लोगिंग की गरिमा कम नहीं करना चाहती, यह बहुत ही सशक्त माध्यम है, बहुत कुछ किया जा सकता है...<br />ब्लॉग जगत से मैंने बहुत कुछ सीखा है, मैंने ख़ुद को बदला है...भारतीय समाज और पश्चिमी समाज में बहुत फर्क है, १७ वर्षों से भारत से दूर रह रही हूँ, इसलिए बहुत सारी बातें या तो भूल चुकी हूँ या समझ नहीं पाती हूँ...ब्लॉग्गिंग से जुड़ कर, विदेश में रहते हुए, बिल्कुल भारतीय माहौल मिला जिससे एक बार फिर ख़ुद को उस अनुरूप ढालने का मौका मिला...<br /><br />फेसबुक में मैं हूँ ही नहीं, कारण...मित्र बनाने में मैं ज़रा कमज़ोर हूँ...इसलिए मैं वहाँ के माहौल के बारे में कोई टिप्पणी नहीं कर सकती....<br /><br />ये 'ग्रुप' का कोंसेप्ट ब्लॉग जगत में एक मिथ है, यह सिर्फ़ अटकलबाजी होती है, क़ि कौन किस ग्रुप में है...कई बार ये ठीक होता है और बहुत बार ग़लत..मैं न किसी ग्रुप में कभी थी, न हूँ और न होना चाहती हूँ...<br /><br />मैंने कहा भी है..'मौन असहमति भी हो सकती है'...और मैंने अपने मौन का उपयोग भी किया है...मैं इस बात से बिल्कुल सहमत नहीं हूँ कि चुप रहना कायरता की निशानी है...बल्कि बहुत बोलना कमजोरी और इनफिरियरिटी काम्प्लेक्स की निशानी है...कहावत तो आपने भी सुनी ही होगी...'जो बादल गरजते हैं वो बरसते नहीं हैं...'स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-24146233267347939842012-05-04T13:36:49.576+05:302012-05-04T13:36:49.576+05:30फेस बुक टी -२० है जबकि ब्लॉग टेस्ट क्रिकेट हैफेस बुक टी -२० है जबकि ब्लॉग टेस्ट क्रिकेट हैMrityunjay Kumar Raihttps://www.blogger.com/profile/16617062454375288188noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-16434247334240219292012-05-03T23:48:33.506+05:302012-05-03T23:48:33.506+05:30धाँसू पोस्ट !!
शुभकामनायें आपको !धाँसू पोस्ट !!<br />शुभकामनायें आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-72040734803101171642012-05-03T23:37:48.166+05:302012-05-03T23:37:48.166+05:30Sir all is not dark .Facebook has added feature fo...Sir all is not dark .Facebook has added feature for organ donation.(TOI).virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-63656548835373623922012-05-03T23:35:45.254+05:302012-05-03T23:35:45.254+05:30Sir all is not dark .Facebook has added feature fo...Sir all is not dark .Facebook has added feature for organ donation.(TOI).virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-35709931106344687332012-05-03T23:05:07.332+05:302012-05-03T23:05:07.332+05:30आपकी लिखी हर एक बात से सहमति है,पर यहाँ प्रवीण जी ...आपकी लिखी हर एक बात से सहमति है,पर यहाँ प्रवीण जी की कही बात से पूर्णतः सहमत हूँ।Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-21178606810025505472012-05-03T19:33:35.619+05:302012-05-03T19:33:35.619+05:30क्यों शर्मिंदा करते हैं सलूजा जी । भला अनुभव से ज्...क्यों शर्मिंदा करते हैं सलूजा जी । भला अनुभव से ज्यादा ज्ञान कहीं हो सकता है !डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-25573650987029832122012-05-03T19:30:52.151+05:302012-05-03T19:30:52.151+05:30अजब संयोग है ....
आप ज्ञानी ,हम अज्ञानी ....पर सोच...अजब संयोग है ....<br />आप ज्ञानी ,हम अज्ञानी ....पर सोच जा कर मिल गई ...खुशी हुई !<br />आभार<a href="http://http://ashokakela.blogspot.in/2012/05/blog-post.html" rel="nofollow">एक अपील ...सिर्फ एक बार ?</a><br /><br /> !अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-8277637541927187922012-05-03T19:30:48.523+05:302012-05-03T19:30:48.523+05:30पहले तो आपका स्वागत है अजय भाई ।
फेसबुक और ब्लॉगिं...पहले तो आपका स्वागत है अजय भाई ।<br />फेसबुक और ब्लॉगिंग में बहुत अंतर नज़र आता है । यह फेसबुक पर प्रकाशित होने वाली सामग्री और कमेंट्स को देख कर ही पता चल जाता है ।<br />लेकिन दिग्गज ब्लॉगर क्यों फेसबुक से चिपक गए हैं , इसके कारणों पर भी एक लेख लिखना बनता है । इंतज़ार रहेगा ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-55545262722310063732012-05-03T19:08:50.534+05:302012-05-03T19:08:50.534+05:30Facebook is like a bubblegum( it's only for ti...Facebook is like a bubblegum( it's only for time pass ) and blogging is like food(good for health ). <br /> very nice post Dr. sabमुकेश पाण्डेय चन्दनhttps://www.blogger.com/profile/06937888600381093736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-20768160366423371282012-05-03T18:47:11.212+05:302012-05-03T18:47:11.212+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
हम भी अक्सर फेसबुक पर ब्ल़ग...बहुत सुन्दर प्रस्तुति।<br />हम भी अक्सर फेसबुक पर ब्ल़गिंग का मजा लेते हैं।<br />--<br />आज चार दिनों बाद नेट पर आना हुआ है। अतः केवल उपस्थिति ही दर्ज करा रहा हूँ!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-79139984026343588802012-05-03T18:05:43.478+05:302012-05-03T18:05:43.478+05:30किसी भी पोस्ट पर बाद में पहुंचने का एक फ़ायदा ये हो...किसी भी पोस्ट पर बाद में पहुंचने का एक फ़ायदा ये होता है कि आपको पोस्ट के साथ ही बेहतरीन टिप्पणियां भी पढने को मिल जाती हैं । पोस्ट पर आई टिप्पणियां बता रही हैं , हालांकि इसमें हम तमाम ब्लॉगर/फ़ेसबुकिए ..यानि ब्लॉगर बट्टा फ़ेसबुकिए हैं , इसलिए विचार भी अपेक्षित ही आए हैं । यदि सिर्फ़ उनसे ये प्रश्न किया जाए तो सिर्फ़ फ़ेसबुक पर सक्रिय हैं और ब्लॉगिंग से बहुत ज्यादा परिचित नहीं हैं तो शायद कोई और नज़रिया देखने को मिले । <br /><br />मैं भी एक घनघोर नेटिया हूं , और इस बात को मानता जानता भी हूं । पिछले दिनों ब्लॉगिंग में थोडा सा अनियमित हुआ हां इस बीच फ़ेसबुक को धांग के रख दिया । मैंने देखा कि , मित्र सतीश पंचम , डा अरविंद मिश्र जी , संतोष त्रिवेदी जी , और कमाल धमाल मचाए हुए गिरजेश जी ..फ़ेसबुक पर भी उतने ही मारक और अचूक दिखे पाए जितने ब्लॉगिंग में थे । बल्कि बहुत सारे वो साथी भी वहां विचरते मिले जिन्हें अरसा हो गया ब्लॉगिंग में देखे हुए । <br /><br />सर बात सिर्फ़ इतनी है कि माध्यम बेशक अलग है और दोनों माध्यमों से जुडने वाले भी । हम जो ब्लॉगर बट्टा फ़ेसबुकिए हैं , यकीन मानिए , धार कहीं कभी भी कम नहीं होने देते हैं । ब्लॉगिंग की रफ़्तार में थोडी सी कमी आना सिर्फ़ फ़ेसबुक सक्रियता के कारण नहीं है , हालांकि ये भी एक कारण है । चलिए ब्लॉगिंग को फ़िर से पटरी पर लाया जाएअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-46685901916418994362012-05-03T17:05:37.228+05:302012-05-03T17:05:37.228+05:30आपकी बात से बिल्कुल सहमत हूँ मैं भी ... उत्कृष्...आपकी बात से बिल्कुल सहमत हूँ मैं भी ... उत्कृष्ट विश्लेषण के लिए आभार ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-33586345732588708622012-05-03T16:23:53.166+05:302012-05-03T16:23:53.166+05:30आपसे सहमत !
ब्लागिंग है - 'अभिव्यक्ति की मानव ...आपसे सहमत !<br />ब्लागिंग है - 'अभिव्यक्ति की मानव -सुलभ तृष्णा' की परितृप्ति का साधन !Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-64889399314902771912012-05-03T16:22:31.259+05:302012-05-03T16:22:31.259+05:30आपकी हर एक बात से सहमत हूँ .आपकी हर एक बात से सहमत हूँ .रवीन्द्र प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-18125338476642278312012-05-03T14:15:24.618+05:302012-05-03T14:15:24.618+05:30मैं भी फ़ायरफ़ॉक्स ही इस्तेमाल कर रहा हूँ . लेकिन ...मैं भी फ़ायरफ़ॉक्स ही इस्तेमाल कर रहा हूँ . लेकिन यह समस्या कई महीने से आ रही है .डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5777774725152282226.post-14425800402881470132012-05-03T13:34:40.738+05:302012-05-03T13:34:40.738+05:30आप शायद गूगल क्रोम का उपयोग करते है ...उसमे अक्सर ...आप शायद गूगल क्रोम का उपयोग करते है ...उसमे अक्सर दिक्कत आती है फ़ायरफ़ॉक्स मे कोई दिक्कत नहीं आ रही है ... मैं भी यही उपयोग मे लाता हूँ !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.com